इंदौर: शहर में नगर निगम से दुकान खोलने के लिए फर्जी लाइसेंस जारी करने का मामला सामने आया है. हाल ही में विजय नगर थाना क्षेत्र में एक दुकानदार ने नगर निगम से गुमास्ता लाइसेंस बनवाने के लिए संपर्क किया था. नगर निगम से लाइसेंस बनवाने के लिए जिस शख्स से उसने संपर्क किया उसने दुकानदार से काम के लिए पैसे लिए और फर्जी लाइसेंस बनाकर पकड़ा दिया. फरियादी दुकानदार ने इसकी पड़ताल की तो असल हकीकत सामने आई. जिसके बाद मामले में उसने शिकायत दर्ज करवाई. विजयनगर थाने में फरियादी विनय वर्मा की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
पुलिस को क्या बताया: विनय वर्मा ने शिकायत में पुलिस को बताया कि वह वर्मा गारमेंट नाम से दुकान खोलना चाहता था. उसे नगर निगम के लाइसेंस और गुमास्ता की जरूरत थी. उसी दौरान आरोपी आलोक नेगी ने उनसे मुलाकात की. आलोक नेगी ने बताया कि वह नगर निगम के दस्तावेज बनाने का काम करता है. उसने गुमास्ता लाइसेंस बनवाने के लिए 3,000 रुपए की मांग की. विनय वर्मा ने यह पैसा आलोक को दे दिया. आलोक ने नगर निगम का फर्जी गुमास्ता बनाकर फरियादी विनय वर्मा को दे दिया. इसके बाद जब विनय वर्मा ने उस दस्तावेज की जांच पड़ताल की तो वह फर्जी निकला.
Also Read: संबंधित इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें |
आरोपी को पुलिस जल्द पकड़ेगी: इसके बाद मामले में फरियादी की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आलोक नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले में पूछताछ की जा रही है और आने वाले दिनों में इस मामले में आरोपी के साथ और कौन-कौन से लोग मिले हुए हैं उनके बारे में खुलासा होगा. आलोक से पुलिस पूछताछ कर रही है. इससे पहले भी इंदौर में इस तरह के फर्जी दस्तावेज के मामले सामने आ चुके हैं. मामले में पुलिस ने कुछ और आरोपियों को जल्द पकड़ने की बात कह रही है.