ETV Bharat / state

BJP का चुनाव में कैंडिडेट उतारने की जल्दबाजी का राजफाश, कांग्रेस की सीटों पर बाज निगाह से बदलेंगे बड़े सियासी समीकरण

author img

By

Published : Aug 17, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 8:31 PM IST

बीजेपी ने अपने सबस मजबूत गढ़ माने जाने वाले मध्य प्रदेश में एक चौकाने वाला प्रयोग किया है. पहली बार पार्टी ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के महीनों पहले ही प्रत्योशियों की पहली सूची जारी कर दी है (BJP Seat Announcement for MP Election). माना जा रहा है कि बीजेपी का यह मास्टरस्ट्रोक यूं ही नहीं है. इसके पीछे एक खास मकसद है.

why bjp in haste to field candidates mp election
बीजेपी का चुनाव में कैंडिडेट उतारने की जल्दबाजी का राजफाश

भोपाल। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने उम्मीदवारों की सूची जारी करने में कांग्रेस से बाजी मार ली है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में लगातार हारती रही 39 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी की है. यह वह विधानसभा सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस का प्रभाव रहा है. इनमें से कई सीटों पर तो बीजेपी लगातार चुनाव हारती रही है. भोपाल की उत्तर और शिवपुरी की पिछोर सीट पर तो बीजेपी पिछले 6 चुनावों से हारती आ रही है. जारी की गई सीटों में कई पर बीजेपी त्रिकोणीय संघर्ष में हारती आई है.

इसलिए जल्दी उतारे बीजेपी ने उम्मीदवार: आमतौर पर बीजेपी आचार संहिता लगने के बाद ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करती आई है, लेकिन यह पहला मौका होगा, जब बीजेपी ने चुनाव के दो माह पहले ही 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दरअसल यह वह सीटें हैं, जो बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण रही हैं. कई सीटों पर कांग्रेस का लंबे समय से कब्जा है, तो कई सीटें ऐसी हैं, जहां बहुजन समाज पार्टी (BSP) बीजेपी का खेल बिगाड़ देती है.

  • सबलगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस के अलावा बसपा से भी रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के बैजनाथ कुषवाहा ने बसपा उम्मीदवार को 9 हजार वोटों से धूल चटाई थी. बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर थी. 2013 में बीजेपी के मेहरबान सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी.
  • मुरैना की सुमावली सीट बीजेपी कांग्रेस विधायक को तोड़ने के बाद भी नहीं जीत पाई थी. 2018 में कांग्रेस के एंदल सिंह कंसाना ने जीत दर्ज की, लेकिन सिंधिया के साथ बीजेपी पहुंचे गए, हालांकि 2020 के उपचुनाव में वो कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाहा से चुनाव हार गए थे. यह सीट पर चुनाव हमेशा त्रिकोणीय होता है.
  • गोहद विधानसभा 2018 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन कांग्रेस विधायक रणवीर जाटव कांग्रेस छोड़ ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी चले गए थे. 2020 में उपचुनाव में बीजेपी ने रणवीर जाटव को मैदान में उतारा, लेकिन वे अपने सीट बचाने में कामयाब नहीं हो सके थे. उपचुनाव कांग्रेस के मेवाराम जाटव ने जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी ने यहां खोई जमीन पाने पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को चुनाव मैदान में उतारा है.
  • शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट को बीजेपी पिछले 30 सालों से नहीं जीत पाई. यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री केपी सिंह 6 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. बीजेपी ने इस बार फिर प्रीतम लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में बीजेपी यहां 2443 वोटों से हार गई थी.
  • चाचौड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस का खासा प्रभाव रहा है. बीजेपी यहां 1990 और 2013 में ही जीत सकी है. बीजेपी ने यहां प्रियंका मीणा को मैदान में उतारा है. बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव में 2569 वोटों से पिछड़ गई थी.

मध्य प्रदेश चुनाव से जुड़ी ये दिलचस्प खबरें जरुर पढ़ें

  • अशोकनगर की चंदेरी विधानसभा में पिछले दो चुनाव कांग्रेस जीतती आई है. 2018 और 2013 के चुनाव में कांग्रेस के गोपाल सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी. 2018 के चुनाव में बीजेपी 5165 और 2013 के चुनाव में 30 हजार वोटों से पीछे रह गई थी. इस बार बीजेपी ने यहां नए चेहरे जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को चुनाव मैदान में उतारा है.
  • भाजपा नेत्री उमा भारती और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के प्रभाव वाली बंड़ा विधानसभा सीट पर पिछला चुनाव कांग्रेस के तरबर सिंह ने बीजेपी के हरवंश सिंह राठौर को 24 हजार वोटों से हराया था. इस सीट पर 2008 में भी कांग्रेस बीजपी को हरा चुकी है. बीजपी ने इस बार यहां वीरेन्द्र सिंह लंबरदार को चुनाव मैदान में उतारा है.
  • महाराजपुर विधानसभा से पिछला चुनाव कांग्रेस के नीरज दीक्षित ने जीता था. उन्होंने पूर्व विधायक मानवेन्द्र सिंह को पटकनी दी थी. हालांकि हार जीत का अंतर सिर्फ 1191 वोटों का रहा था. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का भी प्रभार रहा है. 2018 के चुनाव में बसपा को 27 हजार 902 वोट मिले थे.
  • छतरपुर कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री की वजह से देशभर में चर्चित है. छतरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आलोक चतुर्वेदी काबिज है. हालांकि 2008 और 2013 के चुनाव में बीजेपी की ललिता यादव यहां से चुनकर आती रही हैं. बीजेपी ने फिर इस सीट से कामाख्या प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. इस सीट पर बसपा ने पिछले चुनाव में 9 हजार से ज्यादा वोट काटे थे.

एमपी में है चुनावी दंगल, ये खबरें भी पढ़ें

Digvijay Paidal Yatra: 35 दलित सीटों की पैदल यात्रा पर निकले दिग्विजय सिंह, पिछले चुनाव में कांग्रेस के खाते में आई थीं 17 सीट

BJP ने लिस्ट के साथ चौंकाया या ‘चौका’ लगाया, जानिए 39 प्रत्याशियों में कितना है दम

  • पथरिया विधानसभा प्रदेश की एक मात्र बसपा के कब्जे वाली सीट है. इस सीट पर पिछला चुनाव बसपा की रामबाई सिंह जीती थी. इसके पहले लगातार 20 सालों तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा था. बीजेपी ने खोई जमीन पाने के लिए इस बार लखन पटेल को फिर मैदान में उतार है.
  • पन्ना जिले की गुन्नौर विधानसभा पर हमेशा चुनाव त्रिकोणीय रहा है. इस सीट से मौजूदा विधायक कांग्रेस के शिवदयाल बागरी हैं. बीजेपी और कांग्रेस में जीत हार का अंतर 3734 वोटों का रहा था. 2018 में बीएसपी को यहां 32 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.
  • चित्रकूट विधानसभा में कांग्रेस का प्रभाव रहा है। पिछले दो विधानसभा चुनाव से लगातार कांग्रेस यहां से जीतती आई है. 2018 में कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने चुनाव जीता था. इस सीट पर बसपा का भी प्रभाव है. 2018 में बसपा को 24 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. बीजेपी ने इस सीट पर एक बार फिर सुरेन्द्र सिंह गहरवार को रिपीट किया है.
Last Updated : Aug 17, 2023, 8:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.