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आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को बनाया जा रहा सशक्त, 700 को दिया जाएगा प्रशिक्षण

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Published : Jun 4, 2019, 6:40 PM IST

आजीविका मिशन के तहत मजदूर महिलाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उन्हे रोजगार के अवसर मिलेंगे. जिले में पहले दल में 6 महिलाए शामिल है. जिन्हे 250 रुपये प्रतिदिन इनकम होगी.

प्रशिक्षण लेती महिलाए

डिंडौरी। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से सात विकास खंडों में मजदूर महिलाओं को आजीविका मिशन के तहत ट्रेंड किया जा रहा है. जिसके तहत महिलाएं राजगीर बनकर सम्मानित आय पा सकेंगी. ये महिलाएं प्रधानमंत्री आवास निर्माण के जरिये काम कर रही हैं और नया काम सीख रही हैं. इन महिलाओं को प्रतिदिन 250 रुपये की आमदनी होगी.

प्रशिक्षण लेती महिलाए
आजीविका मिशन अधिकारी श्याम गौतम के मुताबिक, सात विकास खंड में 175 महिलाएं राज मिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. जो आने वाले समय में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का निर्माण करेंगी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करने वाली ये पहली महिला टीम है, जो मध्यप्रदेश में डिंडौरी की होंगी जो अपने पैरों पर खड़ा होने जा रही हैं.700 महिलाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास की अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरी सिंह ने पूरे मध्यप्रदेश में महिलाओं को अपग्रेट कर राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये थे. महिलाओं की पहली युनिट में 6 महिलाएं शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान का निर्माण करेंगी. आजीविका मिशन के तहत जिले में 700 महिलाओं को प्रशिक्षित कर राजमिस्त्री बनाया जायेगा.

क्या कहती हैं महिला मजदूर

प्रशिक्षण ले रही यशोदा बाई धुर्वे का कहना है कि सीईओ बजाग अपनी मौजूदगी में ट्रेनिंग दिलवा रही हैं. आवास बनाने की सारी बारीकियां वो यहां सिख रही हैं. यशोदा बाई ने बताया कि गड्ढा खुदाई, क्रंकीट डालना, जाल डालना, कालम खड़े करना, ईटों की जुड़ाई करना, बीम डालना सीख चुकी हैं. उनका कहना है कि पहले उसे मजदूरी करने पर 150 रुपये की आय होती थी, लेकिन अब 250 रुपये आय होने लगी है.

महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल

बजाग जनपद क्षेत्र की महिला सीईओ स्वाति सिंह बघेल का कहना है कि महिलाओं को सशक्त करने की अनोखी पहल है. 42 महिलाएं पहले सेशन में ट्रेंड होंगी, जिसके चलते मजदूर महिलाओं को सशक्त कर राजमिस्त्री की ट्रेनिंग दिलाई गई है. प्रति जनपद 7 आवास का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें एक यूनिट काम कर रही है, प्रति यूनिट में 6 महिलाएं शामिल हैं. नये लक्ष्य में इन्हीं महिलाओं को काम देकर पुनरावृत्ति होगी.

Intro:एंकर _ प्रधानमंत्री आवास निर्माण में कड़ी धूम में जुटी ये है डिंडौरी जिले की बनी मजदूरी करने वाली घरेलू महिलाएं। जिन्हें आजीविका परियोजना के द्वारा सशक्त कर खुद के पैर पर खड़ा किया जा रहा है।महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को लेकर जिले की सात विकासखंडों में मजदूर महिलाओ को ट्रेंड किया जा रहा है जिससे ये महिलाएं राजमिस्त्री बन कर सम्मानित आमदंनी की हकदार बनेंगी। आजीविका मिशन के अधिकारी श्याम गौतम के बताए अनुसार जिले के सात विकासखंड में अब तक 175 महिलाए राजमिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।जो आने वाले समय मे डिंडौरी जिले की प्रधामंत्री आवास योजना के तहत आवास का निर्माण करेंगी। महिला राजमिस्त्री द्वारा प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करने वाली यह पहली महिला टीम मध्यप्रदेश में डिंडौरी की होंगी जो अपने पैरों में खड़ा होने जा रही हैं।


Body:वि ओ 01 महिला शसक्तीकरण के उद्देश्य को लेकर प्रदेश सरकार की पहल पर डिंडौरी जिले की आजीविका परियोजना के द्वारा ऐसी ग्रामीण महिलाओ को राजमिस्त्री बनाकर तैयार किया जा रहा है जो गाँव मे बनी मजदूरी का काम करती थी। आजीविका मिशन के परियोजना अधिकारी श्याम गौतम ने बताया कि महिलाओ को राजमिस्त्री बनाने को लेकर राज्य स्तर पर चर्चा की गई थी जिसमे पंचायत एवं ग्रामीण विकास की अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरी सिंह ने पूरे मध्यप्रदेश में महिलाओ को अपग्रेट कर राजमिस्त्री तैयार करने को कहा था।राजमिस्त्री बन ये सभी महिलायें डिंडौरी जिले में स्वीकृत 21 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान का निर्माण करेंगी।पहली चरण में जिले के सात विकास खंड में एक एक यूनिट तैयार किया गया प्रति यूनिट में 6 महिलाए शामिल है। वही आजीविका मिशन के द्वारा जिले में 700 महिलाओ को प्रशिक्षित कर राजमिस्त्री बनाया जायेगा। जिन्हें प्रतिदिन 250 रुपये की आमदंनी होगी।इस आमदंनी से न सिर्फ वे शसक्त होंगी बल्कि उनका सम्मान भी बढेगा।

वि ओ 02 _ वही राजमिस्त्री का प्रशिक्षण ले रही बजाग विकासखंड के ग्राम घोपतपुर की ये है यशोदा बाई धुर्वे।जिनकी टीम में 6 महिला सदस्य है।इन महिलाओं को सीईओ बजाग अपनी मौजूदगी ने ट्रेनिंग दिलवा रही हैं।जो आवास बनाने की सारी बारीकियां सीख रही है।जैसे गड्डा खुदाई,क्रंकीट डालना,पिंजड़ा डालना,कालम खड़े करना,ईटो की जुड़ाई करना,बीम डालना सीख चुकी है।घर और बाहर बनी मजदूरी का काम करने वाली यशोदा बाई का कहना है कि आजीविका स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद वे राजमिस्त्री का काम सीख रही है। जिससे उन्हें आमदंनी में भी इजाफा होगा और सम्मान भी मिलेगा।पहले यशोदा को 150 रुपये मजदूरी में बमुश्किल मिलते थे लेकिन राजमिस्त्री का काम करके अब उन्हें प्रतिदिन 250 रुपये मिल रहा है।

वि ओ 03_ वही बजाग जनपद क्षेत्र की महिला सीईओ स्वाति सिंह बघेल का कहना है कि ये महिलाओ को सशक्त करने की अनोखी पहल है। 42 महिलाएं पहले सेशन में ट्रेंड होंगी जिसके चलते मजदूर महिलाओ को सशक्त कर राजमिस्त्री की ट्रेनिंग दिलाई गई है।प्रति जनपद 7 आवास का लक्ष्य रखा गया है जिसमे 1 यूनिट काम कर रही है प्रति यूनिट में 6 महिलाएं शामिल है।नये लक्ष्य में इन्ही महिलाओ को काम देकर पुनरावृत्ति होगी।

दीपक ताम्रकार ईटीवी भारत डिंडौरी


Conclusion:बाइट 1 यशोदा बाई धुर्वे,प्रशिक्षित राजमिस्त्री
बाइट 2 स्वाति सिंह बघेल_सीईओ जनपद बजाग
बाइट 3 श्याम गौतम_ परियोजना अधिकारी जिला आजीविका मिशन
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