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इंदौर ZOO यहां मौजूद हैं 30 प्रजातियों के 300 ज्यादा दुर्लभ पक्षी, लैला-मजनू, करन-अर्जुन भी हैं मौजूद

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Published : Apr 23, 2022, 3:46 PM IST

इंदौर के कमला नेहरू प्राणी उद्यान में दुनिया भर के 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा दुर्लभ पक्षी मौजूद हैं, जिन्हें चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने लैला-मजनू, करण-अर्जुन, मोर-मुकुट और ओम-सुंदरी जैसे नाम दिए हैं. खास बात यह है कि ये पक्षी अपना नाम सुनकर प्रतिक्रिया भी देते हैं. (Kamala Nehru Zoological Park Indore) (Parrots of 30 species live in Indore Zoo)

Kamala Nehru Zoological Park Indore
इंदौर के चिड़ियाघर में 30 प्रजातियों के तोते रहते हैं

इंदौर। हर किसी के नाम से उसकी पहचान होती है चाहे वह नाम लैला-मजनू हो, करण-अर्जुन हो, मोर-मुकुट या फिर ओम-सुंदरी ही क्यों ना हो. दरअसल हम ये इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि यह नाम इंदौर के चिड़ियाघर के उन दुर्लभ पक्षियों के हैं, जो अब नाम लेकर बुलाने पर चिड़ियाघर के कर्मचारियों के पास दौड़े चले आते हैं. इतना ही नहीं एशिया और अमेरिकी महाद्वीप के इन विभिन्न दुर्लभ पक्षियों को अब चिड़ियाघर में उनके नाम से ही जाना जाता है. (Kamala Nehru Zoological Park Indore) (Parrots of 30 species live in Indore Zoo)

इंदौर के चिड़ियाघर में 30 प्रजातियों के तोते रहते हैं

बात भी समझकर जवाब देते हैं पक्षी: इंदौर के कमला नेहरू प्राणी उद्यान में दुनिया भर के 30 प्रजातियों के 300 से ज्यादा दुर्लभ पक्षी मौजूद हैं, जिन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए पक्षी विहार में आश्रय स्थल मुहैया कराया गया है. पक्षी विहार को इस तरह बनाया गया है कि यहां सभी पक्षी प्राकृतिक खुले माहौल में विचरण कर सकें, इन्हें देखने आने वाले भी उनके आसपास मौजूद है. यहां पर पक्षियों के पसंदीदा भोजन और पूरे परिसर में उन्हें उनमुक्त रूप से उड़ने और बैठने के लिए प्राकृतिक आश्रय स्थल भी हैं, जहां ब्राजील से लाया गया मकाउ तोता, कैलिफोर्निया का कुवैल, कन्नूर बोकादू पजरीगर कोकाटील ट्वीलस आदि सुंदरतम पक्षी हैं. चिड़ियाघर लाए जाने के बाद चिड़ियाघर और पक्षी विहार के कर्मचारियों से सारे तोते एवं अन्य प्रजातियों के पक्षी इतने हिल मिल गए हैं कि अब उनके एक आवाज लगाने से पास में चले आते हैं और उनकी बात भी समझते हैं और जवाब भी देते हैं. इसके अलावा कई पक्षी कर्मचारियों का कहना भी मानते हैं, लिहाजा सुंदर प्राणियों का संवाद देखकर यहां आने वाले सैलानी भी पक्षियों का व्यवहार देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं.

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हैबिटेट के अनुसार तैयार है पक्षी विहार: इंदौर के प्राणी संग्रहालय में मौजूद पक्षी विहार पक्षियों के हैबिटेट के अनुसार तैयार किया गया है. यहां पक्षियों के व्यापक अध्ययन के साथ ही उनके आवासीय स्थल प्राकृतिक रूप से विकसित किए गए हैं. इसमें सबसे जरूरी इस बात का ध्यान रखा गया है कि मूल रूप से जिन देशों के यह पक्षी हैं उन्हें वहां वैसा ही क्लाइमेट मुहैया कराया जाए, इसलिए पक्षी विहार के अंदर फव्वारे, रेनफॉल, स्प्रिंकलर और उनके अलग-अलग घोसले भी तैयार किए गए हैं. जहां अब ये पक्षी ग्रोथ भी कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें यहां का सुरम्य माहौल खासा रास आ रहा है.

ऐसे दिए गए पक्षियों के नाम: प्राणी उद्यान में पक्षियों के लिए तैयार किए गए पक्षी विहार में जो कर्मचारी तैनात किए गए हैं, उनकी जिम्मेदारी पक्षियों की देखभाल खानपान एवं केयर करने की है. लिहाजा पक्षियों को दाना-पानी डालने से लेकर उनके ध्यान रखने के दौरान जिस कर्मचारी ने जिस पक्षी को जो नाम दिया, वही उसका नाम पड़ गया. धीरे-धीरे संबंधित पक्षी भी उस नाम पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगा देखते ही देखते सभी प्रमुख तोतों के नाम अलग-अलग कर्मचारियों ने दिए जो उनकी देखभाल करते थे अब संबंधित पक्षियों के वही नाम पड़ गए हैं.

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यह हैं पक्षियों के नाम
मंजुनू: इंडोनेशिया का दुर्लभ तोता.
लैला: इंडोनेशिया की ही फीमेल तोता.
शाकाल: साउथ अमेरिका का सफेद तोता.
चार्ली: इंडोनेशिया का तोता.
करन-अर्जुन: साउथ अमेरिका के तोते.
सारा: साउथ अमेरिका की फीमेल तोता.
मेघा: मकाउ स्पीशीज की फीमेल तोता.
मोर मुकुट: साउथ अमेरिका के ग्रीन चिक कैनयूर.
ओम सुंदरी: अफ्रीकन ग्रे पैरट.

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