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Kavad Yatra World Record: गोल्डन बुक में नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़ यात्रा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की और अग्रसर

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Published : Jul 25, 2022, 5:04 PM IST

Updated : Jul 25, 2022, 6:35 PM IST

गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी जबलपुर की संस्कार कांवड़ यात्रा अब एक और नया इतिहास बनाने वाली है, जो जल्द ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने जा रही है. 25 जुलाई को सुबह ग्वारीघाट से प्रारंभ हुई इस यात्रा के दौरान हजारों कांवड़िए शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कैलाशधाम मटामर पहुंचेंगे. (Sanskar Kavad Yatra registered Golden Book) (Sanskar Kavad Yatra way to world record)

Sanskar Kavad Yatra way to world record
गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़

जबलपुर। संस्कार कांवड़ यात्रा 12 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. जो प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के दूसरे सोमवार को निकाली जाती है. यात्रा में कावड़िये कांवड़ में एक तरफ माँ नर्मदा जल एवं कांवड़ के दूसरी तरफ शिव स्वरूप देव वृक्ष को रखकर माँ नर्मदा का एवं महादेव के सगुण स्वरूप देव वृक्ष का पूजन अर्चन कर ग्वारीघाट से 32 किलो मीटर पैदल चलकर कैलशधाम मंदिर में स्थित महादेव का माँ नर्मदा के जल से अभिषेक करेंगे.

गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़

ग्वारीघाट से नर्मदा जल लेकर निकल पड़े : भगवान शिव का प्रिय सावन मास आते ही प्रकृति भी खिल उठती है. चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है. आस्था और विश्वास के इस पावन महीने से त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती हैं. वैसे तो सावन की हर बात निराली है और इसकी हर चीज काफी आकर्षित करती है लेकिन सावन का जिक्र तब तक अधूरा है, जब तक इसमें 'कांवड़ यात्रा' का वर्णन ना हो. सावन आते ही भगवा चोला पहने भोलेनाथ के भक्त अपने शिव-शंभू को प्रसन्न करने के लिए हाथों में कावंड़ लिए ग्वारीघाट से नर्मदाजल लेकर निकल पड़े.

Sanskar Kavad Yatra way to world record
गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़
Sanskar Kavad Yatra way to world record
गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़
Sanskar Kavad Yatra way to world record
गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी संस्कार कावड़

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पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा : कांवड़ से भरे नर्मदाजल से वो शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, ऐसा माना जाता है कि इस अभिषेक से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और वो अपने भक्त को हर कष्ट से दूर कर देते हैं. ये कांवड़ों का अपने शिव के प्रति प्रेम और भक्ति की शक्ति ही है, जो वो मीलों पैदल यात्रा करके कांवड़ में जल लेकर आते हैं. यात्रा मार्ग पर करीब 300 से ज्यादा स्वागत मंच बनाए गए हैं. ढाई हजार वालेंटियर्स को तैनात किया गया है. कांवड़िए कांवड़ के एक पात्र में नर्मदा जल तथा दूसरे पात्र में पौधा लेकर चलेंगे. धार्मिक आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा. (Sanskar Kavad Yatra registered Golden Book) (Sanskar Kavad Yatra way to world record)

Last Updated : Jul 25, 2022, 6:35 PM IST

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