ETV Bharat / state

कांग्रेस ने CM नहीं बनाया तो सिंधिया ने की 'गद्दारी', ETV भारत से बोले विधायक हीरालाल अलावा

author img

By

Published : Oct 27, 2020, 4:04 PM IST

mla-dr-hiralal-alava
हीरालाल अलावा

हीरालाल अलावा ने वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत दिए गए पट्टों की फाइल गुम हो जाने को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं इस दौरान विधायक डॉ. हीरालाल ने ईटीवी भारत से बात की.

बड़वानी। पिछले 10 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में आदिवासी समूह वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पट्टों की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. आदिवासियों कि जिला प्रशासन द्वारा सुनवाई नहीं होने के चलते जयस के राष्ट्रीय संरक्षक व मनावर से विधायक डॉ हीरालाल अलावा धरना स्थल पहुंचे. जहां विधायक हीरालाल अलावा ने वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत दिए गए पट्टों की फाइल गुम हो जाने को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं इस दौरान विधायक डॉ. हीरालाल ने ईटीवी भारत से बात की.

हीरालाल अलावा ने ईटीवी भारत से बात की

सिंधिया ने कांग्रेस से की गद्दारी

ईटीवी भारत से बात करते हुए विधायक डॉ. हीरालाल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने जब उन्हें सीएम नहीं बनाया तो पार्टी से गद्दारी कर गए और बीजेपी से मिलकर सरकार गिरा दी. वहीं उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है. जिसके चलते प्रदेश में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है.

वन अधिकार अधिनियम की पट्टे की फाइल हुई गुम

डॉ. अलावा ने कहा कि 26 जून 2018 को 14 पात्र लोगों के वन अधिकार अधिनियम के पट्टे अब तक वितरित नहीं किए गए हैं. जिले से कुल 11 हजार 600 आवेदन पट्टों के लिए किए गए थे, लेकिन वन उत्सव मनाते हुए सीएम शिवराज ने मात्र 80 आदिवासियों के वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पट्टे दिए हैं. वहीं कलेक्ट्रेट बड़वानी में इससे संबंधित फाइल गुम हो गई हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों द्वारा हक व अधिकार की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

बीजेपी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को पहुंचाया आघात

डॉ अलावा ने मांग की है कि जिला प्रशासन उन अधिकारियों पर कार्रवाई करे जिन्होंने लापरवाही बरती है. उपचुनाव में नेताओं द्वारा मंचों से प्रचार के दौरान अभद्र भाषा को लेकर कहा की प्रदेश ही नहीं देशभर में राजनीति के प्रति नजरिया था. आज बीजेपी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुचाया है. 15 महीने में फिर चुनाव होने से प्रदेश की जनता दुखी है. युवा राजनीति में अच्छी भाषा शैली के साथ नैतिक मूल्यों की लोगों के हक में लड़ाई लड़े.

बीजेपी ने षड़यंत्र पूर्वक विधायकों को बीजेपी में कराया शामिल

वहीं कांग्रेस पार्टी में उठापठक को लेकर विधायक ने कहा कि कोई पार्टी छोड़कर भाग नहीं रहा है, यह सब भाजपा का षड्यंत्र है. षड्यंत्रपूर्वक विधायको को बीजेपी में शामिल किया जा रहा है. इस तरह की प्रणाली से प्रदेश की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है. विधायको की खरीद फरोख्त को लेकर डॉ हीरालाल ने कहा कि जो विधायक बिके हैं, वह खुद स्वीकार कर रहे हैं. उन्हें भी अलग-अलग माध्यम से प्रलोभन मिला था, पर वह बिके नहीं. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जनता गद्दारों को सबक सिखाएगी. वही उन्होंने पूरी 28 सीटों पर जीत का दावा करते हुए कमलनाथ सरकार फिर से बनने की बात कही.

क्यों उठा खरीद-फरोख्त का मुद्दा

बता दें ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 समर्थकों द्वारा कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद सिंधिया को गद्दार कहा जा रहा है. वहीं कांग्रेस से लगातार विधायकों के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगा रही है. बीते रविवार को दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. जिसके बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है. वहीं कमलनाथ के अलावा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी बीजेपी पर यह आरोप लगाया है.

दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर CM का पलटवार, कहा- कांग्रेस में सब गद्दार हैं क्या?

हीरालाल अलावा को जानिए

डॉ. हीरालाल अलावा जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हैं. साल 2013 में आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) का गठन किया गया था. यह पार्टी आदिवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए बनाई गई थी. 2018 में विधानसभा चुनाव में हीरालाल अलावा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. जिसके बाद वे कांग्रेस के प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़े थे.

आदिवासियों पर जयस का है फोकस

प्रदेश में आदिवासियों की आबादी 21 प्रतिशत से ज्यादा है. राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा करीब 30 सीटें ऐसी मानी जाती हैं जहां पर्याप्त संख्या में आदिवासी आबादी बसती है. इन्हीं को साधने के लिए जयस संगठन का गठन डॉ. हीरालाल अलावा ने किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.