सागर। सरकार और समाज की लाख कोशिशों के बाद भी बुंदेलखंड में बाल विवाह का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बाल विवाह को लेकर सरकार भले सख्त कानून बनाए और सजा का प्रावधान करे, लेकिन बुंदेलखंड में सालों से चली आ रही परंपरा अभी भी जारी है. हाल ही में सागर जिले के दो थाना इलाकों में बाल विवाह के मामले सामने आए हैं. पुलिस की स्पेशल सेल ने सूचना मिलने पर दोनों शादियां रुकवा दी हैं, लेकिन इन मामलों से साफ है कि ही बाल विवाह की परंपरा बेरोकटोक जारी है.
जिले के देवरी थाना के शास्त्री वार्ड में एक 15 साल की लड़की की शादी 35 साल के अधेड़ युवक से की जा रही थी. पुलिस के पहुंचने पर बारातियों ने काफी हंगामा भी किया. इसके अलावा जिले के बहरोल थाना में दो नाबालिगों की शादी कराई जा रही थी. जिसकी सूचना पुलिस को मिली और शादी रूकवाने पुलिस पहुंची लेकिन परिवार वालों ने दूल्हा-दुल्हन को छिपा दिया. पुलिस पहले तो खाली हाथ वापस आ गई लेकिन फिर से शादी की खबर मिलने पर जब मौके पर पुलिस पहुंची, तो नाबालिग दूल्हा दुल्हन की शादी हो रही थी.
नाबालिग से अधेड़ की की शादी: विशेष किशोर इकाई की प्रभारी ज्योति तिवारी से मिली जानकारी के अनुसार देवरी थाना के शास्त्री वार्ड में बाल विवाह की सूचना मिली थी. सूचना पर जब विशेष इकाई और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, तो बारात में शामिल लोगों और वधू पक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. लेकिन जब पुलिस सख्ती पर उतरी, तो नाबालिग दुल्हन को पुलिस के सामने पेश किया गया और जब दस्तावेज जांचे गए तो दुल्हन की उम्र महज 15 साल थी और जिस दूल्हे से उसकी शादी रचाई जा रही थी, उसकी उम्र 35 साल थी. विशेष पुलिस इकाई ने बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की.
पुलिस पहुंची तो छिपे दूल्हा-दुल्हन: जिले के बहरोल थाना पुलिस की स्पेशल सेल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बहरोल थाना अंतर्गत नाबालिग लड़की और लड़के की शादी रचाई जा रही है. सूचना मिलने पर पहले बहरोल थाना की डायल 100 गाड़ी मौके पर पहुंची,तो दूल्हा दुल्हन के परिजनों ने दूल्हा दुल्हन को छुपा दिया और पुलिस के सामने दूसरा दूल्हा पेश कर दिया. पुलिस जब मौके से वापस आ गई, तो फिर नाबालिग दूल्हा दुल्हन की शादी की रश्म शुरू की गई और इसकी सूचना फिर स्पेशल सेल को मिली. स्पेशल सेल ने मौके पर जाकर देखा, तो दूल्हा दुल्हन दोनों नाबालिग थे और उनकी शादी हो रही थी. स्पेशल सेल द्वारा यह शादी भी रोक दी गई.
बालविवाह पर सख्त कानून: सरकार द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाती है इस कानून के तहत बाल विवाह करने पर जुर्माने और कड़ी सजा का प्रावधान है.
- कानून के तहत, विवाह के समय लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए.
- अधिनियम के तहत बाल विवाह करने पर 2 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना हो सकता है.
- अधिनियम में प्रावधान है कि वर वधु के माता-पिता के अलावा विवाह कराने वाले पंड़ित, बैंडबाजे वाले और विवाह में भाग लेने वाले अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
- केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन करके बालिकाओं की भी विवाह की उम्र 21 साल कर दी है. ऐसी स्थिति में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, क्योंकि अब 21 साल से कम उम्र की लड़की की शादी भी इसी श्रेणी में आएगी.
बुंदेलखंड में जारी हैं बाल विवाह, लड़कियों की शादी की उम्र 21 करने से क्या कुप्रथा पर लग जाएगी रोक?
नहीं रूक रहे बालविवाह: बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की विशेष किशोर इकाई की होती है. सूत्रों की मानें तो पुलिस की विशेष इकाई के लिए वाहन की सुविधा ना होने के कारण लाचार नजर आती है वहीं दूसरी तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग पुलिस को सूचना देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है. ग्रामीण इलाकों में चोरी छुपे बड़े पैमाने पर बाल विवाह किए जाते हैं जिसकी खबर पुलिस प्रशासन तक नहीं पहुंच पाती है. संभागीय मुख्यालय सागर में पिछले 3 साल के दौरान बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत रोके गए बाल विवाह की संख्या इस प्रकार है.
साल - रोके गए बाल विवाह
2018 - 10
2019 - 44
2020 - 110
2021 - 71
2022-23- 04