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MP Ke Maharaj: हवाई घोषणाएं नहीं करती कांग्रेस, सरकार बनी तो निभाएंगे वचन, खजाना कर्ज से नहीं 'विकल्प' से भरेंगे कमलनाथ-गोविंद सिंह

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 24, 2023, 10:14 AM IST

Updated : Sep 25, 2023, 2:02 PM IST

मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के दावे कर रहे हैं. कोई प्रत्याशी घोषित कर रहा है तो कोई वादे कर रहा है. इस बीच ETV भारत लेकर आया चुनाव कवरेज का विशेष सेगमेंट 'MP के महाराज'. इसी सेगमेंट में होगी चुनावी चर्चा मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह से. नेता प्रतिपक्ष से खास बातचीत की ETV भारत संवादाता पीयूष श्रीवास्तव ने...

Govind Singh conversation with ETV Bharat
डॉ. गोविंद सिंह की ईटीवी भारत से खास बातचीत

डॉ. गोविंद सिंह की ईटीवी भारत से खास बातचीत

भिंड। सत्ता, शक्ति और वर्चस्व का समागम है मध्यप्रदेश की राजनीति में. ये वही मध्यप्रदेश है जिसे वर्षों तक बीमारू राज्य कहा गया. ये वही प्रदेश है जहां 2020 का सत्ता परिवर्तन नया इतिहास रच गया. एक बार फिर मध्यप्रदेश चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. देश की सबसे बड़ी दोनों सियासी पार्टियां सत्ता सुख के लिए पूरा दमखाम झोंक रही हैं. मुख्यमंत्री अपना किला बचाने के लिए दिन रात विधानसभा वार यात्राएँ कर रहे हैं, तो वहीं 72 वर्ष की उम्र में भी नेता प्रतिपक्ष फिर सरकार में आने के लिए जनता से समर्थन मांग रहे हैं. किला कौन फतह करेगा अभी तय नहीं है, लेकिन दावों में दोनों ही दल जीत का सेहरा बांध चुके हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह इन दिनों जन आक्रोश यात्रा के साथ भिंड में हैं. इस दौरान उन्होंने ETV Bharat से खास बातचीत की, नजर डालिए इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू पर.

सवाल- जनता में जन आक्रोश यात्रा का कैसा समर्थन मिल रहा है, एक तरफ बीजेपी लगातार प्रदेश में घूम रही है और अब पीछे पीछे विपक्ष भी?
जवाब- नहीं विपक्ष तो आगे-आगे हैं. हमारा कार्यक्रम शिवराज सरकार के 18 साल के कार्यकाल में जो पूरे प्रदेश को उन्होंने बर्बाद कर दिया. पूरे प्रदेश के खजाने को दिवालिया कर दिया. बड़े व्यापारी हों या छोटे व्यापारी सभी को भारतीय जनता पार्टी की नीतियों ने बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है. इसलिए समूचे प्रदेश के समाजों का भाजपा के प्रति आक्रोश है नाराजगी है. ये रैलियों हमारी दो तीन महीने पहले से ही शुरू हो गई हैं. हमने ग्वालियर में जन आक्रोश रैली जबलपुर में की. सागर में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आए. हमारी रैलियां पहले से चल रही हैं. अब हम हर विधानसभा क्षेत्र में जन आक्रोश यात्रा निकाल रहे हैं. हमारे सात वरिष्ठ नेता हैं जो उन क्षेत्रों में जाकर रैलियां कर रहे हैं. जनता को जनजागरण कर रहे हैं और भाजपा सरकार को उखाड़ने के लिए जनता से अपील कर रहे हैं.

सवाल- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि इस बार BJP की अप्रत्याशित जीत होगी वह जहां भी जा रहे हैं लोगों के चेहरे पढ़ रहे हैं, आपका क्या कहना है?
जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 2018 के चुनाव से पहले भी कहते है कि ''अबकी बार 200 पार'', फिर 200 पार हुए क्या! वह तो खरीद फरोख्त करके प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का खजाना भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने, मंत्रियों ने, कार्यकर्ताओं ने मिलकर लूट लिया था. उसी खजाने से पशुओं की तरह विधायकों की खरीद फरोख्त करके कांग्रेस की सरकार गिरायी थी और अब उसका परिणाम आने वाले चुनाव में दो महीने में प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी को देगी.

सवाल- अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो ऐसे कौन सी योजनाएं होंगी जिन पर मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाले हैं?
जवाब- हमारा घोषणा पत्र यानी वचन पत्र बनकर तैयार हो चुका है. जल्द ही हम उसकी घोषणा करने वाले हैं और क्या योजना है, कार्यक्रम विस्तार से लिखा गया है जल्द ही प्रदेश की जनता के सामने उसे लाया जाएगा.

सवाल- मुख्यमंत्री ने 54 जिले पाण्डुर्ना की घोषणा की है, देख जाए तो उन्होंने कमलनाथ को छिंदवाड़ा से अलग कर दिया, क्योंकि उनकी विधानसभा सौंसर अब छिंदवाड़ा नहीं पाण्डुर्न का हिस्सा होगी, क्या कहेंगे?
जवाब- नहीं, ऐसा है कि यह कमलनाथ तो पूरे प्रदेश के नेता हैं, उनको अलग करने से कोई फर्क नहीं पड़ता. यह सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की हल्की मानसिकता है कि विपक्ष के जो वरिष्ठ नेता हैं उनको अपमानित करना बेज्जत करने का कृत्य सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है, कांग्रेस नहीं कर सकती.

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सवाल- 1500 रुपए प्रतिमाह महिलाओं को देने की घोषणा कांग्रेस ने की है, पहले सरकार बनी तब कहा था खजाना खाली मिला, प्रदेश में अब तक बीजेपी सरकार 3 लाख 41 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. इस परिस्थिति में आप सरकार बनायेंगे तो पंद्रह सौ का इंतजाम कैसे करेंगे?
जवाब- हमारे नेता कमलनाथ ने पूरी तरह चर्चा कर ली है. जब वह वचन पत्र तैयार करते हैं तो सभी अर्थशास्त्रियों को बुलाते हैं. हम लोग साथ बैठते हैं कमेटी में सदस्य होने के नाते अब विस्तार से चर्चा होती है कि ये पैसा कहां से लाएंगे, कमलनाथ सोच लेते हैं ये पैसा कहा से मिलेगा तभी कोई घोषणा कर रहे हैं. हवाई घोषणाएं करना कांग्रेस का काम नहीं है. पहले भी 2018 में खजाना खाली था. कमलनाथ ने वादा किया था कि किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करेंगे. 27 लाख 87 हजार किसानों का कर्जा माफ कर दिया था. केवल आठ लाख किसान रह गये थे. उनके लिए आगामी बजट में प्रावधान कर चुके थे लेकिन वह बजट पास होने से पहले ही सरकार गिर गए, इसलिए वह नहीं हो पाया. जो जो कहा था वह सब किया. जिस नेता का विजन और जिस नेता पर विश्वास हो जनता का तो बड़े बड़े पूंजीपतियों से निवेश आता है. कमलनाथ के समय पूरे देश के विश्व के लोग इकट्ठा हुए थे, बड़े बड़े पूंजीपति कारखानों के मालिक यहाँ उद्योग लगाना चाहते थे. एग्रीमेंट तक हो चुके थे. जैसे ही शिराज सिंह की सरकार आयी उन्होंने शिवराज सिंह का चेहरा देखा जिसके बाद उन्होंने वापस हाथ खींच लिए.

सवाल- ज्योतिरादित्य सिंधिया तो जिस मंच पर जा रहे हैं वहाँ कह रहे हैं कि कांग्रेस ने वादा खिलाफी की झूठी कर्ज माफी की!
जवाब: ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो खुद ही खेद व्यक्त करना चाहिए. अभी तक उनके भाषण मुझे याद है वे कैहते थे ये मुख्यमंत्री के हाथ किसानों के खून से रंगे हैं. और अब उन्हें शिवराज सिंह के हाथों के पीछे पीछे वे कदमताल करते हैं ऐसा क्यों है. कुछ भी बोलने से पहले वह पहले उन्हें अपना पिछला इतिहास देख लेना चाहिए.

Last Updated : Sep 25, 2023, 2:02 PM IST
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