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Raisen News: शिक्षा के अमृत महोत्सव के बीच नाले के पास पड़ी मिली सरकारी किताबें, कबाड़ी को बेचने की कोशिश

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Published : Jul 23, 2023, 8:57 PM IST

Preparation to sell government books in Raisen
रायसेन में सरकारी किताबों को बेचने की तैयारी

रायसेन में शिक्षा के अमृत महोत्सव के बीच खुले में सरकारी किताबें मिली. स्कूल के कर्मचारी किताबों को बेचने का प्रयास कर रहे थे. जिला शिक्षा अधिकारी ने संज्ञान लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

रायसेन। सांची विधानसभा क्षेत्र के ग्राम महूपथरई में शिक्षा विभाग की लापरवाही का बहुत बड़ा मामला सामने आया है. जहां पर शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए पढ़ने के लिए आई शासकीय किताबें खुली हुई नालियों के आसपास पड़ी हुई दिखाई दी. जब ग्रामीणों की नजर उन पर पड़ी तो ग्रामीणों द्वारा इस पर नाराजगी व्यक्त की गई. मौके पर करीब 10 से 12 ग्रामीणों के पहुंचने की सूचना जैसे ही स्कूल स्टॉफ और शिक्षा विभाग को मिली तो आनन-फानन में शिक्षा विभाग के 10 से अधिक शिक्षक घटनास्थल पर पहुंच गए और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. ग्रामीणों का आरोप है कि इन किताबों को कबाड़ी को बेचा जा रहा था. जैसे ही कुछ ग्रामीणों की नजर इस चीज पर पड़ी तो बेचने वाले लोगों ने किताबों को मौका स्थल पर ही छोड़कर रफूचक्कर हो गए. मौके से कई किताबें गायब हैं.

अच्छे शिक्षा कैसे मिलेगी: रायसेन जिले में शिक्षा का अमृत महोत्सव चल रहा है. बच्चों को सीएम राइस स्कूल के साथ शासकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कोशिश हो रही है. अच्छी शिक्षा के दावे किए जा रहे हैं. ऐसे में सांची विधानसभा क्षेत्र के रायसेन जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम महूपथरई के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में स्कूली छात्रों के लिए किताबें पहुंचाई गई. किताबे अल सुबह रविवार को स्कूल से कुछ दूरी पर नाली के आसपास पड़ी हुई दिखाई देने से सरकार की पोल खुलती नजर आ रही है.

किताबों को कबाड़ी में बेचने की थी तैयारी: ग्रामीण राकेश ठाकुर का कहना है कि "वह सुबह 8 बजे अपने खेत की ओर जा रहा था. तब कुछ लोग इन किताबों को कबाड़ी को बेच रहे थे. जब मैंने किताबों को बेचने से रोका तो उन्होंने मुझे मारने की धमकी दी और डराया धमकाया. जिसके अन्य ग्रामीणों के आने के बाद वह मौके से चले गए. मैंने इसकी सूचना ग्राम पंचायत स्कूल विभाग को और प्रिंसिपल को दी थी. स्कूलों में बच्चों के लिए बैठने आते है. किताबे बच्चों का भविष्य तय करती हैं. ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

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शिक्षा अधिकारी ने कही कार्रवाई करने का आश्वासन: एक अन्य ग्रामीण से हुई बात के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि "किताबें कबाड़ी को बेची जा रही थी. इसकी मुझे जानकारी नहीं है लेकिन स्कूल में व्यवस्थाएं बहुत सारी हैं. शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते. बच्चों को सही से नहीं पढ़ाया जाता. ज्यादातर समय शिक्षक कुर्सियों पर ही बैठे दिखाई देते हैं." इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी से फोन पर चर्चा की गई तो जिला शिक्षा अधिकारी एम एल राठौरिया ने पूरे मामले की जांच कराकर तुरंत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

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