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खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन कार्पोरेशन बनाया जाये- सीएम

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Published : Jan 12, 2020, 8:11 AM IST

धान उपार्जन की प्रगति और रबी फसलों की उपज की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें छोटे दानों का खाद्यान्न उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन कॉर्पोरेशन बनाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिए हैं.

Millet Mission Corporation to be formed in Madhya Pradesh
प्रदेश में बनेगा मिलेट मिशन कार्पोरेशन

भोपाल। प्रदेश में धान उपार्जन की प्रगति और रबी फसलों की उपज की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि छोटे दानों का खाद्यान्न उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन कार्पोरेशन बनाया जाये. मुख्यमंत्री ने धान उपार्जन 20 जनवरी तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने उपार्जन एजेंसियों की जवाबदेही भी तय करने, अधिक उपार्जन केन्द्र स्थापित करने, किसानों को कैंटीन आदि को सुविधाएं देने के अलावा योजनाओं के व्यापक प्रचार के लिए भी कहा है.

प्रदेश में बनेगा मिलेट मिशन कार्पोरेशन


उपार्जन में न हो कालाबाजारी
बैठक में सीएम उपार्जन के दौरान धान और चावल अन्य राज्यों से प्रदेश में ना आए इस पर ध्यान रखने को कहा है. इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश करने को भी कहा गया है. साथ ही भुगतान भी समय पर करने को कहा है. आगामी रबी फसलों के उपार्जन और भंडारण की तैयारियां पूर्व में ही करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने विकेन्द्रीकृत उपार्जन के लिए भारत सरकार से शीघ्र एमओयू करने को कहा है.


कलेक्टर की होगी उपार्जन निगरानी की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने गोदामों की क्षमता पूर्ण होने पर केप एवं सायलो निर्माण के लिए भूमि का चयन कर उन्हें आरक्षित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए है. मुख्यमंत्री ने बारदानों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता एवं अन्य विकल्पों के संबंध में भी पूरी तैयारी करने को कहा है. उन्होंने निर्देश दिये कि उपार्जन निगरानी की जवाबदेही जिला कलेक्टरों की होगी. उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्थाओं पर कठोर कार्रवाई की जाये और उन्हें उपार्जन कार्य से तत्काल हटाया जाए.


अब तक हुआ 703 करोड़ का भुगतान
बैठक में प्रमुख सचिव नीलम शमी राव ने बताया कि धान उपार्जन प्रक्रिया में अभी तक किसानों को 703 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. इस साल गेहूं के रकबे में 23 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. लगभग 95 से 105 लाख मेट्रिक टन तक गेहूं का उपार्जन का अनुमान है. गेहूं, चना, मसूर और सरसों का 108 लाख मीट्रिक टन उत्पादन और उपार्जन अनुमानित है. बैठक में उपार्जन केन्द्र, भंडारण, बारदानों की व्यवस्था, परिवहन आदि के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी गई.


बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव के साथ मुख्य सचिव एसआर मोहंती, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव सहकारिता एवं किसान कल्याण एवं कृषि विकास अजीत केसरी भी उपस्थित रहे.

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प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने मिलेट मिशन कार्पोरेशन बनाया जाएगा -मुख्यमंत्री


भोपाल | मंत्रालय में धान उपार्जन की प्रगति एवं रबी फसलों की उपज अन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ , सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह , खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर , किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव के साथ मुख्य सचिव एसआर मोहंती , अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन , प्रमुख सचिव सहकारिता एवं किसान कल्याण एवं कृषि विकास अजीत केसरी भी उपस्थित रहे .


Body:फसलों की उपार्जन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे दानों का खाद्यान्न उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन कार्पोरेशन बनाया जाये . मुख्यमंत्री ने सभी किसानों से उत्पादित धान उपार्जन 20 जनवरी तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं . साथ ही भुगतान भी समय पर करने को कहा है . आगामी रबी फसलों के उपार्जन और भंडारण की तैयारियाँ पूर्व में ही करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने विकेन्द्रीयकृत उपार्जन के लिए भारत सरकार से शीघ्र एमओयू करने को कहा है .
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया जाए कि उपार्जन के दौरान धान और चावल अन्य राज्यों से प्रदेश में ना आए, इस पर कड़ी चौकसी रखी जाए . आगामी रबी फसलों के उत्पादन और उपार्जन के लिए मुख्यमंत्री ने पूर्व से ही उपार्जन केन्द्रों का आकलन कर व्यवस्था करने के निर्देश दिये . उन्होने उपार्जन एजेन्सियों की जवाबदेही भी तय करने को कहा . मुख्यमंत्री ने कहा कि उपार्जित गेहूँ के परिवहन पर कम व्यय हो . किसानों की सुविधा को दृष्टि में रखते हुए जिला सरकार के परामर्श से अधिक से अधिक उपार्जन केन्द्र स्थापित किये जायें . उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को केन्टीन आदि की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हों, इसके लिए व्यय होने वाली राशि का प्रस्ताव बनाया जाए . मुख्यमंत्री ने उपार्जन केन्द्रों में किसानों के कल्याण के लिए शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की योजना बनाने को कहा .

कलेक्टर की होगी उपार्जन निगरानी की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने उपार्जित खाद्यान्न का भंडारण और पैकिंग व्यवस्था के संबंध में कहा कि अभी से ही निजी क्षेत्र और सहकारी समितियों द्वारा निर्मित गोदामों की जानकारी कलेक्टरों से प्राप्त की जाये . गोदामों की क्षमता पूर्ण होने पर केप एवं सायलो निर्माण के लिए भूमि का चयन कर उन्हें आरक्षित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए जायें . मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में उपार्जन केन्द्रों और उचित मूल्य दुकानों के लिए गोदाम और अन्य सुविधाओं को विकसित करने की योजना बनायी जाए . मुख्यमंत्री ने बारदानों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता एवं अन्य विकल्पों के संबंध में भी पूरी तैयारी करने को कहा . उन्होने निर्देश दिये कि उपार्जन निगरानी की जवाबदेही जिला कलेक्टरों की होगी . उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्थाओं पर कठोर कार्रवाई की जाये और उन्हें उपार्जन कार्य से तत्काल हटाया जाए . मुख्यमंत्री ने समर्थन मूल्य पर उपार्जित ज्वार एवं बाजरा का वितरण सार्वजिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्यों की दुकानों से करने के निर्देश दिये .



Conclusion:बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नीलम शमी राव ने बताया कि धान उपार्जन प्रक्रिया में अभी तक किसानों को 703 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है . इस वर्ष गेहूँ के रकबे में 23 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है . लगभग 95 से 105 लाख मेट्रिक टन तक गेहूँ का उपार्जन अनुमानित है . गेहूँ, चना, मसूर एवं सरसों का 108 लाख मीट्रिक टन उत्पादन और उपार्जन अनुमानित है . बैठक में उपार्जन केन्द्र, भंडारण, बारदानों की व्यवस्था, परिवहन आदि के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी गई .
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