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MP Cheetah Project: चीतों की दहाड़ से जल्द गूंजेगा चंबल का कूनो अभ्यारण, 15 अगस्त तक आने की संभावना

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Published : Aug 9, 2022, 8:33 PM IST

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मध्य प्रदेश में श्योपुर के कूनो पालपुर अभ्यारण में 8 चीते लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है, हालांकि अभी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है.भारत में अंतिम चीता 1947 में कोरिया इलाके में देखा गया था. इसके बाद 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया. (MP Cheetah Project)

ग्वालियर। भारत में 70 साल पहले विलुप्त हो चुके चीते एक बार फिर से देश की धरती पर दौड़ते नजर आएंगे. अफ्रीकी देश नामीबिया मध्य प्रदेश को 8 चीते देगा, जिन्हें श्योपुर के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में बसाने की तैयारियां शुरू हो गई है. इसको लेकर श्योपुर जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा है कि- "अफ्रीकी चीते 15 अगस्त के आस-पास या फिर सितंबर के माह में आएंगे. इसको लेकर पूरी तैयारी वन विभाग ने कर ली है ". हालांकि, पूरी तरह से प्रशासन और सरकार के मंत्री चीतों के आने की डेट को ओपन नहीं कर रहे हैं. चीतों को यहां लाए जाने के बाद उन्हें 'सॉफ्ट रिलीज एनक्लोजर' में रखा जायेगा. करीब 1 महीने तक चीते इसके अंदर एकांतवास में रखे जाएंगे. इससे चीते आसानी से यहां के वातावरण के अनुसार ढल सकेंगे.

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अफ्रीका और नामीबिया की टीम KNP का कर चुकी है दौरा: श्योपुर का कूनो पालपुर अभ्यारण (KNP) लंबे समय से नए मेहमानों का इंतजार कर रहा था, लेकिन योजना अब तक परवान नहीं चढ़ सकी है. अब अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. पिछले दिनों दोनों देशों के विशेषज्ञों की टीम यहां आई और पूरे अभ्यारण का दौरा करके लौटी. आपको बता दें एक कूनो पालपुर नेशनल पार्क 750 वर्ग मीटर में फैला है जो कि 6,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है.(Sheopur Kuno Palpur National Park)

एमपी को मिला है टाइगर स्टेट का दर्जा: भारत में अंतिम चीता 1947 में कोरिया इलाके में देखा गया था. इसके बाद 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की भारत में तेंदुओं पर जारी की गई 2018 की रिपोर्ट के अनुसार देश में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 3,421 तेंदुओं हैं. इसके बाद कर्नाटक में 1,783 तेंदुओं हैं. जबकि भारत ने इसके लिए नामीबिया सरकार के साथ एक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, चीतों को भारत लाने का मामला दक्षिण अफ्रीका में निजी खेल भंडार और वहां की सरकार के साथ अधिक बड़ी बिल्लियों के लिए समझौते करने की प्रक्रिया में है. अधिकांश चीतों को दान कर दिया गया है, जबकि भारत की कुछ निजी सोर्स से इसे खरीदने की योजना है. उन्होंने कहा कि इनके दाम 3,000-4,000 अमेरिकी डॉलर प्रति पशु है.(MP Cheetah Project)

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