गांव के बेटे को कांग्रेस से नहीं मिला टिकिट, तो कमलनाथ के विधानसभा में मतदान का किया बहिष्कार, नहीं डाला एक भी वोट
Published: Nov 17, 2023, 7:07 PM


गांव के बेटे को कांग्रेस से नहीं मिला टिकिट, तो कमलनाथ के विधानसभा में मतदान का किया बहिष्कार, नहीं डाला एक भी वोट
Published: Nov 17, 2023, 7:07 PM

Villagers Boycott voting In Chhindwara: कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के एक गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. कांग्रेस से गांव के लड़के को टिकट न मिलने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया है.
छिंदवाड़ा। एमपी के हर जिले और गांव से लोग मतदान के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. जबकि प्रदेश के एक जिले में ऐसा गांव जहां आधा दिन होने को हो गया, लेकिन अभी तक वहां पर एक मतदान भी नहीं हुआ है. छिंदवाड़ा विधानसभा का मतदान केंद्र 165 ऐसा है. जहां पर एक भी मतदाता ने वोट नहीं किया है. मतदान का बहिष्कार ग्रामीणों ने इसलिए किया है, क्योंकि कांग्रेस ने अपने गांव के एक बेटे नीरज बंटी पटेल को टिकट नहीं दिया था. मतदान केंद्र का जायजा ईटीवी भारत संवाददाता महेंद्र राय ने जायजा लिया और जाना क्या है मामला.
गांव के लोग बोले- कमलनाथ ने दगाबाजी की: छिंदवाड़ा विधानसभा का शहपुरा गांव ऐसा था, जहां पर गांव के युवा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, तो ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर कर दिया. 1063 मतदाताओं वाले शहपुरा बूथ में एक भी वोट नहीं डाला गया. गांव के लोगों का कहना, कमलनाथ ने दगाबाजी की, इसलिए विरोध में मतदान नहीं हुआ.
गांव के बुजुर्ग मतदाता कुबेर सिंह रघुवंशी ने बताया कि उनका गांव हर साल 90 फीसदी कांग्रेस के पक्ष में मतदान करता है. गांव का ही एक युवक नीरज उर्फ बंटी पटेल चौरई विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से टिकट मांग रहे थे. इसको लेकर कमलनाथ ने उन्हें हामी भी भर दिया था और बोला था कि जाकर तैयारी कीजिए, लेकिन बाद में टिकट मौजूदा विधायक सुजीत सिंह चौधरी को ही दिया गया. उसके बाद गांव के लोगों ने हजारों की संख्या में कमलनाथ से मुलाकात की. इसके बाद उनसे कमलनाथ की तरफ से अभद्रता की गई. इसी गुस्से में उन्होंने चुनाव में मतदान न करने का फैसला किया.
नीरज बंटी पटेल का 30 से 40 गांव में प्रभाव: शहपुरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने तो एक भी वोट नहीं किया, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि करीब 30 से 40 ऐसे गांव हैं. जहां नीरज उर्फ बंटी पटेल का खासा प्रभाव है. इन गांव में भी अधिकतर वोट कांग्रेस के पक्ष में डाले जाते थे. लेकिन इस बार ग्रामीणों ने वहां पर भी विरोध जताकर अन्य दलों को मतदान किया है. इसका खामियाजा सीधा-सीधा कमलनाथ को उनके ही विधानसभा छिंदवाड़ा में पड़ सकता है और इसका कर परिणाम में भी देखने को मिल सकता है.
तहसीलदार भी मनाने पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने नहीं सुनी: गांव में वोट नहीं डालने की खबर को लेकर प्रशासन भी तुरंत गांव पहुंचा. मौके पर तहसीलदार ने ग्रामीणों से चर्चा की गांव में भी घूम-घूम कर लोगों से मतदान करने की अपील भी करते रहे, लेकिन किसी भी ग्रामीण ने वोट डालने से मना कर दिया. दिन भर मतदान केंद्र में मतदान कर्मी मतदाताओं का इंतजार करते रहे.
