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Indore Temple Incident: धर्म की आड़ में अतिक्रमण, सियासी रसूख और प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खौफनाक हादसे का कारण

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Published : Mar 31, 2023, 9:58 AM IST

इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुए भीषण हादसे के बाद पूरा प्रदेश शोक में डूबा है. ये हादसा क्यों हुआ,क्या इस हादसे को रोका जा सकता था, हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है आदि सवालों के जवाब भी वही हैं जो इससे पहले धार्मिक स्थलों पर हुए हादसों में निकलकर सामने आए थे. धर्म की आड़ में अतिक्रमण, अतिक्रमण करने वाली मंदिर समिति के कर्ताधर्ता का राजनीतिक रसूख, राजनीतिक रसूख के कारण नगर निगम प्रशासन की खामोशी, इस हादसे की पीछे की वजह है. मंदिर की आड़ में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत क्षेत्रवासियों ने प्रशासन के सभी आला अफसरों सहित सांसद व विधायक से भी की थी. लेकिन सब के सब सोते रहे.

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धर्म की आड़ में अतिक्रमण, सियासी रसूख और प्रशासन की कुंभकर्णी नींद

धर्म की आड़ में अतिक्रमण, सियासी रसूख और प्रशासन की कुंभकर्णी नींद

इंदौर। रामनवमी पर शहर के बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में हुए हादसे में 35 लोगों की मौत हुई है. वहीं एक व्यक्ति अभी भी लापता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे आखिर कौन लोग हैं. ईटीवी भारत को ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनके जरिए यह पता चलता है कि आखिरकार बावड़ी पर असुरक्षित छत क्यों डाली गई और शासकीय जमीन पर आखिर किसकी हठधर्मिता के कारण नए मंदिर का निर्माण किया. इस दौरान बावड़ी को ही छुपा दिया गया. इस मामले में राज्य सरकार के साथ इंदौर जिला प्रशासन और नगर निगम कठघरे में है. अब इस भीषण हादसे के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे किए जा रहे हैं.

क्षेत्रवासियों ने की थी अतिक्रमण की शिकायत : इंदौर नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक शहर के वार्ड क्रमांक 63 में स्नेह नगर में मौजूद गार्डन की जमीन पर श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के कर्ताधर्ता सेवाराम गलानी द्वारा बावड़ी समेत जमीन पर अतिक्रमण करके धार्मिक स्थल विकसित किया जा रहा है. स्नेह नगर विकास मंडल के नाम से स्थानीय निवासियों ने बीते साल इस मामले की शिकायत इंदौर नगर निगम के जोन क्रमांक 18 में की थी. शिकायत में कहा गया था कि स्नेह नगर पटेल नगर और सर्वोदय नगर के बीच इस क्षेत्र का मुख्य उद्यान है. जिसमें बड़े पैमाने पर बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के मुखिया सेवाराम गलानी समेत अन्य लोगों द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा शहरवासियों ने नगर निगम को निर्माण कार्य की तस्वीरों के अलावा कॉलोनी में निर्धारित उद्यान के शासकीय होने संबंधी समस्त प्रमाण इंदौर जिला प्रशासन संभागायुक्त पवन शर्मा, सांसद शंकर लालवानी एवं तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह और क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय को सौंपे थे.

नगर निगम ने नोटिस जारी किया था : इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए इंदौर नगर निगम ने 23 अप्रैल 2022 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के नाते सेवाराम गलानी को नोटिस देते हुए कहा था कि संबंधित स्थान पर बिना परमिशन के गार्डन में निर्माण कार्य किया जा रहा है, क्योंकि जमीन गार्डन के लिए निर्धारित है. इसके बावजूद आरसीसी कॉलम आदि का निर्माण कार्य किया गया. इस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जो मध्य प्रदेश के भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों के विपरीत एवं अवैधानिक होकर दंडनीय है. इसलिए संबंधित निर्माण कार्य तुरंत हटा दिया जाए. अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में नगर निगम के जोन क्रमांक 19 के भवन अधिकारी ने मंदिर समिति के अध्यक्ष को नोटिस के साथ वारंट भी शामिल किया था. इस नोटिस के जवाब में मंदिर समिति ने हठधर्मिता दिखाते हुए लिखित जवाब में स्पष्ट किया था कि जो ट्रस्ट मंदिर बना रहा है, वह पंजीकृत है एवं 100 वर्ष पूर्व के स्वयंभू मंदिर को विकसित किया जा रहा है. जहां पहले से ही देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित हैं.

मंदिर समिति ने ये दी थी नगर निगम को दलीलें : नोटिस के जवाब में मंदिर प्रबंधन ने कहा कि मंदिर जर्जर होने के कारण जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य मंदिर की चिह्नित भूमि पर ही किया जा रहा है, ना कि गार्डन की जमीन पर. ट्रस्ट ने दलील दी थी कि मंदिर एक सार्वजनिक स्थान है और धर्म का प्रेरक है. इसलिए दानदाताओं के सहयोग से बावड़ी का जीर्णोद्धार और मंदिर में निर्माण किया जा रहा है. मंदिर समिति ने दावा किया था कि मंदिर को विकसित करने और बावड़ी को संरक्षित करने से आम जनता के साथ-साथ ही नगर निगम व मंदिर को स्वच्छ एवं पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा, क्योंकि बावड़ी बंद पड़ी है, जिसे खोलने की कार्रवाई भी की जा रही है. इसका भी जीर्णोद्धार प्रस्तावित है. इसलिए नगर निगम द्वारा दिया गया सूचना पत्र हिंदू धर्म के सिद्धांतों के विपरीत है. बल्कि हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं भड़काने का कार्य निगम द्वारा किया जा रहा है. इस कारण क्षेत्र में अशांति एवं भय का वातावरण उत्पन्न हो सकता है.

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राजनीतिक संरक्षण के कारण नगर निगम असहाय : मंदिर समिति ने दलील दी थी कि मंदिर जीर्णोद्धार के कार्य में नगर निगम द्वारा बाधा न पहुंचाई जाए, उन्माद को बढ़ाया न दिया जाए. इसलिए नगर निगम द्वारा जारी किए गए सूचना पत्र को नस्ती बंदकर जीर्णोद्धार में सहयोग करने की कृपा करें. इसके बाद नगर निगम ने भी इस मामले में संज्ञान नहीं लिया. इसके पीछे कारण बताया जाता है कि मंदिर समिति से जुड़े लोगों का क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों में राजनीतिक वर्चस्व है. मंदिर समिति के अध्यक्ष सेवाराम गलानी भाजपा के पूर्व पार्षद रहे हैं और क्षेत्रीय सांसद- विधायक एवं भाजपा नेताओं के करीबी हैं. इस कारण नगर निगम भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाया. अब जबकि इस पूरी घटना में 35 परिवार मातम में डूबे हुए हैं तो नगर निगम पूरे प्रकरण में अब नए सिरे से कार्रवाई करने जा रहा है. नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है.

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