चम्बल में चुनाव से पहले गरमाई राजनीति, Atal Progress Way को रद्द करने की मांग पर अडे किसान

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Published : Dec 27, 2022, 10:03 PM IST

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Morena Atal Progress Way: विधान सभा चुनाव से पहले चम्बल में फिर राजनीति गर्माने लगी है. चम्बल की विकास रेखा साबित होने वाले अटल प्रोग्रेस-वे का सर्वे रद्द करवाने के लिए किसान एकता संघर्ष समिति के बैनर तले न्यू कलेक्ट्रेट और चंबल आयुक्त को अलग-अलग ज्ञापन सौंपे गए हैं. पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने किसानों की बात रखते हुए चम्बल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है.

चम्बल में चुनाव से पहले गरमाई राजनीति

मुरैना। अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले कई लोग चम्बल कॉलोनी पार्क में एकत्रित हुए. यहां से रैली निकालते हुए नवीन कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. यहां पर किसान नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. (Morena Atal Progress Way) किसान नेताओं का कहना है कि, बीजेपी सरकार ने अटल एक्सप्रेस-वे के नाम पर पिछले दो विधानसभा चुनाव जीते है. सरकार ने पहले जंगल मे सर्वे कराया था. अब उस सर्वे को रद्द कर किसानों की जमीन हड़पने के लिए नया सर्वे कराया जा रहा है.

योजना रद्द करने की मांग: किसान नेताओं का कहना है कि, इस सर्वे में किसानों की बेश कीमती जमीन चली जाएगी. श्योपुर से लेकर भिंड तक लघु सीमांत किसान है. करीब 1 लाख से अधिक युवा बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. ऐसे में अगर उनकी जमीन चली गई तो वे अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे. इसलिए इस परियोजना को रद्द किया जाए.

Morena Atal Progress Way
मुरैना अटल प्रोग्रेस वे को रद्द करने की मांग

पुराने सर्वे के आधार पर निर्माण की मांग: दूसरा ज्ञापन किसान एकता संघर्ष समिति बैनर तले एवं पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार के नेतृत्व में कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर चम्बल आयुक्त को दिया गया. यहां पर चम्बल आयुक्त को ज्ञापन देते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि, अटल एक्सप्रेस-वे के नए सर्वे में किसानों की बेस कीमती जमीन जा रही. सरकार इसके बदले मुआवजा कम दे रही है. इसलिए श्योपुर से लेकर भिंड व मुरैना में किसान इसका विरोध कर रहे हैं. किसानों के लिए यह एक बड़ी समस्या खड़ी होने जा रही है. यही बजह है कि, सर्वे टीम को किसान भगा रहे हैं. इसलिए इस सर्वे को रद्द कर पुराने सर्वे के आधार पर ही अटल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाए.

Morena Atal Progress Way
मुरैना किसानों ने चंबल आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

योजना से किसान असहमत: उन्होंने कहा कि आगामी 4 जनवरी को चम्बल कॉलोनी पार्क में सभा आयोजित की जाएगी. इसमें किसान नेताओं के साथ अन्य पार्टियों के जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इसमे एक संघर्ष समिति का गठन कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. अटल एक्सप्रेस-वे का जो सर्वे पूर्व में किया गया था एवं निर्माण सम्भाग के किसानों में अत्यंत खुशी, अत्साह था जो अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास भी होगा तथा चम्बल घाटी में क्षरण एवं कटाव से किसानों को मुक्ति मिलेगी, लेकिन वर्तमान में जो सर्वे हो रहा है उससे सम्भाग के किसान बिल्कुल सहमत नहीं है.

Morena Atal Progress Way
मुरैना अटल प्रोग्रेस वे को रद्द करने की मांग

किसानों को भूमिहीन होने का डर: इस सर्वे में श्योपुर, मुरैना, भिण्ड के हजारों किसानों की उपजाऊ, कीमती जमीन में होकर अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से सम्भाग के हजारों किसान भूमिहीन हो रहे है. वैसे भी मुरैना, भिण्ड, श्योपुर में पांच से 10 बीघा वाले सीमान्त किसान हैं. हजारों किसानों की पूरी की पूरी जमीन एक्सप्रेस-वे में चली जाएगी. शासन से मिलने वाले मुआवजे से 1 बीघा जमीन भी नहीं खरीदी जा सकेगी. पूर्व के सर्वे पर नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एन.जी.टी.) तथा केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आपत्ति के बाद निरस्त कर दी गई है, ये दोनों ही संस्थान भारत सरकार के उपक्रम है.

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क्षत्रिय महासभा की मांग: केन्द्र सरकार द्वारा इनसे अनापत्ति लेनी चाहिए, विकल्प के रूप में चम्बल नहर की दोनों साइड को बड़ाकर सड़क मार्ग बनाया जा सकता है एवं पुराने सर्वे को थोडा हटाकर भी सड़क निर्माण हो सकती है तथा कोटा से मुरैना, भिण्ड होकर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लाईन का बनाकर अटल एक्सप्रेस-वे बनाया जा सकता है. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में बिना किसानों की सहमति से उनकी जमीन अधिग्रहित नहीं की जा सकती है. यदि शासन अधिग्रहित करेगा तो कलेक्टर रेट मुआवजा ना देकर बाजार भाव से मुआवजा देने का प्रावधान है. क्षत्रिय महासभा मुरैना के पदाधिकारियों ने मांग की है कि, पूर्व में किये गये सर्वे के अनुसार ही अटल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जावे जिससे विकास भी होगा तथा साथ में हजारों किसान भूमि हीन होने से बचेगें. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार, क्षत्रिय महासभा के गजेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई अन्य पदाधिकारियों ने किया.

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