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Dewas News: गांवों में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

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Published : May 30, 2023, 11:02 PM IST

ग्रामीण इलाकों में किराना दुकानों एवं गुमटियों पर धड़ल्ले से शराब की अवैध बिक्री हो रही है. लेकिन इस पर प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई और ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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गांवों में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब

देवास। इन दिनों जिले के कन्नौद-खातेगांव तहसील के ग्रामीण अंचल में किराना दुकानों एवं गुमटियों पर धड़ल्ले से शराब की अवैध बिक्री हो रही है, जबकि आबकारी विभाग मुख्य रूप से अवैध शराब बिक्री रोकने पर लगातार काम कर रहा है. आबकारी विभाग अपनी खुद की कुछ नीतियां बनाकर शराब व्यापार का संचालन व निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन क्षेत्र में अवैध शराब को लेकर कार्रवाई नहीं हो रही है. ठेकेदारों के द्वारा डायरी बनाकर गांवों में अवैध रूप से शराब का परिवहन एवं बिक्री की जा रही है, जिससे गांव की शांति तो भांग हुई है साथ ही पारिवारिक एवं घरेलू हिंसा में भी बढ़ोतरी हुई है.

जानकारी के अनुसार सरकार ने शराब बिक्री के लिए नियमानुसार लाइसेंस जारी किए हैं, ताकि शराब की बिक्री सरकार के निर्धारित मापदंड अनुसार हो सके. इसकी पूरी जिम्मेदारी आबकारी विभाग को दी है. लेकिन कन्नौद-खातेगांव तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध शराब धड़ल्ले से बिक रही है. अवैध शराब बिक्री पर शासन प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. अवैध शराब बिक्री से ठेकेदार तो मालामाल हो रहा है, लेकिन किराना दुकानों पर अवैध शराब बिक्री से गांव का माहौल बिगड़ रहा है.

किराना दुकानों एवं गुमटियों पर बिकती है अवैध शराबः सरकार ने शराब विक्रय के लिए निर्धारित मापदंड पर ठेकेदारों को लाइसेंस दिए है, ताकि नियत स्थान से शराब बेची जा सके. लेकिन आबकारी विभाग की लापरवाही कहे या सांठगांठ से गांव की गलियों में अवैध शराब बिक्री हो रही है. इधर ठेकेदार ने स्वयं गांव-गांव डायरी रूपी लाइसेंस दे दिए है, जिसके चलते गांव में आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है, जोकि छोटे छोटे बच्चों के हाथ से बिक रही है.

गेंहू-चावल के बदले भी मिलती है शराबः ग्रामीण क्षेत्र में किराना दुकानों पर गेंहू, चावल या अन्य उपज के बदले आसानी से शराब मिल जाती है, जिसके चलते छोटे बच्चे घर से अनाज की चोरी करके शराब का सेवन करने लगे है. शराब की अवैध बिक्री किसी एक गांव की समस्या नहीं है. हर गांव में शराब बेख़ौफ बेची जा रही है. जिससे अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है.

शराबियों के आतंक से परेशान ग्रामीणः गांव में आसानी से शराब मिलने के कारण ग्रामीण शराब का सेवन अधिक करने लगे है, जिससे छोटी-छोटी बात पर बहस होती है और बात लड़ाई झगड़े तक पहुंच जाती है. ग्रामीण शराबियों के आतंक से परेशान है. वहीं, गांव में गली-गली स्थित किराना दुकानों पर शराब की अवैध बिक्री से शाम के समय महिलाएं घर से बाहर निकलने में संकोच करती है. वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है. साथ ही पुरुष शराब पीकर महिलाओं के साथ गाली-गलौज करते है. कई बार मारपीट भी करते है। ऐसे में घरेलु हिंसा और पारिवारिक विवाद भी बढ़ गए है. महिलाओं का कहना है कि सरकार चाहे हमें एक हजार रुपये महीने के न दे, लेकिन गांव में बिक रही शराब की अवैध बिक्री जरूर बंद करें.

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अहाते बंद किए तो ढाबों की बढ़ी रौनकः सरकार ने चाहे शराब के अहाते बंद किये तो कन्नौद-खातेगांव नगर के आसपास के ढाबों की रौनक बढ़ गई. ढाबा संचालकों ने बोर्ड लगाया यहां शराब पीना मना है. इसके बावजूद भीतर बैठने की व्यवस्था की हुई है. बिना जिम्मेदार की सांठ-गांठ के ढाबों पर शराब बिकना सम्भव नहीं है. इधर ग्रामीणों की शिकायत पर जब हमारे प्रतिनिधि से पड़ताल की, तो पाया कि शराब ठेकेदार द्वारा 5 हजार रुपये पगड़ी के रूप में जमा करवाकर डायरी बना देता है और किराना दुकानदार उसी डायरी को लाइसेंस मानकर उस ठेकेदार की शराब बेचता है. ठेकेदार द्वारा रोजाना इन दुकानों तक शराब पहुंचाई जा रही है. इस बात की जानकारी आबकारी विभाग को भी है लेकिन विभाग ठेकेदार के आगे नतमस्तक है.

जल्दी ही अवैध शराब बिक्री पर करेंगे कार्रवाईः इस संबंध में देवास जिला आबकारी अधिकारी श्रीमती वंदना पांडेय ने बताया कि आपके मैसेज से जानकारी मिली है. मैंने हमारे एसआई को बोल दिया है. जल्दी ही अवैध शराब बिक्री पर कार्रवाई करेंगे.

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