Sagar Poor health system: मरीजों को बेहोश करने वाला Anaesthesia इंजेक्शन घटिया क्वालिटी का, बीएमसी ने कराई जांच तो हुआ खुलासा

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Published : Sep 10, 2022, 6:19 PM IST

Updated : Sep 10, 2022, 8:01 PM IST

Sagar poor health system

ऑपरेशन के पहले मरीजों को Anaesthesia दिया जाता है. यह इंजेक्शन के रूप में भी दिया जाता है. इसी तरह के एक इंजेक्शन को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ने मंगाया था. बड़ी तादात में कम कीमत वाले मंगाए गए इन इंजेक्शनों का, जांच रिपोर्ट आने के पहले ही सैकड़ों मरीजों पर इस्तेमाल कर लिया गया. जब रिपोर्ट आयी तो अधिकारियों के होश उड़ गए. जांच में इस इंजेक्शन को घटिया क्वालिटी का बताया गया है.(Sagar poor health system).

Sagar God trust health system: सागर। मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे चल रहा है. दरअसल ताजा मामला बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सामने आया है. जहां सरकार द्वारा मरीजों को बेहोश करने वाला (Anaesthesia) इंजेक्शन घटिया क्वालिटी का भेज दिया गया. ये इंजेक्शन मार्च अप्रैल माह में आया था. इसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. दो, 3 सितंबर को मिली जांच रिपोर्ट में पता चला है कि ये इंजेक्शन घटिया क्वालिटी का था. आनन फानन में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ने इंजेक्शन के उपयोग पर रोक लगा दी है. इस बारे में चिकित्सा विभाग को सूचित भी कर दिया है. खास बात ये है कि ये इंजेक्शन प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज में सप्लाई किया गया था. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 750 इंजेक्शन का उपयोग मरीजों पर कर भी लिया. गनीमत ये रही कि किसी मरीज पर इस इंजेक्शन का रिएक्शन नहीं हुआ. (sagar anaesthesia injection of poor quality)

सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज

जाने पूरा मामलाः दरअसल बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शासन द्वारा बेहोश करने वाले 1000 (Anaesthesia) इंजेक्शन "रूपिबैक हैवी" भेजे गए थे. इंजेक्शन काफी कम कीमत के थे. नियमानुसार जिस मेडिकल कॉलेज के पास जिस बैच की दवा सबसे पहले पहुंचती है. उस दवा का सैंपल लेकर मेडिकल कॉलेज के लिए जांच के लिए भेजना पड़ता है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ने इस नियम का पालन करते हुए जांच के लिए सैंपल भेज दिया. दूसरी तरफ बगैर जांच रिपोर्ट आये उसने मरीजों पर उसका उपयोग करना भी शुरू कर दिया. इस इंजेक्शन के सैंपल की रिपोर्ट 4 महीने बाद बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को प्राप्त हुई. रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए. वह इसलिए क्योंकि (Anaesthesia) इंजेक्शन एनएसक्यू "नान स्टैंडर्ड क्वालिटी" था. रिपोर्ट मिलते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में तत्काल इंजेक्शन का उपयोग बंद किया और शासन को भी अवगत कराया. (Sagar bmc got the investigation done and revealed)

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प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज में पहुंचा था (Anaesthesia) इंजेक्शनः खास बात ये है कि घटिया क्वालिटी का "रूपिबैक हैवी" इंजेक्शन सिर्फ बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज नहीं बल्कि प्रदेश की 13 मेडिकल कॉलेज में भेजा गया. ये इंजेक्शन मेडिकल कॉलेज भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, खंडवा,शिवपुरी,दतिया और रतलाम में भी भेजा गया था. विदिशा मेडिकल कॉलेज ने तो शासन को इंजेक्शन को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई थी. इंजेक्शन लगाने के बाद भी मरीज बेहोश नहीं हो रहे हैं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जिस तरह से 750 इंजेक्शन उपयोग कर लिए गए हैं. बाकी 12 मेडिकल कालेज ने भी इंजेक्शन का उपयोग कर लिया होगा. ऐसी स्थिति में घटिया क्वालिटी का ये इंजेक्शन उपयोग में लाया जाता रहा और 4 महीने बाद पता चला कि यह घटिया क्वालिटी का है. (Sagar poor health system anaesthesia injection)

क्या कहना है बीएमसी प्रबंधन काः बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ एसके पिप्पल का कहना है कि इंजेक्शन और दवा अस्पताल में उपयोग के लिए आते हैं. ये फार्मास्यूटिकल कंपनी से एजेंसी के माध्यम से आती हैं. इसमें जिस बैच की दवा या इंजेक्शन जिस मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले पहुंचती है. उसकी लैब टेस्टिंग के लिए एक सैंपल भेजा जाता है कि वह मानक स्तर का है या नहीं. उसी प्रक्रिया के तहत हमने जांच के लिए भेजा था. उस बैच का (Anaesthesia) इंजेक्शन सबसे पहले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज आया था. इसकी रिपोर्ट हमें 2 और 3 सितंबर को प्राप्त हुई है. जिसमें उसे एनएसक्यू (नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी) का पाया गया है. इंजेक्शन के नान स्टैंडर्ड क्वालिटी होने की वजह कुछ भी हो सकती है. इंजेक्शन की गुणवत्ता या फिर उसकी मात्रा में कमी हो सकती है. रिपोर्ट के बाद हमने तत्काल एनेस्थीसिया विभाग को सूचित कर इंजेक्शन के उपयोग पर रोक लगा दी है. (sagar anaesthesia injection of poor quality)

Last Updated :Sep 10, 2022, 8:01 PM IST
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