पन्ना। जिले में आदिवासी, वनवासी, दलित, अल्पसंख्यक, महासंघ (बुंदेलखंड) के आव्हन पर पन्ना जिले में वन अधिकार कानून के तहत वर्ष 2005 के पूर्व जो भी आदिवासी वनवासी वन भूमि में काबिज है. झोपड़ी बनाकर निवास कर खेती किसानी कर रहा है. जिन्हें वन भूमि अधिकार पत्र पट्टे शासन द्वारा अभी तक नहीं मिले हैं. जिसे लेकर आदिवासी, वनवासी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाकर गांधीवादी तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मास्क बांधकर आंदोलन कर रहे है.
आंदोलन का शुभारंभ संगठन के जिला प्रभारी केपी सिंह बुंदेला द्वारा टाइगर रिजर्व से किया गया है. जहां पर उक्त भूमि पूर्व में उत्तर मंडल में थी, जो तत्कालीन समय में पन्ना टाइगर रिजर्व में आ गई है.उक्त स्थान पर लगभग 36 आदिवासी परिवार वर्ष 2000-2001 से काबिज हैं. जिनके पुख्ता प्रमाण उपलब्ध हैं. जिन्हें वन भूमि अधिकार पत्र आज तक नहीं मिले हैं. इसी तरह बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिला में आदिवासी वनवासी संगठन के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है.
संगठन के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों का निवेदन है कि शासन -प्रशासन इन्हें शीघ्र ही वन अधिकार पट्टा दिलावए जाएं. आंदोलन 1 अगस्त से 9 अगस्त तक विश्व आदिवासी दिवस पर समापन होगा. शीघ्र ही पट्टा न मिलने पर आगामी समय में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.