ETV Bharat / state

Jhabua News: जून से शुरू हो सकता है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, सांसद ने किया मुआयना

author img

By

Published : May 5, 2023, 10:58 PM IST

Jhabua News
जून से शुरू हो सकता है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर जून माह से शुरू हो सकता है. सांसद गुमान सिंह डामोर ने इस बात के संकेत दिए हैं. इसके साथ सांसद ने एक्सप्रेसवे का मुआयना किया. बता दें फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्सप्रेसवे के पहले फेज के अंतर्गत सोहना-दौसा तक 247 किमी के खंड का लोकार्पण किया था.

जून से शुरू हो सकता है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

झाबुआ। दिल्ली से दौसा की तरह ही मप्र में भी 244 किमी के हिस्से में बने देश के पहले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर जून माह से ट्रैफिक शुरू हो सकता है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई चर्चा के बाद सांसद गुमान सिंह डामोर ने इस बात के संकेत दिए हैं. इसी सिलसिले में शुक्रवार को सांसद खास तौर पर झाबुआ जिले से गुजर रहे इस एक्सप्रेसवे का मुआयना करने पहुंचे. उनके साथ नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारी मौजूद थे. सांसद ने करीब 50 किमी के हिस्से में सफर कर के भी देखा.

PM मोदी ने किया था पहले फेस का लोकार्पणः गौरतलब है कि भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली से मुंबई तक 1250 किमी के हिस्से में देश के पहले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है. फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्सप्रेस-वे के पहले फेज के अंतर्गत सोहना-दौसा तक 247 किमी के खंड का लोकार्पण किया था. चूंकि मप्र में राजस्थान सीमा पर स्थित भानपुरा से गुजरात सीमा पर स्थित झाबुआ जिले तक कुल 244 किमी के हिस्से में भी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. लिहाजा अगले महीने तक इस हिस्से के लोकार्पण की संभावना जताई जा रही है. शुक्रवार को सांसद गुमान सिंह के दौरे से इस बात को और बल मिला है.

जिले में कहां से जुड़ा है एक्सप्रेसवेः जिले में यह एक्सप्रेस-वे थांदला तहसील के गांव टिमारवानी में इंटर सेक्शन से जुड़ा है. यहां से करीब 35 किमी आगे फूड कोर्ट और रेस्ट रूम बनाया गया है. यहां रिटेल शॉप, ईंधन स्टेशन और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं होंगी. दुर्घटना के शिकार यात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए ट्रॉमा सेंटर व हेलीपैड भी यहीं बनाया गया है.

एक्सप्रेसवे से किसे क्या फायदा

  • किसान: क्षेत्र के किसान दिल्ली-मुंबई से लेकर इसके बीच पड़ने वाली बड़ी मंडियों में उपज बेच सकेंगे. इससे उन्हें अच्छे भाव मिलेंगे. कम समय में खराब होने वाली सब्जियां भी अब लंबी दूरी की मंडियों तक पहुंच सकेगी. पेटलावद के टमाटर को दिल्ली और मुंबई तक जल्द पहुंचाया जा सकेगा.
  • विद्यार्थी: एजुकेशन हब कोटा पहुंचने में विद्यार्थियों को कम समय लगेगा. दिल्ली-मुंबई और गुजरात-राजस्थान की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी आने-जाने में सुविधा होगी.
  • उद्योग: फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग एक्सप्रेसवे से लगे हुए क्षेत्रों में खोले जा सकेंगे. कच्चा माल दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों की राजधानियों से आना जाना आसान होगा.

मुंबई से दिल्ली तक का सफर होगा आधाः इस एक्सप्रेसवे की वजह से मुंबई से दिल्ली के सफर में लगने वाला समय आधा रह जाएगा. यानी सिर्फ 12 घंटे लगेंगे, जबकि पहले इसी में 24 घंटे का समय लगता था.

सालाना होगी 32 करोड़ लीटर ईधन की बचतः दिल्ली से मुंबई के बीच वाहनों के आवागमन व उनकी संख्या के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने पर सालाना 32 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन की बचत होगी, जिसके कारण 85 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 4 करोड़ पौधे लगाने के बराबर है. यानी लोगों के साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है.

150 की स्पीड से नितिन गडकरी ले चुके हैं ट्रायलः केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस एक्सप्रेसवे पर 150 किमी की स्पीड से कार चलवाकर टेस्ट ड्राइव ले चुके हैं, इसके बाद उन्होंने निर्माण कार्य पर संतोष जताया था,

जून तक शुरू करवाने का प्रयास हैः सांसद गुमान सिंह डामोर ने बताया कि ये हमारे लिए एक बड़ी सौगात है जो देश का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे हमारे रतलाम संसदीय क्षेत्र से निकला है. झाबुआ जिले में इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 52 किमी है. निर्माण की दृष्टि से इस एक्सप्रेसवे को तीन पैकेज में लिया गया था और इसकी लागत करीब ढाई हजार करोड़ है. इसमें करीब 300 हेक्टेयर के आसपास जमीन अधिग्रहित की गई है और इसके लिए किसानों को 65 करोड़ का मुआवजा दिया गया है. झाबुआ और रतलाम जिले में इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो चुका है.

रोड की खासियतः इस रोड की खासियत ये है कि इससे दिल्ली और मुंबई तक की दूरी करीब 1250 किमी की रहेगी. हम ये दूरी लगभग 12 घंटे में पूरी कर लेंगे. झाबुआ जिले में इससे बड़ा कोई भी कार्य आज तक नहीं हुआ है, जो आम जनता के लिए है. सांसद ने कहा कि मैं क्षेत्र की जनता को ये बताना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जनहित के कार्य कर रही है. मप्र में इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 244 किलोमीटर है. जब बजट सेशन था तो उसमें सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि मप्र से गुजर रहे एक्सप्रेसवे को चालू कर दिया जाए, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिल सके. मुझे पूरा विश्वास है कि जून महीने में इस पर ट्रैफिक शुरू हो जाएगा.

ये भी पढ़ें :-

क्यों है ये ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवेः एनएचएआई के डीजीएम, टेक्निकल संदीप पाटीदार ने बताया कि यह देश का सबसे लंबा और पहला का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे हैं. ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे इसलिए बोलते हैं, क्योंकि यहां पहले से कोई रोड नहीं था. यह पूरा नया रोड है जो ग्रीन फील्ड से होकर निकल रहा है. इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई तक की दूरी और समय तो कम हो ही रहा है. इसके अलावा डायरेक्ट बेनिफिट ये हैं कि हमारा फ्यूल बचेगा. दुर्घटना की संभावना कम हो जाएगी. इसके अलावा जो आर्थिक गतिविधियां हैं उसमें भी इजाफा होगा. राजस्थान बॉर्डर पर भानपुरा से लेकर झाबुआ में गुजरात बॉर्डर तक 244 किमी का हिस्सा पूरी तरह से तैयार हो चुका है. कुछ फिनिशिंग वर्क है जो मई के आखिर तक पूरा हो जाएगा, जहां तक पूरे एक्सप्रेसवे की बात है तो दिल्ली से दौसा तक चालू हो चुका है. दौसा से कोटा के आस पास तक के हिस्से में कुछ समय लगेगा. इसके अलावा गुजरात में 70-80 किमी का हिस्सा है, जिसे तैयार करने में सालभर लगेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.