ETV Bharat / state

लंदन की थेम्स नदी की तर्ज पर बनी स्वर्णरेखा नदी, करोड़ों खर्च के बाद भी बह रहा गंदा पानी

author img

By

Published : Jul 28, 2020, 6:05 PM IST

शहर के बीच से गुजरने वाली रियासत कालीन स्वर्णरेखा नदी जो कभी पूरे ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, वो आज पूरी तरह नाले में तब्दील हो चुकी है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी जिला प्रशासन इसमें स्वच्छ पानी नहीं ला पाया है

Dirt in the Swarnarekha river
स्वर्णरेखा नदी में गंदगी

ग्वालियर। शहर के बीच से गुजरने वाली रियासत कालीन स्वर्णरेखा नदी जो कभी पूरे ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, वो आज पूरी तरह नाले में तब्दील हो चुकी है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी जिला प्रशासन इसमें स्वच्छ पानी नहीं ला पाया है और इस नदी का नाले में तब्दील होने का प्रमुख कारण उद्योग इलाके और घरों से सीवर का गंदा पानी आना है. इस नदी में शहर का गंदा पानी लगातार बह रहा है.

स्वर्णरेखा नदी में गंदगी

लंदन की फेमस नदी की तर्ज बनाई गई थी ये नदी

ये सिंधिया रियासत काल की नदी है इस नदी को लंदन की फेमस नदी की तर्ज पर बनाया गया था, उस समय इस नदी में स्वच्छ पानी बहता था और शहर के लोगों को पीने के लिए पानी मिलता था, साथ ही शहर के आसपास के जो गांव है उनके लिए भी यह नदी पानी का स्रोत थी, लेकिन बढ़ते उद्योग प्रदूषण के कारण यह नदी अब नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है.

150 करोड़ खर्च के बाद भी नहीं आया पानी

स्वर्णरेखा नदी में साफ पानी लाने के लिए 100 करोड़ से अधिक रुपए खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक इसमें साफ पानी नहीं आए पाया है. बताया जाता हैं कि स्वर्णरेखा नदी में जब स्वच्छ पानी बहता था तो उस शहर के इलाके के गांव इससे अपने खेतों में सिंचाई होती थी और पीने के लिए उपयोग करते थे. इसको लेकर शिवराज सरकार के 15 साल के कार्यकाल में कांग्रेस ने तमाम सवाल सवाल खड़े किए थे क्योंकि इस नदी में पानी लाने के लिए 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो गया लेकिन अभी तक पानी नहीं आ पाया है.

नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का कहना है कि यह नदी जिला प्रशासन और सरकार के लिए दुधारू गाय के समान है, इसमें जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिया लेकिन अभी इसमें पानी नहीं ला पाए हैं.

वहीं बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि इसमें लगातार सीवर का गंदा पानी और औद्योगिक क्षेत्र से गंदा पानी बहता है सरकार स्वच्छ पानी लाने के लिए लगातार प्रयासरत है और जल्द शहर के लोगों के लिए इस नदी में स्वच्छ पानी आसपास के बांधों के जरिए लाया जाएगा.

स्वर्णरेखा नदी पर करोड़ों रुपए खर्च करके नीदरलैंड की तकनीकी से निकालने का काम भी किया लेकिन यह योजना पूरी तरह से फेल हो गई. वहीं साल 2006 में 60 करोड़ रुपए खर्च कर स्वर्णरेखा को पक्का कराया गया था. जिससे बरसात का पानी जमा होता रहे लेकिन कम बरसात के चलते पानी जमा नहीं हो पाया लेकिन गंदा पानी इकट्ठा हो गया.

ग्वालियर। शहर के बीच से गुजरने वाली रियासत कालीन स्वर्णरेखा नदी जो कभी पूरे ग्वालियर शहर की प्यास बुझाती थी, वो आज पूरी तरह नाले में तब्दील हो चुकी है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी जिला प्रशासन इसमें स्वच्छ पानी नहीं ला पाया है और इस नदी का नाले में तब्दील होने का प्रमुख कारण उद्योग इलाके और घरों से सीवर का गंदा पानी आना है. इस नदी में शहर का गंदा पानी लगातार बह रहा है.

स्वर्णरेखा नदी में गंदगी

लंदन की फेमस नदी की तर्ज बनाई गई थी ये नदी

ये सिंधिया रियासत काल की नदी है इस नदी को लंदन की फेमस नदी की तर्ज पर बनाया गया था, उस समय इस नदी में स्वच्छ पानी बहता था और शहर के लोगों को पीने के लिए पानी मिलता था, साथ ही शहर के आसपास के जो गांव है उनके लिए भी यह नदी पानी का स्रोत थी, लेकिन बढ़ते उद्योग प्रदूषण के कारण यह नदी अब नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है.

150 करोड़ खर्च के बाद भी नहीं आया पानी

स्वर्णरेखा नदी में साफ पानी लाने के लिए 100 करोड़ से अधिक रुपए खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक इसमें साफ पानी नहीं आए पाया है. बताया जाता हैं कि स्वर्णरेखा नदी में जब स्वच्छ पानी बहता था तो उस शहर के इलाके के गांव इससे अपने खेतों में सिंचाई होती थी और पीने के लिए उपयोग करते थे. इसको लेकर शिवराज सरकार के 15 साल के कार्यकाल में कांग्रेस ने तमाम सवाल सवाल खड़े किए थे क्योंकि इस नदी में पानी लाने के लिए 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो गया लेकिन अभी तक पानी नहीं आ पाया है.

नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का कहना है कि यह नदी जिला प्रशासन और सरकार के लिए दुधारू गाय के समान है, इसमें जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिया लेकिन अभी इसमें पानी नहीं ला पाए हैं.

वहीं बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि इसमें लगातार सीवर का गंदा पानी और औद्योगिक क्षेत्र से गंदा पानी बहता है सरकार स्वच्छ पानी लाने के लिए लगातार प्रयासरत है और जल्द शहर के लोगों के लिए इस नदी में स्वच्छ पानी आसपास के बांधों के जरिए लाया जाएगा.

स्वर्णरेखा नदी पर करोड़ों रुपए खर्च करके नीदरलैंड की तकनीकी से निकालने का काम भी किया लेकिन यह योजना पूरी तरह से फेल हो गई. वहीं साल 2006 में 60 करोड़ रुपए खर्च कर स्वर्णरेखा को पक्का कराया गया था. जिससे बरसात का पानी जमा होता रहे लेकिन कम बरसात के चलते पानी जमा नहीं हो पाया लेकिन गंदा पानी इकट्ठा हो गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.