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रीवा: जिला अस्पताल में दुकान आवंटित करने के नाम पर लाखों का घोटाला, एक बार फिर बैठेगी जांच

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Published : Oct 11, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:11 PM IST

जिला अस्पताल में दुकान आवंटित करने के मामले में लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है. रीवा कलेक्टर ने इसे संज्ञान में लिया है और मामले में एक बार फिर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

दुकान आवंटन के मामले में बड़ा घोटाला

रीवा। जिले की कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति चिकित्सालय और जिला अस्पताल परिसर में दुकान बनाने और उसे आवंटित करने के मामले में लाखों रुपए के घोटाला सामने आया है. जिला अस्पताल परिसर में रोगी कल्याण समिति ने 36 दुकानें बनवानी थीं, लेकिन 36 की जगह 48 दुकान बनवा डाली. इसके बाद भी आवंटन में कुछ अनियमितताएं की गई हैं. माना जा रहा है कि रिश्तेदारों के नाम पर दुकानों का आवंटन करा दिया गया. रीवा कलेक्टर ने इसे संज्ञान में ले लिया है और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

दुकान आवंटन के मामले में बड़ा घोटाला

आरोप है कि तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ एसके त्रिपाठी ने इस निर्माण में भी अनियमितता की थी. 36 की जगह 48 दुकानें बनवा दी और बाद में इसके आवंटन में भी अनियमितता की गई. आरोप ये भी है कि डॉ. एसके त्रिपाठी ने खुद के परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम करीब आठ दुकानें करा ली थी.

दरअसल, दुकान आवंटन के मामले में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे. मामले में जांच भी बैठी, लेकिन जांच को दबा दिया गया और जांच अभी तक फाइलों में ही सीमित है. खास बात ये है कि आरोपी जीएस कुछ ही दिनों में अपने कार्यकाल से रिटायर हो जाएंगे. हालांकि तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने मामले में जांच बैठक बुलाई थी. डॉक्टर एस के त्रिपाठी की कारगुजारी की जानकारी लगाने के बाद दुकान आवंटन के सारे रिकॉर्ड भी खंगाले थे, लेकिन उसके बाद उनका स्थानांतरण होने के बाद यह पूरा मामला दबा दिया गया.

फिलहाल रीवा कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने इस बात को फिर संज्ञान में लिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा मामला आया तो था लेकिन फिर उसके बाद में जांच नहीं हुई. इस मामले की एक बार फिर जांच कराएंगे और जो भी उचित पहलू सामने आएंगे उसे मीडिया के सामने रखा जाएगा.

Intro:रीवा जिले की कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति चिकित्सालय या फिर कहें तो जिला अस्पताल में परिसर में दुकान बनाने को और उसे आवंटित करने के मामले को लेकर लाखों रुपए घोटाला होना सामने आ रहा है... जिला अस्पताल परिसर में रोगी कल्याण समिति ने 36 दुकाने बनवानी थी लेकिन 36 की जगह 48 दुकान बनवा डाली इसके बाद भी आवंटन में कुछ अनियमितताएं की गई हैं ऐसा मानना है कि रिश्तेदारों के नाम पर दुकानों का आवंटन करा दिया गया... फिलहाल रीवा कलेक्टर ने इसे संज्ञान में ले लिया है और कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है...


Body:मामला कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल परिसर में रोगी कल्याण समिति ने 36 दुकाने बनवानी थी तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ एसके त्रिपाठी ने इस निर्माण में भी अनियमितता की थी 36 की जगह 48 दुकाने बनवा डाली थी बाद में इस के आवंटन में भी अनियमितता की गई थी रिश्तेदार के नाम दुकान का आवंटन कर दिया था खुद के परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम करीब 8 दुकानें करा ली थी इसके अलावा जिला अस्पताल में ही पदस्थ स्टोरकीपर ने भी दुकान में कब्जा कर लिया था..


इन दुकान आवंटन में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे मामले में जांच भी बैठी लेकिन सब कुछ दब गई जांच अभी फाइलों में है लेकिन इन मामलों मैं आरोपी जीएस अभी कुछ ही दिनों में रिटायर हो जाएंगे और इन मामलों से बच जाएंगे उनके रिटायरमेंट को अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं लेकिन रिकवरी और आरोप पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने मामले में जांच बैठक बुलाई थी डॉक्टर एस के त्रिपाठी की कारगुजारी की जानकारी लगाने के बाद दुकान आवंटन के सारे रिकॉर्ड खंगाल डाला था लेकिन उसके बाद उनका स्थानांतरण होने के बाद यह पूरा मामला दबा दिया गया इस मामले में कलेक्टर ने टीम गठित कर दी थी जांच में प्रथम दृष्टया अनियमितता मिली थी डॉक्टर एस के त्रिपाठी के अलावा कई कर्मचारी अधिकारी भी इस में फस रहे थे...



हाल फिलहाल में रीवा कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने इस बात को फिर संज्ञान में लिया है उन्होंने कहा है कि ऐसा मामला आया तो था लेकिन फिर उसके बाद में जांच नहीं हुई हम इस मामले की एक बार फिर जांच कराएंगे और जो भी उचित पहलू सामने आएंगे उसे मीडिया के सामने रखा जाएगा....


byte- ओम प्रकाश श्रीवास्तव रीवा कलेक्टर.


Conclusion:....
Last Updated : Oct 16, 2019, 1:11 PM IST
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