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MP Liquor Policy: क्या मध्य प्रदेश में शराबबंदी संभव, विपक्ष भी इसको लेकर हुआ मुखर

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Published : Feb 23, 2023, 2:04 PM IST

Updated : Feb 23, 2023, 5:37 PM IST

एक सरकारी सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश में पुरुषों के साथ महिलाएं भी नियमित रूप से शराब पीती हैं, हालांकि शुभ संकेत ये हैं कि बीते 5 साल में शराब पीने की लत में कमी देखी गई है.

with men women also drink alcohol everyday
पुरुषों के साथ महिलाएं भी रोज टकराती हैं जाम से जाम

भोपाल। मध्यप्रदेश में शराब के अहाते बंदी के साथ शराबबंदी की भी बात उठने लगी है. भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के साथ अब कांग्रेस नेता व सांसद नकुलनाथ भी इसको लेकर मुखर हैं. लेकिन इसी बीच एक सरकारी सर्वे में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि प्रदेश में शराबबंदी संभव नहीं है. कारण है कि यहां शहर से लेकर गांव तक लोग इसका नियमित सेवन करते हैं. इसमें पुरुषों के साथ महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के साथ आदिवासी इलाकों में पुरुष व महिलाएं नियमित रूप से शराब का सेवन करती हैं. क्योंकि शराब मध्यप्रदेश की आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है.

ये है दो रिपोर्ट का सर्वे : ईटीवी भारत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बीती दो रिपोर्ट का अध्ययन किया. इसमें से वर्ष 2017 में 62803 महिलाओं पर सर्वे किया गया था. इनमें से 1022 महिलाओं में से 916 ग्रामीण में और 106 शहर की महिलाओं ने स्वीकार किया था कि वे नियमित रूप से शराब का सेवन करती हैं. वहीं 2818 पुरुषों पर किए गए सर्वे में से 1960 ग्रामीण और 858 शहर के युवकों ने डेली रूटीन में शराब पीने की बात स्वीकार की. जब यही सर्वे पांच साल बाद यानी 2022 में सामने आया तो इसमें बताया गया कि 48410 महिलाओं से सर्वे करने वालों ने बात की. इनमें से 214 महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से शराब पीती हैं. इनमें से 198 ग्रामीण क्षेत्र की थी तो 17 महिलाएं शहर में रहने वाली थीं. इसी सर्वे में जिन 6503 पुरुषों को शामिल किया था, उनमें से 1311 ने शराब पीने की बात पर हामी भरी. इनमें से 959 ग्रामीण और 352 शहर के रहने वाले थे.

5 साल में घट गई नियमित पीने की लत : सीएम शिवराज सीधे तौर पर शराब बंद करने की बजाय जागरुकता की बात करते हैं. इसका असर भी बीते पांच साल में देखने को मिला. नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की बीती दो रिपोर्ट का ईटीवी भारत ने एनालिसिस किया तो बड़ी बात सामने निकलकर आई. बीते 5 साल में शराब पीने की लत में कमी आई है. वर्ष 2021-22 में आई रिपोर्ट के अनुसार शराब पीने वाले पुरुषों की संख्या घटकर 20.2 और महिलाओं की संख्या 0.4 फीसदी रह गई. जबकि वर्ष 2017 में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 29.6 परसेंट पुरुष और 1.2 परसेंट महिलाएं शराब पीते थे. यानी इन पांच साल में मप्र के 9.4 फीसदी पुरुष और 1.2 फीसदी महिलाओं ने शराब को त्याग दिया है.

अन्य राज्यों में क्या स्थिति : मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर कई संगठन सक्रिय हैं. वहीं, देश के दो राज्यों में पूरी तरह शराबबंदी है. इसमें बिहार और गुजरात शामिल हैं. इसके अलावा हरियाणा में 1996 में शराबबंदी लागू की गई थी, जिसे दो साल बाद 1998 में हटा लिया गया. मणिपुर में 1991 में शराबबंदी की और बीते साल इसमें सशर्त ढील दी गई. आंध्रप्रदेश में 1995 में शराब पर रोक लगाई और 1997 में इसे हटा दिया.

Last Updated :Feb 23, 2023, 5:37 PM IST
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