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दंगों में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के कानून पर MP उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

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Published : Aug 23, 2022, 10:48 PM IST

Highcourt notice to MP govt
दंगों में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के कानून पर एमपी उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

दंगों में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के कानून पर मप्र उच्च न्यायालय ने जवाब मांगते हुए कहा कि हिंसक घटनाओं में सरकारी तथा निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दोषियों से वसूली की जा सकती है.Highcourt notice to MP govt

इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक विशेष कानून को "असंवैधानिक" घोषित करने की याचिका पर राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया, इस कानून में ऐसे प्रावधान हैं जिनके तहत दंगों और अन्य हिंसक घटनाओं में सरकारी तथा निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दोषियों से वसूली की जा सकती है. Highcourt notice to MP govt

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से लगाई ये गुहार: उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति अमरनाथ केशरवानी ने "मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली अधिनियम 2021" के खिलाफ खरगोन की फरीदा बी (45) की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. इस याचिका पर 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई संभावित है. महिला ने याचिका में यह आरोप लगाते हुए इस विशेष कानून को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार की है कि इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" के मकसद से बनाया गया है और इसके जरिये नागरिकों के खिलाफ मनमाने तरीके से मुकदमा चलाकर उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है. याचिकाकर्ता के वकील अशहर वारसी ने बताया कि उनकी मुवक्किल के पति फिरोज खान उर्फ सैजू को खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा निकलने के बाद हुए दंगों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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महिला को सता रहा डर: वारसी के मुताबिक याचिकाकर्ता महिला को डर है कि विशेष कानून को उसके परिवार के खिलाफ गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि उनकी मुवक्किल ने अंतरिम राहत के तौर पर उच्च न्यायालय से गुहार की है कि इस कानून के तहत गठित दावा अधिकरण की सभी कार्यवाहियों पर तब तक रोक लगा दी जाए, जब तक उसकी याचिका का अंतिम निपटारा नहीं हो जाता.

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