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दगना एक अभिशाप: 2 कुपोषित बच्चियों की अंधविश्वास ने ली जान, महिला गिरफ्तार

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Published : Feb 7, 2023, 7:22 AM IST

dagna in shahdol
दगना प्रथा

एमपी में प्रचलित दगना प्रथा अब अभिशाप बनती जा रही है, दरअसल हाल ही शहडोल में अंधविश्वास से 2 कुपोषित बच्चियों की मौत हो गई थी. फिलहाल पुलिस ने अब एक महिला(दाई) को गिरफ्तार किया है, जिसने मासूमों को दागा था.

शहडोल। दगना कुप्रथा को लेकर शहडोल जिला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, अभी हाल ही में दगना कुप्रथा की वजह से 2 मासूम बच्चियां इसकी शिकार हो गई थीं. कुप्रथा से बच्चियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी, इसके बाद और ज्यादा हड़कंप मच गया था और अब जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमा भी पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है. पुलिस ने पहले तो कुप्रथा मामले में जिम्मेदार पर जिले के सिंहपुर थाने में आरएफआईआर दर्ज की और फिर अब इसके दूसरे दिन संबंधित को गिरफ्तार भी कर लिया गया.

dagna in shahdol woman arrested
दगना का शिकार हुईं बच्ची

मासूम बच्चों को दागने वाली आरोपी गिरफ्तार: इस पूरे मामले को लेकर शहडोल पुलिस ने जानकारी दी है कि शहडोल में जिन दो मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागा गया था, जिससे उन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद शहडोल पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया था और अब 6 फरवरी को आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. पुलिस के मुताबिक "आरोपी रामवतिया चर्मकार, जो कि सामतपुर गांव की ही रहने वाली है उसे गिरफ्तार कर लिया गया है, उक्त महिला दोनों ही प्रकरणों में सम्मलित है. मतलब जिन 2 मासूम बच्चियों की मौत हुई थी, दोनों ही मासूम बच्चियों को इसी महिला ने दागा था जो अब पुलिस के गिरफ्त में हैं."

2 girl child died due to dagna in shahdol
शहडोल में अंधविश्वास से 2 बच्चियों की मौत

दगना का शिकार हुईं 2 बच्चियां: गौरतलब है कि शहडोल जिले में दगना कुप्रथा एक अभिशाप बन चुका है, अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब दगना कुप्रथा की शिकार 2 मासूम बच्चियों हुईं थीं. इसमें पहली बच्ची कठौतिया गांव की रहने वाली जो कि 3 महीने की थी, उसकी मौत मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई थी. वहीं दूसरी बच्ची कठौतिया गांव के पास के ही सामतपुर गांव की थी, जो भी 3 महीने की थी और उसे भी गर्म सलाखों से ही दागा गया था. दगने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ी जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेजलाया गया, फिर उसके बाद जब वहां भी स्थिति में सुधार नहीं आया तो उसके बाद एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए लेकर गए, लेकिन वहां भी उसके परिजन अपने उस मासूम बच्ची की जान नहीं बचा सके.

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पुलिस का एक्शन काबिले तारीफ: जिस तरह से शहडोल जिले में दर्दनाक दगना कुप्रथा एक अभिशाप बनती जा रही है और इसके शिकार मासूम बच्चे हो रहे हैं. शहडोल जिला प्रशासन को इस प्रथा को लेकर अभी और सख्त होना होगा, तो वहीं पुलिस का यह एक्शन (गिरफ्तारी) भी काबिले तारीफ है क्योंकि दगना कुप्रथा को लेकर जब तक लोगों में डर नहीं बनेगा, तब तक इस कुरीति को समाज से हटाया नहीं जा सकता. इसके अलावा अब लोगों को भी समझना होगा कि दगना से इलाज नहीं होता बल्कि जान चली जाती है, इसलिए अगर कोई बीमार हो तो उसे अस्पताल ले जाएं, ना कि किसी दाई के पास गर्म सलाखों से दगवाने ले जाएं.

2 girl child died due to dagna in shahdol
शहडोल में अंधविश्वास से 2 बच्चियों की मौत
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