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भिंड में पैर पसार रहा है एड्स, 660 मरीज मिले HIV संक्रमित

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Published : Dec 17, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 11:04 PM IST

Increasing  AIDS patients in Bhind
भिंड में एड्स मरीजों की बढ़ती संख्या

भिंड में एड्स के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले छह साल में 660 मरीजों में एचआईवी के लक्षण मिले हैं, जिनमें से 220 मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल से लिंक किया गया है, बाकी मरीजों का इलाज ग्वालियर में चल रहा है.

भिंड। एचआईवी यानी एड्स, एक ऐसी बीमारी है, जो न सिर्फ लोगों को शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक और सामाजिक तौर पर भी कमजोर बनाती है. भिंड में सरकार और स्वास्थ्य विभाग के तमाम जागरूकता अभियानों के बावजूद प्रशासन की पोल खुल रही है क्योंकि भिंड जिले में लगातार एड्स पांव पसार रहा है, पिछले छह सालों में करीब 660 मरीजों में एचआईवी के लक्षण मिले हैं, इसी गंभीर बीमारी ने एक परिवार को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जिसके चलते मां-बेटे को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

प्रशासन से मदद की आस में पीड़ित महिला सालों से गुहार लगा रही है, लेकिन फरियादी मां को सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला. इस बीमारी ने पहले शारीरिक रूप से कमजोर किया, फिर सामाज में पकड़ कमजोर किया और अब बीमारी के साथ-साथ गरीबी ने भी जीना मुहाल कर दिया है. एक कमरे के मकान में रहने वाली महिला के साथ उसके 10 साल के बेटे का भविष्य भी बर्बाद हो रहा है. अब उसका शरीर साथ नहीं देता और आंखों की रोशनी भी फीकी होने लगी है, ऐसे में घर की जिम्मेदारी मासूम के कंधों पर है, जिसके चलते बेटा कभी चाय तो कभी सब्जी बेचकर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करता है. इसी बीमारी के चलते 10 साल पहले इस महिला के पति की मौत हो चुकी है, दीपावली के समय घर में आग लगने की वजह से पूरी गृहस्थी जल गई थी.

660 मामले आए सामने

इस बीमारी के चलते सैकड़ों मरीज ऐसा ही व्यवहार झेल रहे हैं. भिंड में इन मरीजों के आंकड़ों का पता लगवाया तो वो चौंकाने वाले थे. जिला अस्पताल के एचआईवी आईसीटीसी में 660 मामले सामने आए हैं. जिनमें से 220 मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल से लिंक किया गया है. बाकी मरीजों का इलाज ग्वालियर में चल रहा है.

पिछले 6 साल के आंकड़े (मरीजों की संख्या)

  • 2013-14 = 48
  • 2014-15 = 45
  • 2015-16 = 45
  • 2016-17 = 72
  • 2017-18 = 58
  • 2018-19 = 66
  • 2019= 59
Intro:एचआईवी संक्रमण यानी एड्स एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ लोगों को शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक और सामाजिक तौर पर भी कमजोर बनाती है इसका उदाहरण हमें भिंड जिले में देखने को मिलता है जो सरकार और स्वास्थ्य विभाग के तमाम जागरूकता अभियानों की पोल खोल रहा है जहां एक गरीब परिवार जिसमें सिर्फ एक मां है और एक 10 साल का मासूम बेटा आज एड्स की बदौलत भूखों मरने को मजबूर है प्रशासन से मदद की आस में पीड़ित मां सालों से लगातार गुहार लगा रही है लेकिन अफसर आए और गए पर मदद को हाथ किसी ने आगे नहीं बढ़ाए


Body:भिंड शहर के अटेर रोड इलाके में रहने वाली शशि कला चौहान पिछले 10 सालों से एचआईवी संक्रमण से जूझ रही हैं उनकी बीमारी ने शरीर तोड़ा और गरीबी ने मनोबल एक कमरे के घर में रहने वाली शशि कला हर माता-पिता की तरह अपने 10 साल के मासूम बेटे का उज्जवल भविष्य चाहती थी लेकिन उनकी बीमारी आज मासूम का बचपन छीन रही है क्योंकि शरीर अब साथ नहीं देता और आंखों से अब दिखाई नहीं देता ऐसे में घर की जिम्मेदारी मासूम बेटे के कंधों पर है जिसके लिए बेटा देव चौहान चाय बेचकर तो कभी सब्जी बेचकर चार पैसे कमाता और खुद के लिए और मां के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करता।

शशि कला का कहना है कि उनके पति की 10 साल पहले एड्स की वजह से मौत हो गई थी और अब खुद उनकी इस हालत की वजह से बेटे की पढ़ाई भी छूट गई क्योंकि दवा है यह हो या रोटी पैसे बेटा ही कम आता है वह बचे समय में पढ़ाई करता था लेकि पैसे बेटा ही कम आता है वह बचे समय में पढ़ाई करता था लेकिन दीपावली के समय घर में आग लगने की वजह से सामान के साथ बेटे की किताबें भी जल गई अब घर में सोने के लिए बिस्तर तक नहीं है ना ही आज इतना पैसा है कि बेटे को किताबें दिला सकें।

वहीं उनकी माली हालत ठीक नहीं है वह कमरे के घर में रहती हैं जो उनके साथ के नाम है और एड्स की बीमारी की वजह से उनके पति के बड़े भाई उन्हें इस घर से निकालना चाहते हैं जब तक ससीकला जीवित हैं तब तक तो बेटे के ऊपर साया है लेकिन बाद में कौन देखेगा कई बार आर्थिक मदद पेंशन और अपने साथ हो रही इस नाइंसाफी को लेकर प्रशासन के आगे गुहार लगाई लेकिन कोई अफसर मदद को आगे नहीं आया हर बार उनसे आवेदन लिया जाता है और बाद में कचहरी के चक्कर पर चक्कर लगाते रहते हैं

इस बीमारी के चलते जिले के सैकड़ों मरीज ऐसा व्यवहार खेल रहे हैं जब हमने जिले में इन मरीजों के आंकड़े पता किए तो स्थिति चौंकाने वाली थी जिला अस्पताल में बने एचआईवी आईसीटी सी मैं पता किया तो वर्तमान में 660 केस एचआईवी पॉजिटिव सामने आए जिनमें से 220 मरीजों को इलाज के लिए सीधा जिला अस्पताल में लिंक किया गया है बाकी मरीजों का इलाज ग्वालियर से चल रहा है

स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल एड्स दिवस मनाया जाता है और समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं फिर भी भिंड में देखने में आया है कि हर साल इन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है

पिछले 6 साल के आंकड़े (वर्षवार मरीजों की संख्या)
2013-14 = 48
2014-15 = 45
2015-16 = 45
2016-17 = 72
2017-18 = 58
2018-19 = 66
2019- वर्तमान = 59

लगातार बढ़ने एचआईवी संक्रमित मरीजों को लेकर जब जिले के सीएमएचओ जेपीएस कुशवाह से बात की गई तो उन्होंने बताया एड्स के मरीजों के लिए इलाज शासन की ओर से मुफ्त में मुहैया कराया जाता है उन्होंने यह भी बताया कि एड्स मुख्य चार कारणों से होता है ब्लड इंफेक्शन अनसेफ सेक्सुअल एक्टिविटी इनफेक्टेड नीडल और मदर इनहेरिटेंस लेकिन भिंड जिले में जो कैसे सामने आए हैं उनमें सेक्सुअल ट्रांसलेशन छोड़कर बाकी तीनों कारण 99 फ़ीसदी कंट्रोल है जिले में एड्स के जो मरीज हैं वह गरीब परिवारों से हैं खासकर मजदूर परिवारों से जो अहमदाबाद में काम करते हैं और यह लोग अहमदाबाद से ही एचआईवी वायरस लेकर आते हैं जिसकी वजह से उनके पति या पत्नी में भी संक्रमण आ जाता है

शशि कला के केस में भी यही हुआ कि उनके पति की बीमारी ने उन्हें भी अपनी चपेट में ले लिया और आज उनके सामने जीवन यापन और बेटे के भविष्य की मुसीबत खड़ी है उनकी हालत को देखते हुए प्रशासन तो आंखों पर पट्टी बांधे हैं लेकिन हाल ही में शहर के एक समाजसेवी ने मदद को हाथ बढ़ाएं और उन्हें चाय बेच रहे देव चौहान को कुछ दैनिक उपयोग की चीजें दिलाकर घर पर ही एक दुकान खुलवा दी है जहां सामान बेचकर देव अपना और अपनी मां का पेट भरने की कोशिश कर रहा है

ईटीवी भारत में जिंदगी की जंग लड़ रहे मां बेटे की समस्या को भिंड विधायक से रूबरू कराया जिस पर धन्यवाद देते हुए बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है


Conclusion:पीटीसी- भले ही सरकार तमाम अभियान और प्रचार-प्रसार के जरिए लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने में लगी हो लेकिन इसके बावजूद भिंड जिले में एड्स के आंकड़ों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है वर्तमान में 660 मरीज एचआईवी से पीड़ित हैं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिले में कोई केस डिवेलप नहीं हुआ है यहां संक्रमण गुजरात से फैल रहा है ऐसे में जागरूकता की कमी से चौहान और उनके मासूम बेटे के लिए परेशानी बन गई है जिन्हें ना तो अपनों का साथ मिला न प्रशासन की मदद हालांकि विधायक ने मदद का आश्वासन तो दिया है लेकिन पूरा होगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा

बाइट - शशिकला चौहान, एड्स की मरीज
बाइट- देव चौहान, शशिकला का बेटा
बाइट- जेपीएस कुशवाह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भिंड
बाइट - संजीव सिंह कुशवाह, स्थानीय विधायक
पीटीसी- पीयूष श्रीवास्तव संवाददाता
Last Updated :Dec 17, 2019, 11:04 PM IST
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