भोपाल। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत पीजी छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से मिला. स्वास्थ्य मंत्री के बंगले पर मिलने गए इन स्टूडेंट्स का कहना है कि इनके एग्जाम में अभी एक माह का समय बचा है. ऐसे में जब तक एग्जाम नहीं होते, तब तक इन्हें जहां यह रह रहे हैं वहीं रहकर काम करने की अनुमति दी जाए. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि अधिकारियों से बात कर इस विषय पर चर्चा की जाएगी.
मध्य प्रदेश में लगातार ब्लैक के बाद अब व्हाइट फंगस के केस भी सामने आ रहे हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अप्रैल माह में कोरोना पीक पर था, लेकिन अब मध्य प्रदेश सरकार की तैयारियों के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जमीनी स्तर पर काम किया. व्यवस्थाओं को जुटाया और टीम को एक्टिवेट किया. मंत्रियों को जिलों में तैनात किया. सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों को जोड़ा गया. इसी का नतीजा है कि अब कोरोना काबू में हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना ने निपटने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया गया. मेडिकल किट उपलब्ध कराए गए. दो बार डॉक्टरों ने दिन में कोरोना पेशेंट्स से बातचीत की. बेड की संख्या को बढ़ाया गया. वहीं उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के कारण संक्रमण की चेन तोड़ी गई. आज पॉजिटिविटी रेट कम हो गया हैं.
व्हाइट फंगस से घबराए नहीं, सरकार पूरी सचेत
उन्होंने कहा कि ब्लैक के साथ-साथ अब व्हाइट फंगस के केस सामने आ रहे हैं. इसको लेकर चिंता की बात नहीं. सरकार पूरी तरह से सचेत हैं. मंत्री ने कहा कि ब्लैक के साथ-साथ व्हाइट फंगस से निपटने के लिए रणनीति बनाई गई है. मेडिकल कॉलेजों में वार्ड बनाए गए हैं. विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है.
पोस्ट कोविड के लिए जिला चिकित्सालय में अलग से वार्ड
पोस्ट कोविड को लेकर उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में वार्ड बनाए गए हैं. दस बेड रिजर्व किए गए हैं. स्वस्थ होने के बाद अगर किसी व्यक्ति को दिक्कत होती है, तो उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा हैं.
तीसरी लहर की क्या तैयारी ?
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बेड की व्यवस्था कर दी हैं. जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. लिक्विड ऑक्सीजन की सुनिश्चिता की गई हैं. तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए अलग से व्यवस्था की गई हैं. वहीं 1000 नर्सों की भर्ती की गई है.