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वैस्कुलर ट्यूमर पीड़ित बेटे को लेकर भटक रहा परिवार, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था इलाज का आश्वासन

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Published : Feb 8, 2020, 9:53 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:41 PM IST

राजधानी भोपाल के सेमरा में रहने वाला परिवार 2 महीने से अपने वैस्कुलर ट्यूमर पीड़ित बेटे को लेकर भटक रहा है. जिसे आंख से दिखाई देना भी पूरी तरह से बंद हो गया है. इसे देखते हुए 25 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने पीड़ित के परिजन को इलाज कराने का आश्वासन दिया था.

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वैस्कुलर ट्यूमर से पीड़ित बेटे को लेकर भटक रहा परिवार

भोपाल। राजधानी भोपाल के सेमरा क्षेत्र में रहने वाला परिवार 2 महीने से अपने बेटे ओम को लेकर भटक रहा है. जहां 5 साल के ओम की आंख वैस्कुलर ट्यूमर के कारण फूल कर बाहर आ गई है और आंख से दिखाई देना भी बंद हो गया है. इसके साथ ही परिवार अपनी पूरी जमा पूंजी भी खर्च कर चुका है और अब भी इलाज में 25 लाख रुपये का खर्चा है. जहां 25 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था, की ओम के इलाज की जिम्मेदारी अब सरकार की है.

वैस्कुलर ट्यूमर पीड़ित बेटे को लेकर भटक रहा परिवार

स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी इलाज नहीं

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के आश्वासन देने के बाद परिवार को उम्मीद जगी थी, कि अब उनका बेटा ठीक हो जाएगा, लेकिन वो सिर्फ आश्वासन ही साबित हुआ और परिवार अब भी सरकार की मदद का इंतजार कर रहा है. वहीं ओम के पिता मुकेश कुशवाहा मंडीदीप की फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं, जिससें उन्हें महज 6 हज़ार रुपये मिलते हैं.वो करीब एक महीने से आर्थिक मदद के लिए सीएम हाउस, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग और कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहें है.

जा रही है मासूम की रोशनी

बता दें की भोपाल के सभी अस्पतालों से निराश होकर परिवार अब दिल्ली के एम्स पहुंचा है. जहां से उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला और ना ही बच्चे का इलाज किया गया. वहीं ओम की मां सुनीता ने बताया की स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन देने के बाद बच्चे को हमीदिया में भर्ती कराया था लेकिन 3 दिन तक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया, जिसके बाद वो थक हार कर बच्चे को घर लेकर आ गए और ओम की आंख की रोशनी जा चुकी है.

Intro:स्वास्थ्य मंत्री सिलावट का आश्वासन बेकार इलाज तो दूर सुध लेने भी नहीं आया कोई
* सभी सरकारी दावे झूठे पैसों के अभाव में नहीं मिलता गरीबों को इलाज
* इलाज के अभाव में आंख की रोशनी तो गई, अब जान की चिंता
* दर-दर भटक रहा परिवार पर मदद के लिए कोई नहीं आया सामने सिर्फ मिले आश्वासन
* 25 लाख रुपए आएगा इलाज में खर्च
समीर खान कंट्रीब्यूटर भोपाल। राजधानी के सेमरा क्षेत्र में रहने वाला परिवार 2 महीने से अपने बेटे ओम को लेकर दरबदर भटक रहा है। 5 साल के ओम की आँख वैस्क्युलर ट्यूमर के कारण फूल कर बाहर आ गई है। आंख से दिखाई देना भी बंद हो गया है। परिवार अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर चुका है और अब भी इलाज में 25 लाख रुपये का खर्च है। 25 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था कि ओम के इलाज की जिम्मेदारी अब सरकार की है। Body:आश्वासन के बाद परिवार को उम्मीद जागी थी कि अब उनका बेटा ठीक हो जाएगा पर वह सिर्फ आश्वासन ही साबित हुआ। परिवार अब भी सरकार की मदद का इंतजार कर रहा है। ओम के पिता मुकेश कुशवाहा मंडीदीप की फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं जिससे उन्हें 6 हज़ार रुपये मिल जाते हैं। वह किराए के मकान में रहते हैं। वह करीब एक माह से आर्थिक मदद के लिए सी एम हाउस स्वास्थ्य विभाग महिला बाल विकास विभाग और कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं।Conclusion:Byte - सुनीता कुशवाहा (ओम की माँ)

भोपाल के सभी अस्पतालों से निराश होकर परिवार एम्स्दिल्ली पहुंचा जहां से उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला और ना ही बच्चे का इलाज किया गया।
ओम की मां सुनीता बताती हैं कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद बच्चे को हमीदिया में भर्ती कराया था पर 3 दिन तक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया थक हार कर वह बच्चे को घर लेकर आ गए। ओम की आंख की रोशनी तो जा चुकी है बस अब उसकी जान बच जाए।
ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से संपर्क करने की कोशिश की पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
Last Updated : Feb 8, 2020, 11:41 PM IST
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