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एक लाख के पार पहुंचा अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा, खोखले साबित हुए सरकार के दावे

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Published : Sep 30, 2019, 10:18 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:23 PM IST

एक लाख के पार हुआ अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा

राज्य में अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है. जिन पोषाहार केंद्रों में इन बच्चों का कुपोषण दूर किया जाना है, उनमें भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

इंदौर। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बाद भी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों के बीच कुपोषण एक महामारी के तौर पर फैल रहा है. आलम ये है की राज्य में अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है. जिन पोषाहार केंद्रों में इन बच्चों के कुपोषण को दूर किया जाना है, उनमें भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. लिहाजा कुपोषित बच्चों को भी पोषाहार नहीं मिल पा रहा है.

एक लाख के पार हुआ अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा

स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में चलाए गए दस्तक अभियान के दौरान मध्यप्रदेश के पश्चिमी इलाकों के अलावा, बुंदेलखंड सहित अन्य जिलों में करीब एक लाख बच्चों का पता चला है, जो अति कुपोषित की श्रेणी में हैं. इधर कुपोषण का आंकड़ा एक लाख को पार कर जाने पर प्रदेश सरकार के प्रयासों की असलियत भी उजागर हो गई है. इधर प्रदेश भर में कुपोषण पर नियंत्रण के लिए स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र भी विभिन्न जिलों में खाली पड़े हैं. इन केंद्रों में जिन एएनएम की ड्यूटी कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए लगाई जाती है, राज्य में लंबे अरसे से उनकी भर्ती ही नहीं हो सकी है.

पोषण पुनर्वास केंद्रों में भी कुपोषित बच्चों की देखभाल नहीं हो पा रही है. दस्तक अभियान के चलते जिन एक लाख से ज्यादा कुपोषित बच्चों का पता चला है, ऐसे बच्चों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग नवंबर माह में पोषण पुनर्वास केंद्रों में एएनएम की व्यापक भर्ती करने जा रहा है. जिससे कि लगातार बढ़ रही कुपोषण की महामारी को नियंत्रित किया जा सके.

Intro:इंदौर / प्रदेश में राज्य सरकार को स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों के बीच कुपोषण एक महामारी के तौर पर फैल रहा है आलम यह है की बीते कुछ सालों में ही राज्य में अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा एक लाख को भी पार कर गया है जिन पोषाहार केंद्रों में इन बच्चों का कुपोषण दूर किया जाना है उनमें भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है लिहाजा कुपोषित बच्चों को भी पोषाहार नहीं मिल पा रहा है


Body:दरअसल स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में चलाए गए दस्तक अभियान के दौरान मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाकों के अलावा बुंदेलखंड सहित अन्य जिलों में ऐसे करीब एक लाख बच्चों का पता चला है जो अति कुपोषित की श्रेणी में है इधर कुपोषण का आंकड़ा एक लाख को पार कर जाने पर राज्य सरकार के प्रयासों की असलियत भी उजागर हो गई हैl इधर प्रदेश भर में कुपोषण पर नियंत्रण के लिए स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र भी विभिन्न जिलों में खाली पड़े हैं इन केंद्रों में जिन एएनएम की ड्यूटी कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए लगाई जाती है राज्य में लंबे अरसे से उनकी भर्ती ही नहीं हो सकी है लिहाजा पोषण पुनर्वास केंद्रों में भी कुपोषित बच्चों की देखभाल नहीं हो पा रही है इधर दस्तक अभियान के चलते जिन 100000 से ज्यादा कुपोषित बच्चों का पता चला है ऐसे बच्चों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग नवंबर माह में पोषण पुनर्वास केंद्रों में एएनएम की व्यापक भर्ती करने जा रहा है जिससे कि लगातार बढ़ रही कुपोषण की महामारी को नियंत्रित किया जा सके


Conclusion:बाइट: छवि भारद्वाज संचालक एनआरएचएम मध्य प्रदेश
Last Updated :Sep 30, 2019, 11:23 PM IST
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