शहडोल। पिछले दो विधानसभा चुनावों से पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हार मिल रही है. 2013 विधानसभा चुनाव की बात करें या 2018 विधानसभा चुनाव की. दोनों चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग प्रत्याशियों को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें यहां से जीत नहीं मिली. इस बार एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने अलग प्रत्याशी को चुनावी मैदान पर उतारा है, लेकिन इस बार एक युवा चेहरे पर दांव खेला है. हीरा सिंह श्याम को अचानक टिकट नहीं दिया गया. बल्कि काफी पहले से इसके लिए तैयारी की जा रही थी. हीरा सिंह श्याम खुद भी इसके लिए काफी पहले से तैयारी कर रहे थे.
युवाओं में लोकप्रिय हीरा सिंह : हीरा सिंह श्याम युवाओं के बीच काफी फेमस हैं. वह खेल के काफी आयोजन करवाते रहते हैं, जिससे युवाओं को साथ में जोड़े रहते हैं. धार्मिक कार्यक्रमों से भी जुड़े रहते हैं. माना जाता है कि गांवों में उनकी अच्छी पकड़ है. कई गांवों के सरपंच भी हीरा सिंह श्याम ने अपने ही बीच के युवा दोस्तों को बनवाया है. वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. हीरा सिंह श्याम पूर्व में जनपद पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह गांवों की राजनीति में भी काफी सक्रियता रखते हैं. श्याम वर्तमान में भाजपा के जिला महामंत्री भी हैं और संघ के करीबी भी माने जाते हैं.
वीडी शर्मा के करीबी : श्याम को वीडी शर्मा का करीबी माना जाता है. अभी हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब अनूपपुर के दौरे पर आए थे तो उन्होंने हीरा सिंह श्याम के घर खाना खाया था. इसके अलावा श्याम के घर में बीजेपी के युवा कार्यकर्ताओं के साथ करीब एक घंटे चर्चा की थी और यह चर्चा काफी गुप्त रखी गई थी. पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट में भले ही आदिवासी सीट है और भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर काफी पहले अपने प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी है, लेकिन यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती भी रहेगी और वह है अपनी पार्टी के नेताओं के आपसी गुटबाजी को खत्म करना.
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ये है सीट का इतिहास : साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के फुन्देलाल लाल सिंह मार्को ने करीब 35,647 वोट के अंतर से हराया था. भारतीय जनता पार्टी ने साल 2013 में सुदामा सिंह को टिकट दिया था लेकिन फुन्देलाल सिंह मार्को ने जहां 69,192 वोट इस दौरान हासिल किए थे, तो वहीं सुदामा सिंह को 33,545 वोट मिले थे. साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला था और कांग्रेस ने जहां फुन्देलाल सिंह मार्को पर ही दांव खेला था, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र सिंह मरावी को टिकट दिया था, जहां बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह मरावी को फुन्देलाल सिंह ने करीब 21, 401 वोट के अंतर से हराया था.