सिवनी। पेंच नेशनल पार्क के तेलिया बफर जंगल में काला तेंदुआ यानी ब्लैक लेपर्ड 'बघीरा' फिर सैलानियों को नजर आया. काले तेंदुए को सैलानी 'बघीरा' के नाम से पुकार रहे हैं. पर्यटक इसकी एक झलक पाने के लिए तेलिया क्षेत्र में सफारी करने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. दो दिन पहले भी काला तेंदुआ पर्यटकों को नजर आया था. तेलिया बफर के अर्जुन मट्ठा में ब्लैक लेपर्ड को करीब से देखकर सैलानियों का खुशी दोगुनी हो गई. काला तेंदुआ अपने शिकार को खाता हुआ चट्टान पर नजर आया. जिसकी तस्वीरें व वीडियो पर्यटकों और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ने मोबाइल, कैमरे में कैद कर लिया.
काले तेंदुआ की हो रही है लगातार निगरानी
दरअसल पेंच नेशनल पार्क के तेलिया बफर में ब्लैक लेपर्ड बघीरा जुलाई 2020 से दिखाई दे रहा है. पेंच पार्क के अधिकारियों के मुताबिक मादा तेंदुआ के साथ तीन शावक दिखाई दे रहे हैं. इनमें से एक शावक तेंदुआ काले रंग का है. वहीं तेंदुए के इलाके की लगातार मानीटरिंग की जा रही है. द जंगल 'बुक' के प्रमुख किरदार भेड़िया बालक मोगली की जन्म भूमि पेंच नेशनल पार्क को माना जाता हैं. मोगली व बघीरा के बीच गहरी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं. कहानी के इसी पात्र बघीरा से काले तेंदुए को जोड़ा जा रहा है. हालाकि विशेषज्ञों के मुताबिक मेलेनिस्टिक (जींस) कारणों से कई वन्यजीवों का रंग बदल जाता हैं, काला तेंदुआ भी इसी का नतीजा हो सकता हैं.
सैलानियों का बढ़ा रोमांच
सफारी के दौरान जिप्सी के सामने से निकलते ब्लैक लेपर्ड की तस्वीर पेंच पार्क के वाइल्ड लाइफ के फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद कर ली. फुर्तीला तेंदुआ हल्की आहट पाकर घने जंगल में ओझल हो जाता है. ब्लैक लेपर्ड की उम्र करीब एक साल है. पेंच पार्क के अधिकारियों के मुताबिक मादा तेंदुआ के साथ तीन शावक दिखाई दे रहे हैंं. इनमें से एक शावक तेंदुआ काले रंग का है.जबकि काला तेंदुआ शावक 27 जुलाई को सबसे पहले दिखाई दिया था. 17 सितंबर व 28 नवंबर को भी पर्यटकों को सफारी के दौरान काला तेंदुआ शावक नजर आया था. काला तेंदुआ दिखाई देने से सैलानियों में सफारी का रोमांच कई गुना बढ़ गया हैं. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, गाइड, जिप्सी चालक व सैलानियों में काले तेंदुए को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा हैं.