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बुंदेलखंड का दशरथ मांझी, 70 साल की उम्र में उठाई कुदाल और कर दिया कमाल

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Published : Feb 13, 2023, 9:09 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 10:48 PM IST

जब कुछ करने का ठान लिया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. बिहार के दशरथ मांझी कारनामें से तो आप बखूबी वाकिफ होंगे. आज हम आपको बताएंगे बुंदेलखंड के दशरथ मांझी कहे जाने वाले सीताराम के बारे में जिन्होंने 70 साल की उम्र में वो कर दिखाया है जो कम उम्र के लोगों के लिए भी आसान काम नहीं है.

dashrath manjhi of bundelkhand
बुंदेलखंड का दशरथ मांझी

बुंदेलखंड के दशरथ मांझी

सागर। बुंदेलखंड के लवकुश नगर के 70 वर्षीय किसान सीताराम राजपूत को अगर बुंदेलखंड का दशरथ मांझी कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि जिस तरह बिहार के दशरथ मांझी ने पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाया था उसी तरह से सीताराम राजपूत ने 70 वर्ष की उम्र में बिना किसी सरकारी मदद के 3 कुएं खोदने का काम किया है. करीब 3 साल पहले उन्होंने ये कारनामा करके दिखाया था और जब इसकी खबर दिग्गज क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण को लगी तो सीताराम राजपूत की किस्मत बदल गई. दरअसल व्हीव्हीएस लक्ष्मण ने सीताराम राजपूत के कारनामे को ट्वीट किया था और प्रशासन से उनकी मदद का आग्रह किया था. वीवीएस लक्ष्मण के ट्वीट के बाद प्रशासन हरकत में आया और कृषि विभाग और राजस्व विभाग ने तत्काल सीताराम राजपूत के लिए मदद का पिटारा खोल दिया.

70 साल की उम्र 18 महीने में अकेले खोद डाला कुंआ: बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के लवकुश नगर तहसील के प्रतापपुरा पंचायत के हडुआ गांव के रहने वाले 70 साल के किसान सीताराम राजपूत इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं और हो भी क्यों ना, सीताराम राजपूत ने आराम करने की इस उम्र में ऐसा कमाल किया है जो जवानी के दिनों में भी लोग ना कर पाए. सीताराम राजपूत ने बिना किसी सरकारी मदद के अपने खेत पर सिंचाई के लिए अकेले ही कुआं खोदा है. 2018 में सीताराम राजपूत ने यह कमाल करके दिखाया था. इस काम के लिए उन्हें 18 महीने का वक्त लगा था और 22 हाथ पर पानी निकल आया. सीताराम राजपूत की बात करें, तो उन्होंने एक कुआं अकेले खोदा और फिर परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ मिलकर दो कुएं और खो दिए.

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वीवीएस लक्ष्मण के ट्वीट ने बदल दी जिंदगी: बिना किसी सरकारी योजना और बिना किसी मदद के सीताराम राजपूत के इस कमाल की जानकारी जब क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण को लगी, तो उन्होंने ट्वीट करके सीताराम राजपूत की मदद का आग्रह प्रशासन से किया. वीवीएस लक्ष्मण के ट्वीट के बाद छतरपुर प्रशासन जागा और कृषि विभाग के एसडीओ और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. तत्काल प्रशासन द्वारा सीताराम राजपूत की मदद के लिए योजनाओं का पिटारा खोला गया. इसके अलावा उनका नाम बीपीएल की सूची में भी शामिल किया गया है.

क्या कहना है सीताराम राजपूत का: किसान सीताराम राजपूत का कहना है कि हम लोग खेती के लिए सिंचाई के लिए परेशान थे. कुआं खोदने का मन में विचार तब आया जब मेरे भाई कहने लगे कि बिना पैसे के कुआं खोदना संभव नहीं है लेकिन मैनें गैंती फावड़ा उठाकर कुआं खोदना शुरू कर दिया और जब करीब 2 हाथ कुंआ खोद लिया, तो मेरे भतीजे गैंती फावड़ा लेकर चले गए लेकिन बाद में फिर वह रख गए. सीताराम ने बताया कि 18 महीने लगातार मेहनत करके कुंआ खोदा. 22 हाथ पर कुएं में बढ़िया पानी निकला है. उन्होने कहा कि जब एक कुंआ अकेले खोद लिया, तब मेरे परिवार के लोगों ने मेरी मदद करना शुरू किया और फिर 2 और कुंए परिजनों और मजदूरों की मदद से खोदे. इन कुंओं को खोदने में किसी की सरकारी मदद नहीं मिली है. सीताराम ने बताया कि हाल ही में अभी तहसीलदार और सीईओ साहब आए थे तो उन्होंने कहा है कि कुंए के लिए 2 लाख 10 हजार रुपए मिलेंगे. मेरा कुआं अभी बंधा हुआ नहीं है, इन पैसों से कुएं को बांधने का काम करेंगे.

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कृषि विभाग की योजनाओं का दिया जाएगा लाभ: कृषि विभाग के अधिकारी शरद त्रिपाठी ने बताया कि हमें जानकारी लगी थी कि हडु़आ गांव के सीताराम राजपूत ने अकेले दम पर कुआं खोदा है. आज हमने आकर उनसे मुलाकात की है और कृषि विभाग की तरफ से स्प्रेयर पंप और केंचुआ खाद बनाने के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा कुंए को बांधना जरूरी है लेकिन कुंए की योजना कृषि विभाग के अंतर्गत नहीं आती है. हमारे विभाग के अंतर्गत ऑनलाइन स्प्रिंकलर और पाइप मिलते हैं. जिसकी जानकारी सीताराम राजपूत को दी गई है इसके अलावा हम गर्मी में भिंडी और मूंग का बीज उपलब्ध कराएंगे.

बीपीएल में जोड़ा गया नाम मिलेगा योजनाओं का लाभ: लवकुशनगर के तहसीलदार अनिल तलैया का कहना है कि हमें जानकारी मिली थी कि तहसील क्षेत्र के हड़ुआ गांव के सीताराम राजपूत ने खुद मेहनत करके अकेले दम पर कुंआ खोदा है, यह काम तारीफ के काबिल है. उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए उनका बीपीएल कार्ड बनाया गया है. वह अविवाहित और उनका नाम समग्र आईडी में उनके भतीजे के साथ जुड़ा है तो उसको अलग किया गया है. ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. कृषि विभाग भी द्वारा भी उनको भी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.

Last Updated :Feb 13, 2023, 10:48 PM IST
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