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MP Tiger State: एमपी टाइगर स्टेट लेकिन केंद्र से नहीं मिल रहा पर्याप्त बजट, आज जारी होंगे बाघों के आंकड़े, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से आस

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Published : Jul 29, 2023, 12:53 PM IST

mp tiger census today
एमपी में बाघों के आंकड़े आयेंगे

आज केंद्र आज शनिवार को राज्यवार बाघों के आंकड़े जारी करेगी. माना जा रहा है कि इस बार भी मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्ज मिल सकता है.

वनमंत्री विजय शाह ने क्या कहा

भोपाल/उमरिया। देश में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं. पिछले साल से हम कर्नाटक को पछाड़कर टाइगर स्टेट बने थे, लेकिन टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा. मध्य प्रदेश वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल अभी तक के केन्द्र से राशि नहीं आई है. 5 महीने पहले केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें से अभी तक कोई भी राशि स्वीकृत नहीं हुई है. पन्ना, संजय डुबरी और बांधवगढ़ नेशनल पार्क को पिछले साल के बजट की दूसरी किस्त भी नहीं मिली है.

एमपी में 6 टाइगर रिजर्व: प्रदेश में छह राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, संजय डुबरी और सतपुड़ा हैं. एक अनुमान के अनुसार, हर साल प्रत्येक टाइगर रिजर्व के लिए औसतन 25 करोड़ की जरूरत है, लेकिन 5-6 करोड़ रुपये ही मिल रहे हैं. पिछले साल विभाग ने करीब 125 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था, लेकिन 79 करोड़ रुपये ही मंजूर हुए.

एमपी फिर देश का टाइगर स्टेट होगा: एमपी में 710 के आसपास टाइगर हो गए हैं, जो सबसे ज्यादा है. जबकि उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिलना तय है. केंद्र सरकार शनिवार को बाघ गणना 2022 की विस्तृत रिपोर्ट जारी कर रही है. हर चार साल में होने वाली गणना में इस बार कई नई तकनीक का प्रयोग किया गया. सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्य मुकाबला है. इसमें मध्य प्रदेश में 710 से अधिक बाघ होना लगभग तय है, जो देश के राज्यों में सबसे अधिक होंगे. पिछले साल प्रदेश ने कड़े मुकाबले में कर्नाटक को 2 बाघ होने से पछाड़ा था. कर्नाटक में 524 पाए गए थे.

मध्य भारत लैंडस्केप में सबसे अधिक बाघ: पीएम मोदी बाघों की संख्यात्मक रिपोर्ट जारी कर चुके हैं. 9 अप्रैल को नरेंद्र मोदी ने मैसूर में राष्ट्रीय और जोन स्तर पर बाघों की संख्यात्मक रिपोर्ट जारी की थी. देश में 3,167 बाघ हैं. रिपोर्ट में मध्य भारत लैंडस्केप में सबसे अधिक बाघ पाए जाना बताया गया. बाघ तथा तेंदुआ सहित सभी वन्यप्राणियों की गणना हर चार साल में की जाती है. यह गणना मध्य प्रदेश में नवंबर 2021 से अक्टूबर 2022 के बीच की गई थी. गणना के दौरान एमपी में करीब 15 ऐसे वन क्षेत्रों में बाघ देखे गए, जहां पहले कभी बाघ नहीं दिखे.

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वन मंत्री का दावा: वन्य प्राणी विभाग के एपीसीसीएफ शुभरंजन सेन का कहना है कि "हर साल केंद्र को बाघों की सुरक्षा के लिए बजट भेजा जाता है. अभी बजट का इंतजार है. फिलहाल हम राज्य सरकार के बजट से प्रबंधन कर रहे हैं. इस बार भी हम फिर टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त करेंगे." वनमंत्री विजय शाह का दावा है कि "मध्य प्रदेश में कम से कम 200 बाघों की संख्या बढ़ेगी. एमपी फिर टाइगर स्टेट बनेगा. बीती गणना के अनुसार 524 बाघों की संख्या के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर था. बाघों की गणना दोपहर 12 बजे तक आंएगे. मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाघ हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 220 बाघ हैं. गणना होगी तो 600 से 700 बाघों की संख्या होगी."

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