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मजदूर की बेटी ने फुटपाथ पर पढ़ाई कर 10वीं में किया टॉप, नगर निगम ने तोहफे में दिया आशियाना

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Published : Jul 9, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Jul 11, 2020, 6:47 AM IST

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं कक्षा में 68 प्रतिशत अंक लाने वाली भारती खांडेकर ने एक मिसाल पेश की है. भारती खांडेकर ने कड़ी मेहनत कर न सिर्फ जिले में टॉप किया, बल्कि अपने माता-पिता को आशियाना भी दिलवाया है.

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टॉपर भारती खांडेकर को मिली छत

इंदौर। भारती खांडेकर ने 10वीं की परीक्षा में 68 अंक लाकर एक मिसाल पेश की है. फुटपाथ पर पढ़ाई कर भारती ने गरीबी और संसाधनों की कमी को दरकिनार करते हुए पढ़ाई जारी रखी और अब जिले में फर्स्ट डिवीजन से पास किया है. इंदौर नगर निगम ने उसे फ्लैट गिफ्ट किया है और आगे की पढ़ाई बिल्कुल नि:शुल्क कर दी है.

टॉपर भारती खांडेकर को मिली छत

संघर्ष भरा रहा भारती का सफर

भारती अपने परिवार के साथ इंदौर के शिवाजी मार्केट स्थित फुटपाथ पर रहती थी और पास के अहिल्याश्रम स्कूल में दाखिला लिया और वहां स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई करती थी. वहीं पिता दशरथ खांडेकर मजदूरी करते हैं और मां दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछे का काम करती है. परिवार की कमाई इतनी भी नहीं थी कि, कहीं कमरा लेकर रह सके. फुटपाथ किनारे ही उसकी एक झोपड़ी थी, जहां भारती ने पूरे परिवार के साथ रहकर पढ़ाई की. भारती बताती हैं कि, पढ़ाई करते वक्त कई बार उनकी किताबें बारिश में भीग जाती थी, इतने भी पैसे नहीं थे कि दोबारा किताबें खरीद सके, कई बार उन्हीं भीगी किताबों से ही पढ़ाई करनी पड़ती थी.

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फुटपाथ पर पढ़ाई करती भारती खांडेकर

प्रशासन ने उजाड़ दिया था अशियाना

भारती के पिता दशरथ खांडेकर इंदौर नगर निगम के सामने शिवाजी मार्केट के पास झुग्गी बनाकर रहते थे, लेकिन अतिक्रमण मुहिम में दो साल पहले उनकी झुग्गी को उजाड़ दिया गया था. इसके बाद से दशरथ का पूरा परिवार उसी जगह सड़क पर रह रहा था, इस दौरान पेट पालने के लिए दशरथ सुबह मजदूरी करने चला जाता था, जबकि उसकी पत्नी पास के स्कूलों में झाड़ू पोछा करती थी. इस दौरान भारती अपने दोनों छोटे भाइयों को संभालते हुए रात को 1 बजे तक पढ़ती थी और माता-पिता उसके साथ जागते रहते थे.

हर मुश्किल का किया सामना

कई बार ऐसा मौका आया जब बारिश में उस की किताबें और स्कूल का बैग भी कर खराब हो गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी. हाल ही में जब हाई स्कूल की परीक्षा हुई तो फुटपाथ पर ही स्ट्रीट लाइट में पढ़ते हुए भारती ने परीक्षा की तैयारी की.

बाल आयोग ने लिया संज्ञान

हाल ही में इस होनहार बेटी की परेशानी मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में आई, तो आयोग ने कलेक्टर मनीष सिंह को पत्र लिखकर भारती के सपनों को उड़ान देने के लिए मकान उपलब्ध कराने की अनुशंसा की. इसके अलावा आयोग ने जिला शिक्षा विभाग को भी भारती को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने संबंधी निर्देश दिए.

नगर निगम ने दिया फ्लैट

भारती खांडेकर की इस सफलता के बाद नगर निगम के आयुक्त प्रतिभा पाल ने पहल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक फ्लैट देने का निर्णय किया. इसके साथ ही निगम के अधिकारियों ने भारती के परिवार को किताबें और ड्रेस भी दी हैं. भारती नगर निगम का यह गिफ्ट पाकर काफी खुश है.

indore municipal corporation
इंदौर नगर निमग ने दिया तोहफा

बनना चाहती है IAS

नगम निगम की तरफ से घर मिलने के बाद भारती ने खुशी जाहिर करते हुए प्रशासन को धन्यवाद दिया है. भारती का कहना है कि, जिस तरह उनकी प्रशासन ने मदद की है, वैसे ही वो भी आईएएस बनकर गरीब और मजबूर लोगों की मदद करना चाहती है.

Last Updated : Jul 11, 2020, 6:47 AM IST
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