बैतूल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच शब्द बाणों की बौछार शुरू हो चुकी है. ऐसे में कई बार नेता संवैधानिक मर्यादाओं को लांघने की गलतियां भी कर रहे हैं. ताजा मामला जिले के भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है, जहां कांग्रेस पार्टी के नर्मदापुरम सम्भाग प्रभारी सज्जन सिंह वर्मा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कुम्भकर्ण कह डाला. वहीं सीएम से लेकर पीएम तक सभी के लिए मंच से तू तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल किया.
लाडली बहना योजना को लेकर शिवराज को घेराः मध्यप्रदेश में कांग्रेस इन दिनों आदिवासी सम्मान यात्रा के जरिए जनजातीय वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है. इसी सिलसिले में भैंसदेही विधानसभा पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंच से भाषण देते हुए कुछ ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे संवैधानिक मर्यादाओं के अनुरूप तो नहीं माना जा सकता. सज्जन सिंह वर्मा लाडली बहना योजना को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को घेर रहे थे. उनके मुताबिक "बहनों को मजबूत बनाने की याद शिवराज सिंह को 18 साल बाद आई. इसी के आगे उन्होंने सीएम शिवराज को कुम्भकर्ण कह दिया" और किस तरह से कहा ये आप खुद सुन लें.
भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें आदिवासीः सज्जन सिंह वर्मा ने आदिवासियों से अपील की है कि आगामी 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवसी दिवस पर आदिवासी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें. सभा के बाद जब मीडिया ने सज्जन सिंह वर्मा से सीएम को कुम्भकर्ण कहने पर सवाल पूछा तो उन्होंने थोड़े नरम लहजे में जवाब दिया, लेकिन जो कुछ मंच से कहा था उसे स्वीकार किया. इस कार्यक्रम के साथ ही कांग्रेस ने नर्मदापुरम संभाग में अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है.
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नर्मदापुरम संभाग को प्रभारी बने सज्जन सिंह वर्माः वहीं, सज्जन सिंह वर्मा नर्मदापुरम संभाग के प्रभारी बनाए गए हैं. कार्यक्रम में मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा सहित देशभर की तमाम उन घटनाओं को टारगेट किया गया. जहां आदिवासियों और दलितों के साथ जुल्म हुआ है. बात साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में बाकी मुद्दे एक तरफ और आदिवासियों दलितों के मुद्दे एक तरफ रहेंगे.