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एमपी में हेलमेट व सीट बेल्ट पर हाई कोर्ट सख्त, 24 घंटे में पेश हों परिवहन आयुक्त

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 16, 2024, 7:26 PM IST

आदेश का परिपालन नहीं किये जाने को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने आयुक्त परिवहन विभाग को 24 घंटे में व्यक्तिगत रूप से तलब होने के आदेश जारी किये हैं. MP High Court strict

MP High Court strict on helmet and seat belt
एमपी में हेलमेट व सीट बेल्ट पर हाई कोर्ट सख्त

जबलपुर। युगलपीठ ने कहा है कि उपस्थित नहीं होने की स्थिति में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जायेगा. याचिका पर अगली सुनवाई बुधवार 17 जनवरी को निर्धारित की गयी है. विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती.

हेलमेट नहीं लगाने से मौतें : याचिका में कहा गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए, इससे सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी.

पहले की सुनवाई में क्या : पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से चालानी कार्रवाई का डाटा पेश किया गया था. इस पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं. कागजी कार्रवाई ही नहीं बल्कि मैदानी कार्रवाई करनी चाहिये. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाना चाहिये. युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि परिवहन आयुक्त ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी ने दो पहिये वाहन सवारों के लिए हेलमेट तथा चार पहिये वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने कें संबंध में भी आदेश जारी किये हैं.

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दो माह विशेष चेकिंग अभियान : ये भी बताया गया कि दो माह का विशेष चेकिंग अभियान चलाने के आदेश भी जारी किये हैं. वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की अनिर्वायता के लिए सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता के संबंध में चलाये जा रहे अभियान व चालानी कार्रवाई के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की. हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए युगलपीठ ने समय प्रदान करने का आग्रह किया. जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त आदेश जारी किये.

जबलपुर। युगलपीठ ने कहा है कि उपस्थित नहीं होने की स्थिति में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जायेगा. याचिका पर अगली सुनवाई बुधवार 17 जनवरी को निर्धारित की गयी है. विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती.

हेलमेट नहीं लगाने से मौतें : याचिका में कहा गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए, इससे सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी.

पहले की सुनवाई में क्या : पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से चालानी कार्रवाई का डाटा पेश किया गया था. इस पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं. कागजी कार्रवाई ही नहीं बल्कि मैदानी कार्रवाई करनी चाहिये. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाना चाहिये. युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि परिवहन आयुक्त ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी ने दो पहिये वाहन सवारों के लिए हेलमेट तथा चार पहिये वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने कें संबंध में भी आदेश जारी किये हैं.

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दो माह विशेष चेकिंग अभियान : ये भी बताया गया कि दो माह का विशेष चेकिंग अभियान चलाने के आदेश भी जारी किये हैं. वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की अनिर्वायता के लिए सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता के संबंध में चलाये जा रहे अभियान व चालानी कार्रवाई के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की. हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए युगलपीठ ने समय प्रदान करने का आग्रह किया. जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त आदेश जारी किये.

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