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MP में पहले दिन MLAs की लगी पाठशाला, रेस्ट हाउस बनाने की मांग, ओम बिरला ने सिखाए आचरण

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 3:09 PM IST

Training of MP MLAs
एमपी विधायकों की पाठशाला

Training of MP MLAs: एमपी में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पहले दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधायकों की ट्रेनिंग ली. इस दौरान विधायकों के लिए बंगले से लेकर सदन में किस तरह चर्चा होनी चाहिए, इस पर बात की गई.

भोपाल। एमपी विधानसभा में विधायकों को दो दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. 2 दिन की ट्रेनिंग शिविर में यह विधायक सीखेंगे की सदन में किस तरह का बर्ताव होना चाहिए. अपनी समस्या या सवाल का किस तरह से निराकरण किया जाना चाहिए. प्रबोधन शिविर में विधायक कौन है, सबसे पहले यह मांग रखी कि उनके लिए बंगले बनाए जाएं. जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने प्रस्ताव रखा. मोहन यादव ने इस प्रस्ताव पर हरी झंडी दे दी. साथ ही कहा कि विधायकों के लिए नए बंगले बनाए जाएंगे. पुराने रेस्ट हाउस जर्जर हो चुके हैं और अब उनकी जगह नए आलीशान रेस्ट हाउस बना कर दिए जाएंगे.

  • मध्य प्रदेश विधान सभा भवन में प्रबोधन कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष @nstomar जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी, नगरीय विकास मंत्री @KailashOnline जी, नेता प्रतिपक्ष @UmangSinghar जी तथा उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष @Satishmahanaup जी को संविधान की प्रति भेंट की। pic.twitter.com/ZGwoNIzVTP

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प्रबोधन सत्र में किसने क्या कहा

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधायकों को कहा की अच्छे विधायक बनने के लिए आपको सदन में तो सवाल करने होंगे, लेकिन अपने क्षेत्र में भी उतना ही एक्टिव रहना होगा. उन्होंने कहा कि अच्छा विधायक बनना भी जरूरी, क्षेत्र की अपेक्षा कैसे पूरी हो, इसके लिए आपने कृतत्व को अनुशासन में ढालने की जरूरत है. इससे हमारी प्रतिष्ठा क्षेत्र में बढ़ेगी. पहले सदस्यों को पुरस्कृत किया जाता था. अब ये बंद हो चुका है, लेकिन ऐसा होने से काम करने की अलख पैदा होती है. लोग मानते हैं कि चिल्ला कर बोले तो अच्छा इंप्रेशन पड़ेगा, लेकिन जोश में होश नहीं खोना चाहिए.

  • मध्‍यप्रदेश विधानसभा हमारे राज्‍य का पवित्र मंदिर है और लोकतंत्र के इस मंदिर की गरिमा व परंपरा हमेशा से ही गौरवशाली रही है...

    मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने विधानसभा को आधुनिक संसाधनों के साथ आगे बढ़ाने की जो बात कही है, मैं विश्‍वास दिलाता… pic.twitter.com/eEtj0h0nOA

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विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि विधानसभा के सभी प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए. कई बार अपने प्रश्न पर अड़ जाते हैं, इसलिए प्रशिक्षण की जरूरत है. इससे आपको लाभ होगा. चपरासी से लेकर आईएएस को भी ट्रेनिंग की जरूरत होती है. जनप्रतिनिधि के लिए कोई परीक्षा नहीं है, लेकिन जनता के बीच दायित्व निभाना जरूरी है, उपस्थिति जरूरी है. चाहे जनता के बीच हो या फिर सदन में. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के निवास पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे विधायकों को नए आवास बनाने की मुख्यमंत्री से अपील करते हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने भी दिखाए तीखे तेवर

वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंघ सिंघार ने कहा आश्वासन समिति में कई सालों से मामले लंबित पड़े हैं. सरकार को विधायकों के मामले निपटाना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने विपक्षी तेवर दिखाए. उन्होंने कहा कि अपनी मर्जी से विधायकों के सवाल बनाते हैं. उसमें मंत्री की सहमति होती है, लेकिन मैं मानता हूं कि विधायकों को न्याय मिलना चाहिए. विकास के नाम पर पार्टी आगे नहीं होनी चाहिए, बल्कि विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए है. आश्वासन समिति में कई मामले लंबित हैं. आज 3 हजार मामले लंबित हैं, सिंघार ने कहा अध्यक्ष आप मेरी बात पर ध्यान देंगे, विधायकों के सवालों के जवाब सही समय में क्रियान्वयन हो यही कहना चाहता हूं.

Training of MP MLAs
एमपी विधायकों की पाठशाला

इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधानसभा अध्यक्ष की जमकर तारीफ की. उन्होंने स्पीकर मोहन यादव को विराट व्यक्तित्व का बताया. उन्होंने कहा कि हमे उनके अनुभव का लाभ मिलेगा. उमंग सिंघार ने भी अपना रोल निभाया, चुटकी लेने से नहीं चूके. सीएम ने कहा विधायक रेस्ट हाउस का प्रस्ताव लाया जाएगा. धन की कोई कमी नहीं है.

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क्या बोले ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जिन्होंने संविधान बनाया वो मध्यप्रदेश से आते हैं. सदन के सदस्य होने नाते हमारा कर्तव्य है कि सदन में चर्चा हो, दुनिया की इतनी बड़ी आबादी में लोकतंत्र का चुनाव निष्पक्ष कराना अपने आप में हैरान करने वाला है. संसदीय लोकतंत्र ही सबसे अच्छी पद्धति है, लोकतांत्रिक प्रक्रिया पंचायत से लेकर लोकसभा तक है. सदन के अंदर गरिमा और शालीनता को लेकर काफी चर्चा हुई. लोकसभा हो या विधानसभा चर्चा से ही विधायक की छवि बनती है. जो जितना चर्चा करेगा, उसका दायरा बढ़ता है. सांसद हो या विधायक अपने क्षेत्र तक सीमित हो जाते हैं. ये चिंता का विषय है. शॉर्ट में सवाल पूछे, इससे मंत्री को भी उतनी संजीदगी से जवाब देना होता है. लोकसभा में बड़े-बड़े भाषण पढ़े जाते हैं. अध्ययन करने के बाद सवाल पूछे जाए तो काम में पारदर्शिता आएगी. प्रतिपक्ष को सकारात्मक चर्चा करना चाहिए. यदि सरकार के कामों का तर्क संगत सवाल होगा, तो जवाब भी पॉजिटिव आयेगा.

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