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Indore Development Authority: सरकारी एजेंसी ने पेड़-पौधों की पूजा कर मांगी माफी, जानें असली वजह

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Published : Mar 15, 2023, 5:37 PM IST

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इंदौर विकास प्राधिकरण ने की पेड़ों से क्षमा याचना

तरह-तरह के पेड़-पौधों में जीवन और प्राण वायु का समावेश है इसके अलावा भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों की पूजा का भी विधान है, यही वजह है कि इंदौर में जिन पेड़ पौधों को ओवरब्रिज बनने के कारण दूसरी जगह शिफ्ट करना है उसके पूर्व उनकी बाकायदा पुनर्स्थापना पूजा हो रही है. जानें क्या है पूरी खबर.

इंदौर विकास प्राधिकरण ने की पेड़ों से क्षमा याचना

इंदौर। बुधवार को इंदौर विकास प्राधिकरण समेत क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने शहर के खजराना इलाके में शिफ्टिंग के लिए तैयार करीब 1330 पेड़-पौधों से क्षमा प्रार्थना कर विधि विधान से उनकी पुनर्स्थापना पूजा की. यह पहला मौका है जब पेड़ पौधों को शिफ्ट करने से पहले वह दूसरी जगह पर पल्लवित और हरे-भरे रह सकें इसके लिए किसी सरकारी एजेंसी द्वारा पेड़-पौधों से क्षमा याचना कर उनकी पूजा कराई जा रही है. इंदौर में भवरकुआं, खजराना, फूटी कोठी और लव कुश चौराहा पर ओवर ब्रिज तैयार किए जा रहे हैं. इंदौर विकास प्राधिकरण के इन चार महत्वपूर्ण ओवर ब्रिज के बनाए जाने से उक्त चारों स्थान के आसपास लगे करीब करीब 4 हजार पेड़ों को विभिन्न स्थानों पर शिफ्ट करना है

फिर हरे-भरे होंगे पौधे: पेड़-पौधे स्थानीय स्तर पर हरियाली का मुख्य स्रोत है जो शहर के भवरकुआं, खजराना जैसे व्यस्ततम इलाकों में पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. यही वजह है कि इंदौर विकास प्राधिकरण इन पेड़ पौधों को काटने के स्थान पर अब अपने पूर्व निर्धारित पार्कों में ट्रांसप्लांट करा रहा है. फिलहाल ट्रांसप्लांट के लिए खजराना चौराहे पर 400 पेड़ों की ट्रीमिंग हो चुकी है जिन्हें इंदौर के सुपर कॉरिडोर क्षेत्र के C और D सेक्टर में शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा स्कीम नंबर 97 पार्ट 4 में करीब 210 हेक्टेयर जमीन है जिसे अब विकास की राह में आने वाले पेड़ पौधों के जरिए हरा-भरा बनाया जाएगा.

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पेड़ों की शिफ्टिंग

400 पेड़ों को मिल चुका जीवनदान: इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार बताते हैं कि पूर्व में जो विकास कार्य किए गए उनकी राह में भी कई पेड़ पौधे आए जिन्हें बाकायदा सुपर कॉरिडोर पर ज्यों का त्यों उखाड़ कर शिफ्ट किया गया है. ऐसे पेड़ों में सक्सेस रेट करीब 80 फ़ीसदी होता है इसलिए कोशिश यही हो रही है कि जितने पौधे शिफ्ट किए जाएं वह हर कीमत पर बचे रह सकें.

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पेड़ पौधों को बचाने की शर्त: इंदौर विकास प्राधिकरण ने अब अपने निर्माण संबंधी समस्त टेंडर, सड़कें और ब्रिज आदि के काम में स्थाई रूप से यह शर्त जोड़ दी है कि किसी भी निर्माण कार्य में पेड़ पौधों को काटने की वजह है उनकी शिफ्टिंग जरूरी होगी. शिफ्टिंग में भी प्रतिदिन के हिसाब से 10 पौधों का भी निर्धारण हैं जिन्हें इस काम में प्रशिक्षित लोगों के माध्यम से ही पौधों को काटकर अन्य स्थान पर शिफ्ट करना होगा. विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा के मुताबिक शहर के बड़े विकास कार्यों में अब निर्माण एजेंसी को इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बताए गए स्थान पर ही संबंधित पेड़ को सुरक्षित तरीके से ट्रांसप्लांट करना होगा. शिफ्टिंग के दौरान जल्दबाजी में पेड़ पौधों को नुकसान ना हो इसलिए 1 दिन में 10 पौधे ही शिफ्ट किए जा सकेंगे. इसके अलावा पौधों को मूल जड़ों और सहायक जड़ों के साथ उखाड़ कर पॉलिथीन में पैक कर शिप्ट करना होगा.

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