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मूक बधिर छात्राओं से रेप: निशक्तजन आयुक्त पर लगे गंभीर आरोप, राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने जारी किया नोटिस

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Published : May 22, 2023, 7:24 PM IST

Updated : May 24, 2023, 1:42 PM IST

भोपाल में उजागर हुए बहुचर्चित मूक बधिर छात्राओं के यौन शोषण के मामले में पीड़ित छात्राओं ने निशक्तजन आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय विभाग व भोपाल पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है.

Crime news
क्राइम न्यूज

इंदौर। राजधानी भोपाल में मूक बधिर छात्राओं के बलात्कार के मामले की कोर्ट में सुनवाई के बीच पीड़िता छात्राओं ने प्रदेश के निशक्तजन आयुक्त के खिलाफ केस को प्रभावित कर पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगाएं हैं. इस मामले में एक पीड़िता छात्रा की शिकायत पर अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव निशक्तजन एवं सामाजिक न्याय विभाग समेत भोपाल पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया हैं. इस नोटिस में छात्रा की शिकायत पर दोनों अधिकारियों से पूरे मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर 7 दिन के भीतर जवाब नहीं मिला तो उन्हे समन किया जा सकता है.

Notice of Scheduled Tribe Commission
अनुसूचित जनजाति आयोग का नोटिस

भोपाल में मूक बधिर छात्रों का यौन शोषण मामला: राजधानी भोपाल में उजागर हुए बहुचर्चित मूक बधिर छात्राओं के यौन शोषण के मामले में पहले भी आरोपी अश्विनी शर्मा को बचाने के आरोप विभागीय अधिकारियों पर लगे हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब किसी पीड़िता छात्रा ने सीधे जनजाति आयोग भारत सरकार को पत्र लिखकर निशक्तजन आयुक्त संदीप रजक पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप सीधे तौर पर लगाए हैं. हाल ही में इस आशय का नोटिस प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय विभाग व भोपाल पुलिस कमिश्नर को जारी किया गया है.

सामाजिक न्याय विभाग और कमिश्नर को नोटिस: दरअसल अगस्त 2018 में भोपाल के अवधपुरी स्थित कृतार्थ संस्था के डुप्लेक्स में रहने वाली चार मूक बधिर छात्राओं ने संस्था के संचालक अश्विनी शर्मा पर अपने साथ बलात्कार व शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे. इस मामले में राजनीति गरमाने के बाद भोपाल पुलिस ने 4 छात्रों की शिकायत पर 3 केस दर्ज किए थे. इस मामले के उजागर होने पर पुलिस ने अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तभी से इस मामले की राजधानी भोपाल स्थित कोर्ट में सुनवाई जारी है. बताया जा रहा है कि छात्राओं के बयानों के आधार पर प्रकरण में फिलहाल अंतिम सुनवाई का दौर जारी है.

इस बीच छात्राओं का आरोप है कि जिन्हें दिव्यांगों और पीड़ितों की मदद करना चाहिए, वहीं अधिकारी जिम्मेदार लोग आरोपी को बचाने के लिए उन्हें तरह-तरह से होस्टाइल करने और अपने बयान बदलने को लेकर तरह-तरह से दबाव डाल रहे है. इतना ही नहीं छात्राओं का आरोप है कि इस प्रकरण में उनकी मदद करने वाले इंदौर के आनंद मूक बधिर सोसाइटी के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित एवं मोनिका पुरोहित को भी अकारण ही प्रताड़ित किया जा रहा है. छात्राओं ने इस मामले में सीधे तौर पर पहली बार आयुक्त निशक्तजन की नामजद शिकायत अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी थी. लिहाजा आयोग ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव और भोपाल कमिश्नर को नोटिस जारी किया है.

Notice of Scheduled Tribe Commission mp
निशक्तजन आयुक्त का आरोपों पर बयान
  1. Indore Rape Case : मूकबधिर बच्ची से रेप के मामले में संदिग्धों के DNA सैंपल लैब भेजेगी पुलिस
  2. MP: दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात के लिए कोर्ट के दरवाजे पर पुलिस, DNA से होगी आरोपी की पहचान
  3. Indore: कोर्ट ने दी नाबालिग मूकबधिर बच्ची के गर्भपात का अनुमति, DNA सैंपल रखा जाएगा सुरक्षिक

निशक्तजन आयुक्त बोले नोटिस पर देंगे जवाब: मामले में निशक्तजन आयुक्त संदीप रजक का कहना है कि "पीड़ित छात्रा को इंदौर की संस्था आनंद मूकबधिर संस्था भड़काकर अपने खिलाफ जारी आर्थिक अनियमितताओं की जांच रोकना चाहती है. जो संभव नहीं है. उन्होंने कहा जहां तक पीड़ित छात्रा की शिकायत का सवाल है तो आयोग के नोटिस के अनुसार जवाब दिया जाएगा, लेकिन जो लोग दिव्यांगों की समाज सेवा के नाम पर गलत काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ हो रही शिकायतों पर कार्रवाई रोकी नहीं जा सकती. इसलिए वह अलग-अलग तरीके से मेरे व्यक्तिगत नाम से छात्राओं को भड़का कर इस तरह के प्रयास कर रहे हैं. संबंधित संस्था और संस्था संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित के खिलाफ इंदौर पुलिस कमिश्नर भी जांच कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप भी इस तरह की शिकायतें निर्दोष छात्राओं से कराई जा रही हैं."

Last Updated : May 24, 2023, 1:42 PM IST
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