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'मेरा भोला है भंडारी' फेम बाबा हंसराज रघुवंशी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

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Published : Nov 18, 2019, 6:26 PM IST

सीएम कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर छिंदवाड़ा में प्रस्तुति देने पहुंचे 'मेरा भोला है भंडारी' फेम बाबा हंसराज रघुवंशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

हंसराज रघुवंशी

छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर छिंदवाड़ा में 'मेरा भोला है भंडारी' फेम बाबा हंसराज रघुवंशी भजन संध्या की प्रस्तुति देने पहुंचे. यहां बाबा हंसराज रघुवंशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

हंसराज रघुवंशी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बाबा हंसराज रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. शुरुआत में उन्होंने अपने गानों को यूट्यूब पर डाला, उस दौरान कई बार उनके गाने यूट्यूब ने डिलीट भी कर दिया गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार संघर्ष करते रहे. रघुवंशी ने बताया कि उनके पिता ही उनके गुरु हैं.

सोशल मीडिया से मिली पहचान

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हंसराज रघुवंशी ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ सोशल मीडिया का है धीरे- धीरे वह सोशल मीडिया में गाने अपलोड करते थे और आज इस मुकाम पर हैं.

पहाड़ी गायकों के लिए बोली एक चुनौती

हंसराज रघुवंशी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हर 5 किलोमीटर में बोली बदल जाती है, जो वहां के गायकों के लिए बड़ी चुनौती होती है. अधिकतर पहाड़ी गायक इसीलिए सफल नहीं हो पाते हैं, क्योंकि वो दूसरी भाषाओं में गा नहीं पाते हैं.

Intro:छिंदवाड़ा । मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर छिंदवाड़ा में भजन संध्या की प्रस्तुति देने पहुंचे मेरा भोला है भंडारी फैम बाबा हंसराज रघुवंशी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत।


Body:बाबा हंसराज रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है शुरुआत उन्होंने अपने गानों की यूट्यूब में डाउनलोड करके की और उस दौरान कई बार उनके गाने यूट्यूब में डिलीट भी किया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार वे संघर्ष करते रहे।

बताया कि उनके बाबा पहले गांव में गाना गाया करते थे उनके गुरु भी उनके पिता है उसके बाद उन्होंने कुछ दिन हिमाचल प्रदेश में ही कैंटीन में काम करा और धीरे-धीरे अपनी गायकी को जारी रखा।

सोशल मीडिया से मिली पहचान

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हंसराज रघुवंशी ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ सोशल मीडिया का है धीरे-धीरे वह सोशल मीडिया में गाने अपलोड करते थे और आज इस मुकाम पर हैं।

पहाड़ी गायकों के लिए बोली एक चुनौती

हिमाचल प्रदेश में हर 5 किलोमीटर में बोली बदल जाती है जो वहां के गायकों के लिए बड़ी चुनौती होती है अधिकतर पहाड़ी गायक इसीलिए सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि वो दूसरी भाषाओं में गा नहीं पाते।




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