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नेताजी का 'बंगला' मोह! हारे हुए विधायक और मंत्रियों ने बढ़ाई टेंशन, खाली नहीं कर रहे सरकारी बंगले

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2024, 8:38 AM IST

Updated : Jan 3, 2024, 8:57 AM IST

MP Ministers Bungalows
एमपी सरकारी बंगले

MP Ministers Bungalows: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में धूल चाट चुके पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक सरकारी बंगले खाली नहीं कर रहे हैं. सरकार के 18 नए मंत्रियों को डी, बी और सी टाइप के आवास चाहिए. लेकिन हारे हुए पूर्व मंत्री और विधायक अपने बंगलों से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. बल्कि इस जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं कि उनसे बंगला खाली न कराया जाए.

भोपाल। राज्य सरकार नए मंत्रियों को बंगले आवंटित करने की उलझन में है. इस समस्या को सुलझाने में सरकार को पसीना आ रहा है. पिछले चुनाव में हारे और विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मंत्री नहीं बन पाए विधायकों ने अभी अपने बंगले खाली नहीं किए हैं. वहीं चुनाव में हारे विधायकों और जिन विधायकों को टिकट नहीं मिले हैं उनमें से अभी 35 ऐसे पूर्व विधायक हैं, जिन्होंने अभी विधानसभा पूल के सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं. विधानसभा इन पूर्व विधायकों से आवास खाली कराने का प्रयास कर रही है. वहीं, स्पीकर नरेन्द्र सिंह तोमर प्रोफेसर कॉलोनी स्थित अपने वर्तमान बंगले में ही रहेंगे.

MP Ministers Bungalows
मंत्रियों को जिलों में काम सौंपने की तैयारी

मंत्रियों के लिए बंगले की तलाश: सरकार ने हाल ही में 31 मंत्री बनाए हैं. इसमें से 18 मंत्रियों को डी, बी और सी टाइप के आवास चाहिए. जबकि सरकार के पास इनको देने के लिए डी-टाइप 3 और ई-टाइप के 12 बंगले खाली हैं. विधानसभा और सामान्य पूल में मंत्रियों के लिए बंगले की तलाश की जा रही है. इन पूल में सिर्फ डी, बी और सी टाइप के 9 बंगले ही खाली हैं. इधर पिछली शिवराज सरकार ने 34 विधायकों को मंत्री बनाए थे, जिसमें से डॉ. मोहन यादव सरकार में इस बार 9 मंत्री रिपीट हुए हैं. इसमें से सभी 25 पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने बंगला खाली नहीं किए हैं.

बंगले में बने रहने की कोशिश में पूर्व मंत्री व विधायक: बड़े-बड़े बंगलों में रह रहे पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक इस जोड़तोड़ में हैं कि उनसे बंगला खाली न कराया जाए. इधर गृह विभाग ने मंत्रियों के हिसाब से खाली बंगलों में काबिज पूर्व विधायकों और मंत्रियों की सूची भी सीएम सचिवालय को भेज दी है.

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मंत्रियों को जिलों में काम सौंपने की तैयारी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल के सदस्यों को भोपाल से लेकर दिल्ली तक चले लंबे विचार मंथन के बाद विभागों का बंटवारा हुआ. इसके बाद अब प्रभार के जिलों का वितरण होना बाकी है. जिलों का प्रभार भी भाजपा हाईकमान की हरी झंडी के बाद ही होगा. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोहन कैबिनेट के मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाया जाना है. खासतौर पर ऐसे जिले जहां विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा के चुनाव नतीजों के हिसाब से आधा दर्जन संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत सत्ताधारी दल से ज्यादा था. इसलिए सत्ता-संगठन के बड़े नेता अभी से सतर्क हो गए हैं.

ट्राइबल और दलितों वाले जिलों पर फोकस: मुख्यमंत्री मोहन यादव और दोनों डिप्टी सीएम सहित सभी 31 मंत्रियों के बीच प्रदेश के सभी 55 जिलों के प्रभार निर्धारित होंगे. इनमें खासतौर पर आदिवासी बहुल जिलों को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. मंत्रिमंडल में शामिल ट्राइबल क्षेत्रों के नेताओं को उन्हीं जिलों की कमान सौंपी जाएगी.

Last Updated :Jan 3, 2024, 8:57 AM IST
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