ETV Bharat / state

रीछों के राजा जामवंत ने श्रीकृष्ण से यहीं किया था 27 दिनों तक युद्ध, आस्था-आध्यात्म का है केंद्र

author img

By

Published : Nov 25, 2019, 3:00 PM IST

देवास के खातेगांव से करीब 25 किलोमीटर दूर हरणगांव में सत नगरी की पहाड़ी पर स्थित रीछों के राजा जामवंत की गुफा और प्रतिमा मौजूद है. जो पर्यटन और आधात्यम का केंद्र है.

गोपनीय गुफा

देवास। देश के दिल में बसा मध्यप्रदेश अपने गर्भ में विरासत का जो खजाना छिपाए रखा है, उसका दीदार करने को हर दिल मचलता है. कदम-कदम पर यहां प्रकृति की अद्भुत छटा देखने को मिलती है, जंगल-पहाड़ से लेकर प्राकृतिक झरने व ऐतिहासिक मंदिर और इमारतें इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. खातेगांव तहसील के हरण गांव में राजा जामवंत की गुफा और प्रतिमा मौजूद है, जो पर्यटकों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बना है. विंध्याचल पर्वत श्रृंखला से जुड़े होने के चलते इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्व बढ़ जाता है.

महंत संतोष बताते हैं कि क्यों भगवान श्रीकृष्ण और जामवंत के बीच 27 दिनों तक युद्ध हुआ था और कैसे इसका पटापेक्ष हुआ था. खातेगांव से 25 किलोमीटर सफर कर हरणगांव के सत नगरी पहुंचा जा सकता है, जबकि आष्टा-कन्नौद राजमार्ग के कुसमानिया से 30 किलोमीटर रास्ता तय कर हरण गांव पहुंचा जा सकता है.

देवास की गोपनीय गुफा

सत नगरी साधु-संतों की तपस्थली रही है. महात्मा मुरलीदास यहां स्थित एक गुफा के अंदर बनी सुरंग के माध्यम से रोजाना नर्मदा स्नान करने जाते थे. उनके बाद उनके शिष्य भरत दास और फिर मस्तराम बाबा ने यहां तपस्या कर मंदिर के धार्मिक महत्व को बढ़ाया था, अब यहां महंत संतोष दास पूजा-पाठ कर रहे हैं. प्रदेश में टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है, यही वजह है कि तमाम पर्यटन स्थल आज भी अपना वजूद तलाश रहे हैं.

Intro:जामवंत गुफा में मणि के लिए हुई थी भगवान श्रीकृष्ण-जामवंत की लड़ाई

खातेगांव। देवास जिले के खातेगांव तहसील में हरणगांव के सत नगरी की पहाड़ी स्थित है। जो कि प्राकृतिक सौंदर्य की अनुपम छटा का अद्भुत नजारा है। इसमें रीछों के राजा जामवंत की गुफा एवं प्रतिमा है जो पर्यटकों के लिए आस्था एवं आकर्षण का केंद्र है। विंध्याचल पर्वत की श्रेणियों में स्थित धार्मिक ऐतिहासिक एवं पर्यटन दृष्टि से अत्यधिक महत्व है प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है।

Body:पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में राजा जामवंत रहते थे यहां के महंत संतोष दास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण और जामवंत युद्ध भी यही हुआ था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सत्रजीत भगवान सूर्य का भक्त था इसलिए सूर्यदेव ने प्रसन्न होकर सत्रजीत को स्यातक मणि दी। सत्रजीत मणि लेकर द्वारकापुरी में गया। और भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि यहां मणि प्रतिदिन सोना देती है। मणि के प्रभाव से कोई रोग, सर्पों का राज और मायावती की माया की नहीं चलती है। इसके बाद 1 दिन सत्रजीत का छोटा भाई मणि को गले में बांधकर शिकार खेलने के लिए जंगल में गया वहां एक सिंह ने उसे मारकर मणि छीन ली और उसे गुफा में ले जाते हुए जामवंत ने देखा तो जामवंत ने शेर को मारकर मणि अपने साथ ले गए।
सत्रजीत को लगा कि भगवान श्री कृष्ण ने मेरे भाई को मारकर मणि छीन ली और उन पर झूठा आरोप लगा दिए भगवान श्रीकृष्ण पर मणि चोरी का कलंक लगा तो वह भी मणि की तलाश में जंगल में चले भगवान श्री कृष्ण गुफा में पहुंचे। जहां पर जामवंत से 27 दिन और 27 रात युद्ध किया। फिर जामवंत ने भगवान को पहचानकर हार मान ली और फिर अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्री कृष्ण से करने का प्रस्ताव रखा और मणि दहेज में दी।


देवों की नगरी के रूप में पहाड़ियों पर ऐतिहासिक मंदिरों दर्शनीय स्थानों का महत्वपूर्ण स्थान है यहां राम जानकी, भगवान शंकर, राधे कृष्ण, चौसठ योगिनी सहित अन्य देवी-देवताओं विराजमान हैं श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का केंद्र है।

सत नगरी कई साधु-महात्माओं के तपस्या स्थली रही है यहां के महात्मा मुरलीदास यहां स्थित एक गुफा से अंदर सुरंग के माध्यम से प्रतिदिन नर्मदा स्नान करने जाया करते थे। बाबा मुरली दास के बाद उनके शिष्य भरत दास और उनके बाद उनके शिष्य मस्तराम बाबा ने यहां तपस्या कर मंदिर में पूजा पाठ की है। अब वर्तमान में यहां संतोष दास महंत पूजा पाठ कर रहे हैं इस प्रकार सत नगरी वास्तव में सत्य की नगरी है।

Conclusion:हरणगांव के पास हजारों फीट ऊंची पहाड़ी क्षेत्रवासियों एवं राहगीरों के लिए आकर्षण का केंद्र है दूर से ही पहाड़ी को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। यहां पहुंचने के लिए खातेगांव से करीब 25 किलोमीटर का सफर तय कर हरणगांव से सत नगरी पहुंचा जा सकता है। इसी प्रकार आष्टा-कन्नौद राजमार्ग के कुसमानिया से करीब 30 किलोमीटर सफर तय कर हरण गांव पहुंच सकते है।


बाईट- संतोष दास, महंत सतनगरी हरणगांव(खातेगांव)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.