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MP बाल संरक्षण आयोग का डबरा में मिशनरी स्कूल पर छापा, आपत्तिजनक सामग्री जब्त

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Published : Mar 28, 2023, 4:04 PM IST

Updated : Mar 28, 2023, 6:02 PM IST

मध्यप्रदेश में इन दिनों बाल संरक्षण आयोग की टीम ईसाई मिशनरी से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों पर छापे मार रही है. कार्रवाई के दौरान गंभीर खुलासे सामने आ रहे हैं. मुरैना के स्कूल को सील करवाने के बाद आयोग की सदस्य के साथ टीम ग्वालियर पहुंची. जहां जिले के डबरा पहुंचकर सिमरिया टेकरी स्थित सेंट पीटर्स स्कूल पर औचक छापा मारा. आरोप है कि स्कूल में ईसाई साहित्य का भंडार और एक नन ट्रेनिंग सेंटर भी मिला.

MP Child Protection Commission raids missionary school
MP बाल संरक्षण आयोग का डबरा में मिशनरी स्कूल पर छापा

MP बाल संरक्षण आयोग का डबरा में मिशनरी स्कूल पर छापा

ग्वालियर। डबरा के सिमिरिया टेकरी स्थित सेंट पीटर्स स्कूल में बाल आयोग की सात सदस्यीय भोपाल की टीम ने रेड की. टीम में बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा, ओमकार सिंह, सुमंत शर्मा आदि थे. इस टीम ने स्कूल कैम्पस का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को स्कूल में कई अनियमितताएं मिलीं. बाल संरक्षण आयोग के सदस्यो का कहना है कि स्कूल लाइब्रेरी एवं क्लास रूम में ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार सामग्री पाई गई है.

स्कूल में नन ट्रेनिंग कैम्पस चलता मिला : वहीं स्कूल में कई स्थानों पर ईसाई धर्म से जुड़ी सामग्री भी मिली. साथ ही क्लास रूम एवं लायब्रेरी में ईसाई साहित्य एवं स्कूल में नन ट्रेनिंग कैम्पस चलता पाया गया. टीम का कहना है कि जांच के दौरान पाया गया कि प्रबंधन के पास स्कूल संचालन की कोई भी अनुमति नहीं मिली. आयोग की टीम को स्कूल प्रबंधन कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका. शासन द्वारा एग्रीकल्चर के लिए दी गई भूमि पर बड़ी मात्रा में कैंपस बनाया गया है. निरीक्षण के दौरान कई कंस्ट्रक्शन का कार्य अवैध रूप से बिना अनुमति के जारी मिला.

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एसडीएम ने बनाया पंचनामा : इस मामले में एसडीएम डबरा प्रखर सिंह द्वारा पंचनामा बनाया गया. इसमें गंभीर अनियमितता एवं लापरवाही पाए जाने की बात है. प्राइमरी स्कूल बिल्डिंग एवं प्रिंसिपल चेंबर सहित मैन डोर को सील करने की कार्रवाई की गई. वहीं स्कूल के प्रिंसिपल दिलीप नंदलाल पर मुरैना जिले में दुष्कर्म का मामला भी दर्ज हुआ था. जिसकी भी जांच करने की बात टीम एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा कही गई है. प्रिंसिपल की योग्यता पर भी सवालिया निशान खड़े किए गए हैं. राजस्व अधिकरियों का कहना है संस्था द्वारा भूमि डायवर्सन की राशि भी जमा हीं नहीं की गई. इसकी अब विधिवत राजस्व अधिकारी जांच करने की बात कर रहे हैं. साल 1994 में स्कूल के नाम पर इस कैम्पस की स्थापना हुई थी, जब से अब तक स्कूल द्वारा किसी भी तरह की कोई भी अनुमति नहीं ली गई. स्कूल में केवल परीक्षा केंद्र बनाए जाने की अनुमति होना बताया जा रहा है. 11 सौ बच्चो को इस स्कूल में पढ़ाया जा रहा है,

Last Updated :Mar 28, 2023, 6:02 PM IST
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