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एमपी में साइबर ठगी के शिकार डायल करें 155260

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Published : Jan 12, 2021, 5:14 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 9:01 PM IST

मध्य प्रदेश में सिर्फ साइबर क्राइम की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है, इस नंबर पर कोई भी ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है. जाने कैसे काम करेंगी ये हेल्पलाइन......

Cyber crime
साइबर क्राइम

भोपाल। देश और मध्य प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है और साइबर सेल के पास भी ऑनलाइन ठगी की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. पुलिस के सामने यह साइबर ठग बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में सिर्फ साइबर क्राइम की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है. कोई भी व्यक्ति जो साइबर ठगी का शिकार हुआ है वह इस हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर जारी

डायल 100 की तर्ज पर काम करेगी यह हेल्पलाइन

देशभर में डायल 100 एक सफल हेल्पलाइन है. किसी भी परेशानी में होने या फिर किसी घटना की जानकारी देने के लिए आम नागरिक सबसे पहले डायल 100 पर ही कॉल करते हैं. डायल 100 के सभी राज्यों में अलग से कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. इसी तरह अब साइबर क्राइम की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश भर में 155260 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. अगर आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं और इस नंबर पर कॉल करते हैं तो ऑटोमेटिक मध्यप्रदेश के कंट्रोल रूम में आपकी कॉल रिसीव की जाएगी. इसी तरह हर राज्य के अलग-अलग कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो डायल 100 की ही तर्ज पर शिकायत दर्ज करेंगे और उन शिकायतों को संबंधित पुलिस थानों या साइबर सेल तक पहुंचाएंगे. इसके अलावा शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण करने की भी पूरी कोशिश की जाएगी.

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साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी

हेल्पलाइन नंबर का किया जाएगा प्रचार-प्रसार

देश औऱ मध्यप्रदेश में अचानक साइबर फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां तक कि लॉकडाउन के दौरान भी जालसाजों ने कई वारदातों को अंजाम दिया है. इसके बाद ही यह हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, लेकिन वर्तमान स्थिति में भी आम नागरिक को इस हेल्पलाइन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लिहाजा पुलिस विभाग,साइबर क्राइम से संबंधित इस हेल्पलाइन का प्रचार प्रसार करेगा. शहर के मुख्य चौक चौराहों पर यह हेल्पलाइन नंबर चस्पा किया जाएगा. साथी रेडियो, टीवी के माध्यम से भी इस हेल्पलाइन नंबर की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी. जिससे आम जनता को साइबर क्राइम का शिकार होने पर यहां-वहां भटकना न पड़े.

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दूसरे राज्यों में बैठे जालसाज पुलिस के लिए चुनौती

ऑनलाइन ठगी के मामले में जब पुलिस की इन्वेस्टिगेशन होती है तो पता चलता है कि कॉल दूसरे राज्यों से आए हैं. जैसे बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश और राजस्थान. लेकिन जब पुलिस इन राज्यों में पहुंचती है और अपराधियों की धरपकड़ करती है तो पुलिस के सामने कई चुनौतियां रहती है. सबसे पहले तो पुलिस को स्थानीय पुलिस की मदद लेनी होती है, कई बार इस प्रक्रिया में इतनी देरी हो जाती है कि अपराधी ही हाथ से निकल जाते हैं. लेकिन हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद अब पुलिस को यह सहूलियत भी रहेगी कि स्थानीय पुलिस की मदद तत्काल मिल सकेगी.

हर महीने दर्ज हो रही है 300 से 400 शिकायतें

बदलते जमाने के साथ साथ अब अपराधियों ने अपराध करने के तरीके भी बदल दिए हैं. हाईटेक जमाने में अब जालसाज भी हाईटेक तरीकों से ही लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. कभी इनाम ऑफर्स के नाम पर, तो कभी बैंक कर्मी बनकर लोगों को हजारों लाखों का चूना लगा रहे हैं. तो कभी फेसबुक प्रोफाइल हैक कर भी जालसाज ठगी कर रहे हैं. आलम यह है कि राज्य साइबर सेल के पास हर महीने इस तरह की 300 से 400 शिकायतें पहुंच रही हैं हालांकि कुछ मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जालसाजों को जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाया है.

Last Updated :Jan 12, 2021, 9:01 PM IST
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