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black fungus के इलाज के लिए इंजेक्शन की है कमी, सरकार ने high court में पेश किया जवाब

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Published : Jun 1, 2021, 5:02 AM IST

Updated : Jun 1, 2021, 8:28 AM IST

मध्यप्रदेश में बढ़ रही ब्लैक फंगस महामारी की रोकथाम और उपचार के लिए हाईकोर्ट में दायर हस्ताक्षेप आवेदन की सुनवाई के सरकार की तरफ से पेश किये गये.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर। प्रदेश में बढ़ रही ब्लैक फंगस महामारी की रोकथाम और उपचार के लिए हाईकोर्ट में दायर हस्ताक्षेप आवेदन की सुनवाई के सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया है उपचार में उपयुक्त अम्फोटेरिसिन-बी और लियोसोमल इंजेक्शन की किल्लत है. इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है.

इंदौर की समाजसेवी संस्था शांति मंच और अन्य की तरफ से प्रदेश में बढ़ती ब्लैक फंगस महामारी के खिलाफ आवेदन दायर किया गया था. आवेदन में कहा गया है कि ब्लैक फंगस महामारी प्रदेश में बड़ी तेजी से फैल रही है. शासकीय और प्राइवेट अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोग होने वाली दवाईयां और इंजेक्शन की सरकार उपलब्धता सुनिश्चित करें. समय पर दवाई तथा इंजेक्शन मिलने से मरीजों की जान बच सकें, इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपचार और सर्जरी के लिए सरकार दर निर्धारित करें.

आवेदन में मांग की गई थी कि 15 लाख से कम सलाना आय वाले परिवारों के लिए ब्लैक फंगस का मुफ्त उपचार सुनिश्चित करें. आयुष्मान, बीपीएल और एपीएल कार्डधारियों का उपचार भी मुफ्त में किया जाये. केन्द्र सरकार की जारी एडवायजरी का पालन प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में सुनिश्चित किया जाये. इसके अलावा उपचार में उपयोग होने वाली दवाईयों और इजेक्शन की कालाबाजारी रोकने आवश्यक कदम उठाये जाये.

सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 1152 है. ब्लैक फंग्स से पीड़ित 114 मरीज ठीक हो गये हैं. 48 मरीजों की मौत हो गयी है. वर्तमान में सरकार के पास उपचार के लिए उपचार में आने 14 हजार इंजेक्शन उपलब्ध है. इजेक्शन की उपलब्धत के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है. प्रदेश के साथ पूरे देश में ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ने के कारण संबधित कंपनी मांग के मुताबिक इजेक्शन उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. इसलिए ओरल ड्रग खरीदी जा रही है. युगलपीठ ने इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा है.

वैक्सीन के लिये जारी किये गये ऑर्डर

वहीं वैक्सीन की कमी संबंधी मामले में सरकार की ओर से कहा गया था कि 18 से 44 वर्ष के लोगों के वैक्सीनेशन के लिये उन्होंने मैन्यूफेक्चरिंग कंपनियों को ऑर्डर दिया है. 5.17 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसके अलावा एक करोड़ वैक्सीन के लिये ग्लोबल टेंडर जारी किये जायेंगे. उक्त संबंध में न्यायालय ने आगामी सुनवाई रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जरी किये हैं.

Last Updated : Jun 1, 2021, 8:28 AM IST
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