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हादसे के बाद वाहन बीमा कंपनी कैसे करती हैं गुमराह, कैसे रहें सावधान, राजगढ़ का ये केस ध्यान से पढ़ें

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 4:25 PM IST

राजगढ़ में जिला उपभोक्ता फोरम ने कार का बीमा करने वाली कंपनी को सबक सिखाया है. फोरम ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि कार की नुकसान की भरपाई करें. साथ ही इसका ब्याज भी वाहन मालिक को दें. बता दें कि बीमा कंपनी ने क्लेम से बचने के लिए सर्वे रिपोर्ट में खेल करा दिया था. Rajgarh Forum Court decision

Rajgarh Forum Court decision
वाहन दुर्घटना केस में बीमा कंपनी को फोरम कोर्ट का आदेश
वाहन दुर्घटना केस में बीमा कंपनी को फोरम कोर्ट का आदेश

राजगढ़। वाहन से होने वाली दुर्घटना और नुकसान का क्लेम पाने सहित अन्य विवादों से बचने के लिए आमजन अपने वाहनों का बीमा कराते हैं. लेकिन बीमा कंपनिया बीमाधारकों को गुमराह कर देती हैं. इसका उदाहरण राजगढ़ में भी देखने को मिला. उपभोक्ता की और से पैरवी कर रहे अभिभाषक जेपी शर्मा ने बताया कि 6 दिसंबर 2021 को कुलेन्द्र सिंह राठौर की स्विफ्ट डिजायर कार ब्यावरा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस कार का बीमा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने किया था.

कंपनी ने क्यों बदला सर्वेयर : उपभोक्ता ने घटना की सूचना तत्काल थाना देहात ब्यावरा और इफको टोकियो बीमा कंपनी के कार्यालय को दी. बीमा कंपनी ने वाहन में हुए नुकसान के आकलन के लिए अपना सर्वेयर विकास लववंशी को नियुक्त किया, जिसने आवेदक के दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 1.80 लाख रुपए का नुकसान होना पाया. उसने बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की. बीमा कंपनी ने देखा कि सर्वेयर द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर क्षतिग्रस्त वाहन को टोटल लास में दिखाया नहीं जा सकता तो धोखाधड़ी की गई. बीमा कंपनी ने सुनियोजित रूप से दूसरे ही दिन अपना सर्वेयर बदलते हुए नया सर्वेयर असीम अली को नियुक्त किया.

नई सर्वे रिपोर्ट बनवाई : नए सर्वेयर द्वारा बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपनी नई सर्वे रिपोर्ट तैयार की और आवेदक के वाहन में हुए नुकसान का इस्टीमेट 2 लाख 79 हजार रुपये तैयार किया. वाहन को टोटल लॉस में डालने के लिए ऐसा किया गया. उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह बीमा कंपनी द्वारा उसके साथ हुए छल को समझ गया और उसने जागरूकता दिखाते हुए सर्वेयर एवं लॉस असेसर महेंद्र जायसवाल को नियुक्त किया. जिसने आवेदक के वाहन में वास्तविक नुकसान 1 लाख 70 रुपये का होना पाया और स्टीमेट तैयार किया. जबकि बीमा कंपनी आवेदक के वाहन को टोटल लास में डालकर उसे मात्र 64,564 रुपये का भुगतान ही करना चाहती थी. इसे जिसे आवेदक ने लेने से इंकार कर दिया था.

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फोरम कोर्ट ने दिया फैसला : परेशान आवेदक उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह राठौर नें बीमा कंपनी के विरुद्ध सेवा में कमी के आधार पर दावा उपभोक्ता अदालत राजगढ़ के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया, जिसमें अदालत द्वारा आवेदक के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए उपभोक्ता को उसके वाहन में हुए नुकसान की राशि 1 लख 70 हजार रुपये एकमुश्त अदा करने तथा उक्त राशि पर आवेदन प्रस्तुति दिनाँक से 7% ब्याज भी दिए जाने का निर्णय पारित किया. इसके अतिरिक्त आवेदक को हुई मानसिक क्षति के 20 हजार रुपये अलग से 5 हजार रुपये मुकदमा खर्च भी बीमा कंपनी से आवेदक को मय ब्याज के दो माह की अवधि में भुगतान करने का आदेश दिया है.

वाहन दुर्घटना केस में बीमा कंपनी को फोरम कोर्ट का आदेश

राजगढ़। वाहन से होने वाली दुर्घटना और नुकसान का क्लेम पाने सहित अन्य विवादों से बचने के लिए आमजन अपने वाहनों का बीमा कराते हैं. लेकिन बीमा कंपनिया बीमाधारकों को गुमराह कर देती हैं. इसका उदाहरण राजगढ़ में भी देखने को मिला. उपभोक्ता की और से पैरवी कर रहे अभिभाषक जेपी शर्मा ने बताया कि 6 दिसंबर 2021 को कुलेन्द्र सिंह राठौर की स्विफ्ट डिजायर कार ब्यावरा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस कार का बीमा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने किया था.

कंपनी ने क्यों बदला सर्वेयर : उपभोक्ता ने घटना की सूचना तत्काल थाना देहात ब्यावरा और इफको टोकियो बीमा कंपनी के कार्यालय को दी. बीमा कंपनी ने वाहन में हुए नुकसान के आकलन के लिए अपना सर्वेयर विकास लववंशी को नियुक्त किया, जिसने आवेदक के दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 1.80 लाख रुपए का नुकसान होना पाया. उसने बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की. बीमा कंपनी ने देखा कि सर्वेयर द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर क्षतिग्रस्त वाहन को टोटल लास में दिखाया नहीं जा सकता तो धोखाधड़ी की गई. बीमा कंपनी ने सुनियोजित रूप से दूसरे ही दिन अपना सर्वेयर बदलते हुए नया सर्वेयर असीम अली को नियुक्त किया.

नई सर्वे रिपोर्ट बनवाई : नए सर्वेयर द्वारा बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपनी नई सर्वे रिपोर्ट तैयार की और आवेदक के वाहन में हुए नुकसान का इस्टीमेट 2 लाख 79 हजार रुपये तैयार किया. वाहन को टोटल लॉस में डालने के लिए ऐसा किया गया. उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह बीमा कंपनी द्वारा उसके साथ हुए छल को समझ गया और उसने जागरूकता दिखाते हुए सर्वेयर एवं लॉस असेसर महेंद्र जायसवाल को नियुक्त किया. जिसने आवेदक के वाहन में वास्तविक नुकसान 1 लाख 70 रुपये का होना पाया और स्टीमेट तैयार किया. जबकि बीमा कंपनी आवेदक के वाहन को टोटल लास में डालकर उसे मात्र 64,564 रुपये का भुगतान ही करना चाहती थी. इसे जिसे आवेदक ने लेने से इंकार कर दिया था.

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