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राष्ट्रीय बाल आयोग ने लगाया कैंप, 800 आवेदनों का किया गया निराकरण

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Published : Dec 10, 2019, 8:43 AM IST

Updated : Dec 10, 2019, 10:45 AM IST

राजगढ़ जिले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने कैंप का आयोजन किया. जिसमें बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं सुनी गई और उनके निराकरण के लिए प्रशासन को उचित निर्देश दिए गए.

National Children Commission set up camp in rajgarh
राष्ट्रीय बाल आयोग ने लगाया कैंप

राजगढ़। जिले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने कैंप का आयोजन किया. जिसमें बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं सुनी गई और उनके निराकरण के लिए प्रशासन को उचित निर्देश दिए गए. इस दौरान कैंप में अव्यवस्थाओं को लेकर बाल आयोग के अध्यक्ष ने प्रशासन को खरी- खोटी सुनाई और इसकी जिम्मेदारी लेते हुए दोबारा शिविर लगाने की बात कही.

राष्ट्रीय बाल आयोग ने लगाया कैंप

कई सूचकांकों में पिछड़ा है जिला
राजगढ़ जिले कई मामलों में अभी भी पिछड़ा हुआ है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हैं. जिसके चलते नीति आयोग ने इसे 117 संवेदनशील जिलों में शामिल किया है. जिससे इन जिलों को मुख्यधारा में लाया जा सके. इस कैंप में 1200 आवेदन प्राप्त हुए, जिनका निराकरण किया गया.

लचर स्वास्थ्य व्यवस्था
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं काफी लचर हैं. जिसके लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग को सर्जरी की जरूरत है. वहीं कैंप के दौरान जिनका मानसिक विकलांग प्रमाण नहीं बन पाया, उन्हें भोपाल बुलाया गया है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है.

उत्पीणन पर कार्रवाई के निर्देश

इस दौरान एक मामला पॉक्सो एक्ट के आरोपी द्वारा बालिका को परेशान करने का था. जिस पर आयोग ने आरोपी और उसके साथियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. वहीं एक मामला बिना रजिस्ट्रेशन एक स्कूल में बालगृह चलाए जाने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

बच्चा चोरी की घटनाओं पर टीम देगी रिपोर्ट
वहीं जिले में लगातार हो रही बच्चा चोरी घटनाओं पर उन्होंने कहा कि, इसके लिए पुलिस को निर्देशित करने के साथ ही एक रिसर्चर की टीम भेजा जाएगा. जिनमें न्याय विभाग के कुछ अधिकारी और कुछ रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी शामिल होंगे. जो इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करेंगे.

आयोग ने प्रशासन को लगाई फटकार
उन्होंने कहा कि एक बेंच के दौरान सारी समस्याओं का निवारण नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते प्रशासन को फटकारते हुए उन्होंने कहा कि तीन बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने यहां उचित व्यवस्थाएं नहीं की है. लेकिन हम फिर से पुनः प्रयास करेंगे कि राजगढ़ जिले में फिर से एक नया बेंच लगाया जाए, जिसमें बच्चों की समस्त समस्याओं का निराकरण हो सके.

Intro:जिले में राष्ट्रीय बाल आयोग द्वारा किया गया कैंप का आयोजन जिसमें जिले के अनेक समस्याओं को लेकर आए बच्चों की समस्याएं राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सुनी और उचित निवारण के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए।


Body:मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला जहां नीति आयोग के 117 आकांशी जिलों में शामिल है जो काफी समस्याओं से ग्रसित हैं और उनको नीति आयोग द्वारा चिन्हित किया गया है इसी को लेकर जहां आज राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा एक कैंप का आयोजन किया गया था जिसमें बहुत अत्यधिक मात्रा में शिकायतकर्ता और आवेदन करता राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष के पास पहुंचे थे और उन्होंने अपने आवेदन द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को अपनी समस्याएं सुनाई वहीं जहां जिले में बच्चों से संबंधित 1200 आवेदन प्राप्त हुए जिनका निराकरण बेंच द्वारा किया गया और वहीं इसी दौरान राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्वारा लगातार प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा था , जिले की व्यवस्था को लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन से लगातार सवाल भी किए और उनसे लगातार हर गतिविधि पर वे राय जान रहे थे, वहीं राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मानसिक विकलांग प्रमाण पत्र हेतु बच्चों का प्रशिक्षण हेतु बच्चों को भोपाल बुलाया है और उन सभी बच्चों को भोपाल लाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

वहीं इस राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि भारत सरकार की नीति आयोग द्वारा देश के 117 जिलों का चयन किया गया था यह वह जिले हैं जो देश के बाकी जिलों से कुछ सूचकांकों में पिछड़े हुए हैं जिसमें शिक्षा स्वास्थ्य और अन्य चीजों में जो महत्वपूर्ण है उनमें पिछड़े हुए हैं, वहीं उन्होंने कहा कि हमारी बेंच द्वारा यह डिसाइड किया गया है कि हम सब इन जिलों मैं बच्चों से संबंधित समस्याओं का निराकरण कर इन सब जिलों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करेंगे और बच्चों की मदद करेंगे, इसी कड़ी में आज हमारा राजगढ़ जिले में इंस्पेक्शन था। वहीं उन्होंने कहा कि बाल आयोग में शिकायत करने के बहुत से तरीके हैं चाहे हमारी वेबसाइट पर जाकर कोई भी शिकायत कर सकता है वही हमारे दिल्ली के पते पर भी पत्र के द्वारा शिकायत पहुंचाई जा सकती है।



Conclusion:वहीं उन्होंने जिले में कुछ मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे सामने एक बॉक्स और मामला सामने आया था जिसमें आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद बच्ची को तंग कर रहा इसमें हमने फिर से मामला दर्ज करने की और उसके सभी साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं।
वहीं जिला मुख्यालय पर स्थित एक स्कूल पर उन्होंने कार्रवाई करते हुए उसके विरुद्ध थाने में एफ आई आर दर्ज की गई और उन्होंने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के बाल ग्रह का संचालन हो रहा था, जिसमें बच्चे फिनाइल बनाने का काम कर रहे थे, जो बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन है ,जिसमें हम ने पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल खड़े किए और उन्होंने कहा कि जिले कि सस्वास्थ्य व्यवस्थाएं काफी लाचार व्यवस्थाओं में से एक है और उन्होंने कहा कि यहां पर पूरे स्वास्थ्य विभाग को सर्जरी की जरूरत है। वहीं जिले में लगातार बच्चों द्वारा चोरी करने की घटनाएं और बाहर से बच्चे लाकर चोरी करवाने की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि इसमें हमने पुलिस को निर्देशित किया है , वही इन व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए हम यहां पर एक रिसर्चर की टीम भेजेंगे जिनमें न्याय विभाग के कुछ अधिकारी और कुछ रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी शामिल होंगे जो एक रिपोर्ट पेश करेंगे कि यहां पर कैसी क्या जरूरत है।

वहीं जहां हमने देश के विभिन्न हिस्सों में बेंच के द्वारा काफी समस्याओं का निराकरण किया है परंतु हमको यहां पर देखने में आया है कि एक बेंच के दौरान सारी समस्याओं का निवारण नहीं हो पा रहा है वहीं उन्होंने बच्चों से माफी मांगते हुए कहा कि इसलिए यहां पर स्थानीय प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्थाएं नहीं की है, नहीं यहां पर दो से तीन बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद भी यहां पर जिला प्रशासन व्यवस्थाएं ठीक करने में नाकाम रहा है, वहीं इसकी जिम्मेदारी भी आयोग लेता है परंतु हम फिर से पुनः प्रयास करेंगे कि राजगढ़ जिले में फिर से एक नया बेंच लगाया जाए जिसमें बच्चों की समस्त समस्याओं का निराकरण हो सके।


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राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की बैच का

बाइट

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो
Last Updated :Dec 10, 2019, 10:45 AM IST
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