Shanivar Tips: शनि न्याय के देवता हैं, डरें नहीं बस अपनाए ये कुछ सरल तरीके और रहें प्रसन्न

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Published : Jun 26, 2021, 7:47 AM IST

shanidev ki puja
शनिदेव की पूजा ()

शनिदेव को मनाने के कुछ तरीके हैं, उपाय हैं या यूं कहें कुछ आसान टोटके (Shanivar Ke Totke) हैं. नियमानुसार पालन करें तो सुफल अवश्य मिलेगा.

भोपाल। ॐ शं शनैश्चराय नमः सबसे सरल मंत्र (Shani Mantra)माना जाता है. कहा जाता है इस मंत्र के उच्चारण मात्र से ही शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं. सुधिजनों का मत है कि शनि पूजा की भी एक खास विधि होती है और नियत समय पर हो तो फलदायी भी होता है. कहा जाता है कि शनिमंत्र का सूर्योदय से पहले जाप करना चाहिए. वजहें भी हैं- सूर्य को सात्विकता और शुभता फ़ैलाने वाला ग्रह माना जाता है. यह व्यक्ति के जीवन में प्रकाश फैलाता है. तो उनके पुत्न शनि को तामसिक और कठोर ग्रह माना जाता है. ऐसे में दोनों के बीच तालमेल बिठाना जरूरी माना जाता है.

शनि दोष से बचने के लिए शनिवार (Shanivar) के दिन शनिदेव की पूजा और व्रत रखने की सलाह दी जाती है. शनिदेव को वैसे भी न्याय का देवता कहा जाता है क्योंकि वह हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. वैसे तो श्रद्धा के साथ शनिवार का व्रत (Saturday Fast) कोई भी रख सकता है लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसे टोटके जिनसे शनिदेव (shanivar ke totke)को मनाया जा सकता है उनकी सुदृष्टि का पात्र बना जा सकता है.

  • शुक्रवार की रात काला चना पानी में भिगोएं. शनिवार (Shanidev Ke Upay )को वह काला चना, जला हुआ कोयला, हल्दी और लोहे का एक टुकड़ा एक काले कपड़े में एक साथ बांध लें. पोटली को बहते हुए पानी में फेंके जिसमें मछलियां हों. इस प्रक्रिया को एक साल तक हर शनिवार दोहराएं. यह शनि के अशुभ प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई बाधाओं को समाप्त कर देगा.
  • शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र 'ॐ शं शनैश्चराय नमः'का जाप करते रहना चाहिए. कहा जाता है कि ये साढ़ेसाती के प्रभाव को दूर करता है. धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना भी आवश्यक है. साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को दिन में एक बार नमक विहीन भोजन करना चाहिए.
  • शनिदेव को आप काली गाय की पूजा करके भी प्रसन्न कर सकते हैं. इसके लिए आपके गाय के माथे पर तिलक लगाने के बाद सींग में पवित्र धागा बांधना होगा और फिर धूप दिखानी होगी. गाय की आरती करें और अंत में गाय की परिक्रमा करने के बाद उसको चार बूंदी के लड़्डू भी खिलाएं. यह शनिदेव के सभी प्रतिकूल प्रभावों को रोकता है.
  • किसी भी शनिवार आटे (चोकर सहित) दो रोटियां बनाएं. एक रोटी पर सरसों का तेल और मिठाई रखें जबकि दूसरे पर घी. पहली रोटी (तेल और मिठाई वाली) एक काली गाय को खिलाएं उसके बाद दूसरी रोटी (घी वाली) उसी गाय को खिलाएं. अब शनिदेव की प्रार्थना करें और उनसे शांति और समृद्धि की कामना करें.
  • शनि देव को सरसों का तेल बहुत ही पसंद है. शनि को खुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उस पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि सूर्योदय से पूर्व पीपल की पूजा करने पर शनि देव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं.
  • शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इसके बाद पेड़ के सात चक्कर लगाने चाहिए. इस पूजा के बाद किसी काले कुत्ते को 7 लड्डू खिलाने से शनि भगवान प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक परिणाम देते हैं.
  • शनिवार के दिन आप अपने हाथ की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धागा लें उसे एक माला के रूप में बनाकर अपने गले में धारण करें. यह अच्छा परिणाम देगा और भगवान शनि आप पर कृपा करेंगे.
  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आपको उगते सूरज के समय लगातार 43 दिनों तक शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना चाहिए. यह ध्यान में रखें कि शनि देव को प्रसन्न करने की यह विधि शनिवार के दिन ही आरंभ करनी चाहिए.
  • हर शनिवार बंदरों को गुड़ और काले चने खिलाएं, इसके अलावा केले या मीठी लाई भी खिला सकते हैं. यह भी शनिदेव के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने में काफी मददगार होता है.
  • इसके अलावा भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए और उस समय इस मंत्र (Shani Mantra)-‘भो शनिदेव: चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् . विलेपन छायात्मज: चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ’ का उच्चारण करना चाहिए.
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