ETV Bharat / state

MBA वालों की चौपाटी देख दुनिया दंग, बेरोजगार पढ़े-लिखे युवाओं ने ऐसे पेश की नजीर

author img

By

Published : Feb 24, 2023, 1:28 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 1:53 PM IST

जबलपुर में कल्चरल स्ट्रीट पर फूड ट्रक्स में एक चौपाटी शुरू हुई है. यह एमबीए वालों की चौपाटी के नाम से चर्चा में है. क्योंकि यहां पर ज्यादातर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं ने फूड ट्रक्स के जरिए लोगों को लजीज व्यंजन परोसना शुरू किया है. यह प्रयोग बेरोजगार पढ़े-लिखे युवाओं के लिए एक अच्छा उदाहरण है.

MBA Walon Ki Chowpatty
ये है MBA वालों की चौपाटी

ये है MBA वालों की चौपाटी

जबलपुर। हमारे समाज में पढ़ाई-लिखाई आमतौर पर नौकरी के लिए की जाती है. लेकिन नौकरियों के अवसर इतने नहीं है कि सभी को मिल सकें. इसलिए समाज में बड़े पैमाने पर पढ़े लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं. वहीं पढ़ाई लिखाई करने के बाद यदि कोई युवा कोई छोटा काम करने लगता है तो उस पर लोग उंगलियां उठाते हैं. उसे काम नहीं करने देते. काम को छोटा और बड़ा कहने का चलन समाज में बहुत पुराना है. इसलिए बहुत से युवा बेरोजगार बैठे रहते हैं, लेकिन काम नहीं करते. जबकि बाकी दुनिया में काम को काम समझा जाता है. काम छोटा बड़ा नहीं होता. जबलपुर के कुछ पढ़े-लिखे युवाओं ने एक नई शुरुआत की है और भी इस दकियानूसी सोच को चुनौती दे रहे हैं. लोगों ने अच्छी पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी छोटे कामों से रोजगार खड़े किए हैं. जहां यह खुद भी कमा रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

शुभम रैकवार, एमबीए के बाद चाय का ठेला : शुभम ने एमबीए एचआर तक की पढ़ाई की है और इसके बाद एक निजी कंपनी में एचआर मैनेजर भी रहे. लेकिन कोरोना के बाद जब इनकी नौकरी गई तो उन्होंने हार नहीं मानी. पहले एक चाय की दुकान शुरू की और अब शुभम ने अपने ही जैसे कुछ पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर एक चौपाटी शुरू की है. शुभम यहां पर फास्ट फूड ट्रक चलाते हैं. वहीं इनके दोस्त निखिल यहां अंडों से बने व्यंजन लोगों को परोसते हैं. इन युवाओं ने चौपाटी को नए अंदाज से शुरू किया है और ये लोग उत्तर प्रदेश से फूड ट्रक लेकर आए हैं. इन्हीं फूड्स ट्रक पर यह अपने व्यंजन तैयार करते हैं और लोगों को परोसते हैं. इन लोगों ने आपस में एक समझौता कर रखा है कि कोई भी दो लोग एक चीज ही नहीं बेचेंगे. इसलिए यहां कोई कंप्टीशन नहीं है. यहां पर केवल पढ़े-लिखे युवाओं को ही इस चौपाटी पर काम करने का मौका दिया जा रहा है. हालांकि यह जगह स्मार्ट सिटी में मुहैया करवाई गई है और शासन इनसे कोई पैसा नहीं ले रहा.

MBA Walon Ki Chowpatty
ये है MBA वालों की चौपाटी

मुस्कान का फूड ट्रक : यहीं पर अप्पे और पिज़्ज़ा का स्टॉल चलाने वाली मुस्कान बीकॉम अंतिम वर्ष में पढ़ रही हैं. दिन में कॉलेज जाती हैं और शाम को अपने स्टॉल पर लोगों को बढ़िया व्यंजन परोसती हैं. मुस्कान का कहना है कि पढ़े-लिखे युवाओं के लिए अब सड़क पर काम करना भी सहज हो गया है. उन्हें कोई समस्या नहीं होती. मुस्कान को यह फूड ट्रक उनके भाई ने दिया है. परिवार भी मुस्कान को पूरी मदद कर रहा है. हालांकि अभी मुस्कान बहुत ज्यादा नहीं कमा पाती, लेकिन उन्हें उम्मीद है यह नौकरी से अच्छा विकल्प होगा.

गौरव का फूड ट्रक : गौरव गढ़वाल एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन कोरोना वायरस के समय इनका रोजगार छिन गया और नौकरी चली गई. जब कुछ समझ में नहीं आया तो गौरव ने एक चाय की दुकान खोल ली और जब उन्हें पता लगा उनके जैसे ही कुछ दूसरे युवा कुछ नया कर रहे हैं तो उन्होंने एक फूड ट्रक लिया और चाट बनाना सीखा. गौरव का कहना है यह काम करने में उन्हें मजा आ रहा है और वह अपने साथ अपने भाई को भी इसी काम में लगा रहे हैं. गौरव ने बीकॉम की डिग्री पूरी कर ली है और अब वे एलएलबी कर रहे हैं.

Must Read : होनहार युवाओं की ये खबरें भी पढ़ें...

सिलेबस में रोजगार भी जोड़ा जाए : बता दें कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में रोजगार से जुड़ा हुआ प्रशिक्षण कम है. इसीलिए पढ़ने लिखने के बाद अक्सर युवा बेरोजगार हो जाते हैं. उसे ऐसा कोई काम नहीं समझ में आता जिससे वह दो पैसे कमा सके. इसलिए शिक्षा व्यवस्था में रोजगार से जुड़े हुए कामों को सिखाने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में लोग अपने जीवनयापन को चला सकें. इन युवाओं ने जो भी सीखा है, वह अपने दम पर सीखा है. जबलपुर की ये चौपाटी पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिए ेक बड़ी उदाहरण है.

Last Updated : Feb 24, 2023, 1:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.