जबलपुर। पुलिस के अनुसार ओमती में 21 अगस्त को 26 वर्षीय कुमारी याशिका जोशी नेपियर टाऊन नवीन विद्या भवन निवासी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई कि थी कि वह एक निजी स्कूल में टीचर हैं. नदंनी चित्राणी जो शांति नगर में रहती हैं, उनको 2 साल से जानती हैं. गूगल पे उनके पास नहीं होने के कारण कभी- कभी उनका पैसा उसके अकाउंट में आ जाता था और वह उनको नगद दे देती थी. 20 अगस्त को दोपहर साढ़े 12 बजे करीब नंदनी चित्राणी ने उसे फोन करके कहा कि वह अपनी वाशिंग मशीन ओएलएक्स पर बेच रही है. सामने वाला व्यक्ति अगर पैसा भेजता है तो आप मुझे बताकर पैसा ले लीजियेगा.
व्हाटसएप पर भेजा क्यूआर : दोपहर लगभग 2 बजे मोबाइल पर व्हाएसएप पर मैसेज आने लगे. जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने क्यूआर व्हाटसएप किया तथा एक अन्य नम्बर से भी कॉल किया और कुछ पैसे ट्रांसफर करवाए. उसने क्यूआर कोड पर लिंक भेजकर धोखाधड़ी करके उसके खाते से 1 लाख 96 हजार 476 रूपये निकाल लिये. जिसकी शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 420 धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह राशि सहसन जिला भरतपुर राजस्थान के पंजाब नेशनल बैंक में राशि का ट्रांसफर की गई है. जिस पर थाना ओमती में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक नरेश सिंह, प्रधान आरक्षक रमाकांत तिवारी, सायबर सेल के आरक्षक कृष्णचंद्र तिवारी की टीम राजस्थान के भरतपुर के लिए रवाना की गयी.
राजस्थान के भरतपुर में दी दबिश : जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने जिला भरतपुर के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर पूरे मामले की जानकारी दी. स्थानीय पुलिस की मदद से टीम द्वारा बैंक में पतासाजी की गयी तो जिस एकाउंट में राशि ट्रांसफर हुई थी, वह एकाउंट ग्राम सहसन निवासी वाजिद खान का होना पाया गया. यह भी जानकारी लगी कि वाजिद खान द्वारा 50 हजार रुपये की राशि ग्राम सहसन निवासी जावेद के नाम पर पीएनबी सहसन में ट्रांसफर की गयी है. टीम द्वारा स्थानीय पुलिस की मदद से 24 वर्षीय जावेद फजलू खान सहसन जिला भरतपुर राजस्थान को पकड़ा गया. वहीं वाजिद घर पर नहीं मिला. पूरे प्रकरण में पुलिस ने आरोपी जावेद खान को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश करते हुए पूछताछ हेुत दिनॉक 19 अक्टूबर के लिये पुलिस रिमाण्ड पर लिया है. फरार जावेद की तलाश जारी है.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम : आरोपी फर्जी सिम व चोरी के मोबाइलों से ओएलएक्स साइट पर किसी भी सामग्री का सस्ते दामों पर बेचने-खरीदने का विज्ञापन डालते हैं. कस्टमर का मैसेज आने पर सामग्री की कीमत के लिए व्हाटसप चैट करते हैं. चैट में फर्जी बिल आदि भेजकर तथा विश्वास में लेकर राशि फोन पे, पेटीएम, गूगल पे आदि द्वारा अपने फर्जी खातों में डलवाते हैं. इसके बाद फोन को बंद कर देते हैं और सिम बदल लेते है.
साइबर ठगी से बचने के ये उपाय करें :
- जब तक खाते में रकम नहीं आ जाए, तब तक भुगतान करने वाले को जाने नहीं देना चाहिए.
- ऑनलाइन भुगतान लेने के लिए आवाज वाला सिस्टम लगवाएं, जिससे पैसा आने का मैसेज आए तो वह बता दे.
- बैंक से आने वाले अलर्ट सिस्टम को मजबूत बनाएं. बड़े भुगतान के बाद खाते को चेक करते रहें कि पैसा आया या नहीं.
- गोपनीय जानकारी जैसे आधार कार्ड का नंबर, जन्मतिथि, बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, एटीम कार्ड नंबर, वैधता दिनांक आदि किसी भी अपरिचित से साझा न करें.
- किसी भी व्यक्ति से ओटीपी साझा नहीं करें.
- किसी अपरिचित के कहने पर रिमोट एक्सेस एप जैसे जैसे क्विक सपोर्ट, टीम विवार और एनीडेस्क के एप डाउनलोड बिल्कुल नहीं करें.
- किसी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पे, पेटीएम, वॉलेट पैसे रिसीव करने के लिए लिंक या क्यूआर कोड आए तो लिंक को नहीं खोलना.
- कोई घटना हो जाए तो तत्काल सायबर या स्थानीय पुलिस को सूचना दें.
(Jabalpur police action) (Cheated through OLX app) (Atrrested from Rajasthan)