Ujjain Mahakaleshwar Temple रविवार को बाबा महाकाल का राजा रूप में हुआ श्रृंगार, तस्वीरों में करें दर्शन...

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Published : Aug 21, 2022, 7:52 AM IST

Amazing makeup of Baba Mahakal
बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार ()

रविवार को उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान को आज भांग और चंदन, अबीर से उबटन कर श्रृंगार किया गया. बाबा महाकाल के मस्तक पर ड्राई फूड से त्रिमुण्ड, चांदी का त्रिसर नेत्र, चंदी का चंद्र और कानों में नाग धारण किए व फूलों से सजाकर श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई और उन्हें विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. Ujjain Mahakaleshwar temple

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल का आज बजरंग बली के रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. Ujjain Mahakaleshwar temple

baba mahakaal bhasmi
भस्मी में बाबा महाकाल

Comedian Raju Srivastava के जल्द स्वस्थ होने की कामना, बाबा महाकाल के मंदिर में हो रहा महामृत्युंजय जाप

बाबा महाकाल का गणेश के रूप में हुआ श्रृंगार: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल को आज भांग और अबीर चन्दन से श्रृंगार कर तैयार किया गया, (Baba Mahakal Makeup 21 August 2022) वहीं बाबा महाकाल के मस्तक पर ड्राई फूड से त्रिमुण्ड, चांदी का त्रिसर नेत्र, चंदी का चंद्र और कानों में नाग धारण किए व फूलों से सजाकर श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर गणेश के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाए गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. Mahakal Bhasma Aarti

Nandi Darshan
नंदी महाराज के दर्शन करें

मासिक शिवरात्रि-सोमवार व्रत विधि: मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर भगवान गणेश की पूजा करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना अवश्य की जाती है. महादेव और शिव परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी, शिवगणों की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, दूध या गाय का दूध, दही, शक्कर, शहद, शुद्ध घी, गन्ने के रस आदि से करें. मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भक्त बेलपत्र, भांग, चंदन, शहद और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री आदि अर्पित कर पूजा कर सकते हैं धतूरा, बेलपत्र और श्रीफल चढ़ाएं. अब आप शिव जी की धुप-दीप, फल और फूल आदि से पूजा-अर्चना करें. शिव पूजा करते समय आप शिव तांडव स्त्रोत, शिव पुराण, शिवाअष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं, लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.

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