ETV Bharat / state

MP में जल जीवन मिशन के जरिए घोटाला, PM ने कहा युवाओं को स्किल सिखाओ, तो मृतकों को संस्थाओं ने दे डाली कागजों पर ट्रेनिंग

author img

By

Published : Feb 2, 2023, 7:29 AM IST

Updated : Feb 2, 2023, 8:49 AM IST

मध्य प्रदेश में 'जल जीवन मिशन' के तहत पानी की किल्लत दूर करने का काम लगातार चल रहा है (Scam in Jal Jeevan Mission). इस बीच 2022 में इसमें फर्जीवाड़ा सामने आया. इस योजना के तहत युवाओं को स्किल ट्रेनिंग गांव में देने थी, इसके लिए 11 संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया था, लेकिन उन्होंने युवाओं को ट्रेनिंग देने की जगह इसमें फर्जीवाड़ा कर कागजों के जरिए घोटाला कर दिया.

scam in jal jeevan mission in mp
मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन में घोटाला

मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन में घोटाला

भोपाल। मध्यप्रदेश में स्किल के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. यह घोटाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना 'जल जीवन मिशन' में हुआ है. इस योजना के तहत गांव के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें इस काबिल बनाना था कि वे गांव में ही रोजगार प्राप्त कर सकें, लेकिन इस योजना के नाम पर प्रदेश की 11 संस्थाओं ने सिर्फ कागजों पर पूरी ट्रेनिंग करा दी. हद तो तब हो गई जब इस पूरी ट्रेनिंग में मृतकों और ओवरएज लोगों के भी नाम कागजों पर दिखे. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की ताे पता चला कि इस गड़बड़ी की जांच विभाग स्तर पर करवा ली गई है, और दोषियों के नाम भी सामने आ गए हैं, लेकिन जांच कराने वाली सीईओ के हटते ही फाइल दबा दी गई.

जल जीवन मिशन योजना में घोटाला: केंद्र सरकार के सहयोग से इन दिनों गांव में 'जल जीवन मिशन' का काम तेजी से चल रहा है. कई बार इस योजना में खराब क्वालिटी से होने वाले काम की बात सामने आती है. अब इस योजना के नाम पर एक घाेटाला भी किया जा रहा है. इस स्कीम के तहत ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जानी थी. इसमें प्रदेश के करीब 50 हजार युवाओं को छोटे छोटे काम सिखाए जाने थे. इसके लिए सरकार ने लगभग कई करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. इसमें 17.50 करोड़ रुपए की ट्रेनिंग का काम मध्यप्रदेश की 11 संस्थाओं को दिया गया था, लेकिन इन संस्थाओं ने ट्रेनिंग स्कीम हासिल करने के लिए नियमाें का पालन करने की जगह फर्जी प्रमाण पत्र के साथ फर्जी सील बना ली और प्रोजेक्ट हथिया लिया. जब काम मिला तो फर्जी तरीके से ही ट्रेनिंग भी करवा दी. ट्रेनिंग में जिन लोगों के नाम शामिल किए गए थे, उनमें मृतक और उम्रदराज लोग शामिल थे. ये काम केंद्र ने एमपी के राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड को दिया था. जब इस मामले में शिकायत की गई तो बोर्ड की पूर्व सीईओ ने बहुत ईमानदारी के साथ इस फर्जीवाड़े की जांच गंभीरता से कराई. जांच में साबित हो गया कि फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन कार्रवाई नोटिस देने तक ये सिमटकर रह गई.

कौन-कौन सी कंपनियां थीं शामिल: एमपी में स्किल ट्रेनिंग के लिए 24 सितंबर 2021 को इसकी आरपीएल (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी की गई. इसी के तहत प्रदेश की 11 संस्थाओं का चयन किया गया. इनमें एप्टेक लिमिटेड, इंडिया विजन रियलिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, शुभ इंटरप्राइजेस, इंटेको टेक्निकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, समाधान समाज सेवा संगठन, गंगा ज्ञान विकास समिति, सेम स्किल डवलपमेंट एंड आईटी सॉल्युशन प्रमुख हैं. इनके चयन के लिए बोर्ड से जुड़े 10 अफसर और कर्मचारियों को मूल्यांकन समिति में शामिल किया गया. इनको वेरिफिकेशन करके बताना था कि कैसे और कब ट्रेनिंग हुई है, लेकिन इन्होंने भी कागजों पर ही वेरिफाई कर दिया.

Madhya Pradesh: बुरहानपुर बना देश का 100% 'हर घर जल' वाला जिला, पीएम ने दी बधाई

दस्तावेजों में छेड़छाड़ पाई तो बंद करवा दी ट्रेनिंग: संस्थाओं ने चयन के बाद साल 2022 में फरवरी से मई तक युवाओं को ट्रेनिंग देना भी बता दिया, लेकिन मई में ही इसमें फर्जीवाड़े की शिकायतें आई तो जांच कराई गई और इसके बाद ट्रेनिंग बंद करा दी गई. जांच में दस्तावेजों में छेड़छाड़ के साथ मृतक और ओवरएज लोगों को ट्रेनिंग देना साबित हुआ था, जिसकी वजह से ट्रेनिंग बंद करवाई गई. आरएफपी के साथ प्रस्तुत किए दस्तावेजों में संस्था की सील और टीओटी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. ऐसा सभी 11 संस्थाओं के साथ हुआ. मामले में 29 जून 2022 को प्रत्येक संस्था के संचालक को सीईओ रोजगार बोर्ड की तरफ से नोटिस भेजे गए. इसमें बताया गया कि, यह फर्जीवाड़ा धारा 471, 463, 464 की श्रेणी में आता है. इन सभी से सात दिन में जवाब मांगा गया था, लेकिन आज तक इन्होंने जवाब नहीं दिया. जब अफसरों से कार्रवाई को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने जवाब नहीं दिया गया.

आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव को गोद लेकर सांसदों ने दिखाए विकास के सपने, अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

यह है याेजना: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत हर जिले में 'जल जीवन मिशन' के तहत 'नल जल याेजना' से हर घर तक पानी की लाइन पहुंचाई जा रही है. इनके मेंटनेंस को ध्यान में रखकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के करीब 50 हजार युवाओं को 4 ट्रेड में ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी एमपी राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड को दी गई. इन ट्रेड में असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बिंग पाइपलाइन, मिस्त्री और कंस्ट्रक्शन फिटर की शार्ट टर्म ट्रेनिंग देना था. इसके बदले में संस्थाओं को प्रत्येक ट्रेनी पर 2 हजार रुपए की राशि मिलनी थी. वहीं 5 सौ रुपए का स्टाइपेंड प्रत्येक युवा को मिलना था. शर्त यह थी कि जो संस्था ट्रेनिंग कराएगी, उसे इसका अनुभव हो. इस मामले में पूर्व सीईओ रोजगार निर्माण बोर्ड ने बताया कि, हमने कानूनी राय के आधार पर ब्लैकलिस्टिंग और अनुबंध समाप्ति से पहले अंतिम नोटिस दिया था.

Last Updated : Feb 2, 2023, 8:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.